बुधवार, 23 अक्तूबर 2019

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था श्री गोविन्द हिन्दी साहित्य सेवा समिति की ओर से मंगलवार 22 अक्टूबर 2019 को रमेश विकट, डॉ अर्चना गुप्ता एवं डॉ रीता सिंह के सम्मान में काव्य संध्या का आयोजन

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था श्री गोविन्द हिन्दी साहित्य सेवा समिति के तत्वावधान में मंगलवार 22 अक्टूबर 2019 को आयोजित सम्मान समारोह एवं काव्य-संध्या में वरिष्ठ साहित्यकार  रमेश विकट (बरेली), डॉ अर्चना गुप्ता (मुरादाबाद) एवं डॉ रीता सिंह (मुरादाबाद) को मान पत्र, अंग वस्त्र, एवं प्रतीक चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया।  अध्यक्षता रमेश विकट ने की। मुख्य अतिथि डॉ आर सी शुक्ला एवं विशिष्ट अतिथि डॉ महेश दिवाकर, ओंकार सिंह 'ओंकार', योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई एवं वीरेंद्र सिंह 'बृजवासी' थे। माँ शारदे की वंदना राम सिंह निशंक ने प्रस्तुत की । संचालन संयुक्त रूप से राजीव 'प्रखर' एवं श्रीकृष्ण शुक्ल द्वारा किया गया।

काव्य संध्या में शायर मुरादाबादी, राजीव 'प्रखर,' रघुराज निश्चल, हेमा तिवारी भट्ट, उदय प्रकाश उदय, श्रीकृष्ण शुक्ल, रामसिंह निशंक, रामवीर सिंह वीर, डॉ मनोज रस्तोगी, अशोक विश्नोई, डॉ अर्चना गुप्ता, डॉ रीता सिंह, रवि चतुर्वेदी, ओंकार सिंह ओंकार, वीरेंद्र बृजवासी, योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई, डॉ महेश दिवाकर, डॉ आरसी शुक्ला एवं श्री रमेश विकट ने काव्य पाठ किया। संस्था के अध्यक्ष श्री राम वीर सिंह वीर ने आभार-अभिव्यक्त किया। 



















सोमवार, 7 अक्तूबर 2019

वाट्स एप पर संचालित साहित्यिक मुरादाबाद समूह में रविवार 6 अक्टूबर 2019 को हुआ 170 वां वाट्स ऍप हस्तलिपि कवि सम्मेलन एवं मुशायरा

मेरे द्वारा वाट्स ऍप पर संचालित साहित्यिक मुरादाबाद समूह में  रविवार को हस्तलिपि वाट्सएप कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया जाता है। समूह की ओर से यह अनोखी शुरुआत सन 2016 में की गई थी । इस शुरुआत को प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया पर जमकर सराहा भी गया । यह आयोजन निरंतर जारी  है। इन आयोजन में मुरादाबाद मंडल के साहित्यकार सादे कागज पर  स्वरचित काव्य रचना अपनी हस्तलिपि में लिखते हैं । रचना के अंत में हस्ताक्षर करते हैं । अपना नाम, पता और मोबाइल फोन नंबर लिखते हैं ।  कागज के एक कोने में अपना पासपोर्ट साइज का फ़ोटो भी चिपकाते हैं । अब इसका चित्र लेकर उसे साहित्यिक मुरादाबाद में  साझा कर देते हैं ।

6 अक्टूबर 2019 को  170 वां वाट्स एप  हस्तलिपि कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया गया था । प्रस्तुत है इस आयोजन में शामिल रचनाकारों डॉ मीना नकवी, रवि प्रकाश जी, राहुल शर्मा, अलका अग्रवाल, मनोज मनु, अभिषेक रुहेला, राजीव प्रखर, डॉ रीता सिंह, श्री कृष्ण शुक्ल, बलवीर सिंह, नृपेंद्र शर्मा सागर और मेरी रचनाएं उन्हीं की हस्तलिपि में .....















बुधवार, 31 जुलाई 2019

मुरादाबाद में भी की थी महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना

धार्मिक और सांस्कृतिक नव जागरण के अग्रदूत महर्षि दयानन्द सरस्वती ने मुरादाबाद प्रवास के दौरान न केवल अपनी ओजस्वी वाणी से वैदिक धर्म का प्रचार किया बल्कि पादरी पार्कर (इन्हीं के नाम पर यहां पार्कर इंटर कालेज है)से कई दिन तक लिखित शास्त्रार्थ भी किया था। यही नहीं उन्होंने यहां आर्य समाज की स्थापना भी की । आर्य संस्कृति के प्रचार- प्रसार में इस आर्य समाज का उल्लेखनीय योगदान रहा है । वर्तमान में यह मंडी बांस में संचालित हो रहा है । महर्षि दयानन्द सरस्वती का आगमन मुरादाबाद में दो बार हुआ था। दोनों ही बार वह यहां राजा जयकृष्ण दास की कोठी में ठहरे और धर्म प्रचार किया।पहली बार महर्षि सन 1876 में मुरादाबाद आये और राजा साहब की कोठी के चबूतरे पर कई दिन व्याख्यान दिये। इसी दौरान रैबरेंड डब्ल्यू पार्कर साहब से लगभग पंद्रह दिन महर्षि दयानंद जी का लिखित शास्त्रार्थ हुआ था। शास्त्रार्थ के अंतिम दिन सृष्टि कब उत्पन्न हुई पर विशद् चर्चा हुई। उन्होंने उस समय यहां आर्य समाज की शाखा भी स्थापित की थी ,परन्तु उनके चले जाने के बाद यह समाप्त हो गयी थी।
 सन 1879 में 20 जुलाई को विधिवत हुई आर्य समाज मुरादाबाद की स्थापना
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महर्षि दयानन्द सरस्वती जब दूसरी बार तीन जुलाई सन 1879 को मुरादाबाद आये । राजा जयकृष्ण दास की कोठी पर ही उन्होंने पुनः आर्य समाज की स्थापना के संदर्भ में चर्चा की । चर्चा के दौरान साहू श्यामसुंदर ब्रजरतन कोठीवाल ने आर्यसमाज मंदिर के लिए भवन देने का वचन दिया। इसपर महर्षि ने राजा जयकृष्ण दास की कोठी पर ही 20 जुलाई 1879 को आर्य समाज की स्थापना कर दी और मुंशी इंद्रमणि को प्रधान बना दिया । मुंशी इंद्रमणि अरबी,फ़ारसी के विद्वान होने के साथ साथ इस्लाम व ईसाई धर्म के प्रखर आलोचक थे । राजा जयकृष्ण दास के पुत्र कुंवर परमानंद और ठाकुर शंकर ंिसंह को मंत्री नियुक्त किया। कोषाध्यक्ष श्यामसुंदर जी और पुस्तकालयाध्यक्ष जगन्नाथ दास जी बनाये। इसके अतिरिक्त 38 सदस्य बनाए गए ।
मंडी बांस में निर्मित भवन में स्थापित हुआ आर्य समाज मंदिर
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आर्य समाज के गठन के पश्चात साहू श्यामसुंदर की कोठी में विधिवत साप्ताहिक सत्संग प्रारम्भ हो गया। मंडी बांस में आर्य समाज मंदिर का भवन जब सन 1881 में बनकर तैयार हो गया तो यहां नियमित रूप से साप्ताहिक सत्संग प्रारम्भ हो गया। इस भवन के ऊपरी कक्ष में सत्संग होता था। नीचे के कक्ष में बलदेव संस्कृत पाठशाला स्थापित की गई जो कालांतर में स्थानांतरित हो गई। इस भवन का जीर्णोद्धार सन 1952 में डॉ कृष्ण कुमार ने तथा सन1998 में डॉ हंसराज चोपड़ा ने कराया। वर्तमान में इसी भवन में स्त्री आर्य समाज का भी संचालन हो रहा है । 
 प्रांतीय आर्य प्रतिनिधि सभा का मुख्यालय भी था यहां
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 आर्य प्रतिनिधि सभा पश्चिमोत्तर प्रदेश (वर्तमान उत्तर प्रदेश) की स्थापना सन 1886 में हुई थी। प्रतिनिधि सभा का मुख्यालय भी सन उन्नीस सौ तक मुरादाबाद में ही रहा । यहीं से प्रांत की समस्त आर्य समाजों का संचालन किया जाता था। प्रतिनिधि सभा द्वारा सन1896 में उर्दू साप्ताहिक पत्र मुहर्रिक का प्रकाशन शुरू किया गया। इस पत्र के संपादक प्रतिनिधि सभा के तत्कालीन मंत्री मुंशी नारायण प्रसाद (महात्मा नारायण स्वामी ) थे। इसका प्रकाशन आर्य भास्कर प्रेस से होता था। लगभग 1 वर्ष बाद यही मुहर्रिक हिंदी साप्ताहिक आर्यमित्र नाम से प्रकाशित होने लगा। लगभग छह वर्ष तक इसका प्रकाशन मुरादाबाद से हुआ।
 धूमधाम से मनाया गया था आर्य समाज स्थापना शताब्दी समारोह
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 आर्य समाज (मंडी बांस) मुरादाबाद का चार दिवसीय शताब्दी समारोह सन 1979 में धूमधाम से मनाया गया था । 21 अक्टूबर को शोभा यात्रा निकाली गई थी तथा 22 से 24 अक्टूबर तक यज्ञ, भजन, प्रवचन का आयोजन किया गया था । समारोह की अध्यक्षता आर्य विद्वान व इतिहासवेत्ता स्वामी ओमानंद सरस्वती ने की थी। संयोजक मंडल में डॉ हंसराज चोपड़ा, कृष्णलाल अरोड़ा, वीरेंद्र नाथ, रामप्रसाद गुप्त, महेश चंद्र आर्य, विनय कुमार, ज्ञान प्रकाश थे। इस अवसर पर डॉ कृष्ण कुमार के संपादन में स्मारिका का भी प्रकाशन हुआ था ।
 प्रत्येक मंगलवार को होता है साप्ताहिक सत्संग
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 आर्य समाज मंडी बांस के प्रधान निर्मल आर्य बताते हैं कि यहां प्रत्येक मंगलवार को सुबह साप्ताहिक सत्संग आयोजित होता है। प्रत्येक वर्ष होली पर्व से पूर्व तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव तथा जुलाई में तीन दिवसीय स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है । इसके अतिरिक्त नवसम्वत्सर पर प्रभातफेरी निकाली जाती है जो मंडी चौक, अमरोहा गेट, कोतवाली, गंज गुरहट्टी, कोर्ट रोड, गुलजारीमल धर्मशाला रोड, बुध बाजार होते हुए स्टेशन रोड आर्य समाज पर समाप्त होती है।
 होम्यो चिकित्सालय व योग शिक्षा केंद्र भी हो रहा है संचालित
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 मंत्री आर्य मनोज कुमार रस्तौगी ने बताया कि आर्य समाज मंडी बांस द्वारा गुरु बिरजानंद धार्मिक होम्यो चिकित्सालय का संचालन किया जा रहा है, जिसमें होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ संदीप कुमार प्रतिदिन प्रातः व सायं रोगियों की चिकित्सा व औषधि वितरण करते हैं। समाज द्वारा योग शिक्षा केंद्र भी संचालित किया जा रहा है ,जिसमें उनके द्वारा प्रतिदिन सुबह योग कक्षा संचालित की जाती है। प्रत्येक वर्ष जून में बीस दिवसीय योग शिविर भी आयोजित किया जाता है।
 स्त्री आर्य समाज का भी होता है सत्संग
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स्त्री आर्य समाज की मंत्राणी प्रीता आर्य बताती हैं यहां प्रत्येक शनिवार को सायं स्त्री समाज की ओर से साप्ताहिक सत्संग होता है ,जिसमें यज्ञ, भजन, प्रवचन का आयोजन किया जाता है। तीन दिवसीय वार्षिकोत्सव के अतिरिक्त मकर संक्रांति,होली व तीज पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं ।
 मनाया गया 141 वां स्थापना दिवस
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आर्य समाज मंडी बांस का तीन दिवसीय 141 वां स्थापना दिवस समारोह 20 से 22 जुलाई 2019 तक धूमधाम से मनाया गया ।प्रातः 7-30 से 11-00 बजे तक और सायं 5-00 से 8-30 बजे तक यज्ञ,भजन और प्रवचन आयोजित हुए । समारोह में बाराबंकी से आए वैदिक प्रवक्ता आचार्य सुरेश जोशी एवं भजनीक आचार्या रुक्मणि जोशी के व्याख्यान हुए।यज्ञ के ब्रह्मा आर्य पुरोहित पंडित ऋषिपाल शास्त्री रहे ।
 सत्यार्थ प्रकाश लिखने की प्रेरणा दी थी
राजा जय कृष्ण दास ने -
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 राजा जयकृष्ण दास की प्रेरणा से ही स्वामी दयानन्द सरस्वती ने सत्यार्थ प्रकाश की रचना आरंभ की। राजा साहब ने ही अनेक ग्रन्थ जर्मनी से मंगा कर स्वामी जी को दिये। यही नहीं सत्यार्थ प्रकाश का प्रथम प्रकाशन भी उन्होंने स्टार प्रेस काशी में कराया। सत्यार्थ प्रकाश के चौदहवें समुल्लास के संशोधन का गौरव भी मुरादाबाद के मुंशी इंद्रमणि को प्राप्त होता है। ::::::::::::::::प्रस्तुति::::::::::::





✍️डॉ मनोज रस्तोगी 8, जीलाल स्ट्रीट मुरादाबाद 244001 उत्तर प्रदेश,भारत मोबाइल फोन नंबर 9456687822

बुधवार, 19 जून 2019

मुरादाबाद की वरिष्ठ रंगकर्मी डॉ इंदिरा गुप्ता के निधन पर श्रद्धांजलि सभा -------------------------------------------
साहित्यिक संस्था 'अक्षरा' की ओर से सुप्रसिद्ध नवगीतकार माहेश्वर तिवारी जी के नवीन नगर स्थित आवास "हरसिंगार" पर 16 जून 2019 को एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें मुरादाबाद की वरिष्ठ रंगकर्मी, शिक्षिका एवं रचनाकार डॉ इंदिरा गुप्ता के आकस्मिक निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर उपस्थित वक्ताओं ने डा. इन्दिरा गुप्ता के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की। वरिष्ठ साहित्यकार डा. माहेश्वर तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि 'डा. इन्दिरा गुप्ता का निधन निश्चित रूप से मुरादाबाद के रंगमंच और साहित्य की बहुत बड़ी क्षति है। वह आकाशवाणी लखनऊ और रामपुर केन्द्र की एक महत्वपूर्ण तथा चर्चित नाटक कलाकार थी। उनकी संस्था 'मंजरी' की ओर से नाटक 'दिल की दुकान', 'माधवी', विष्णु प्रभाकर कृत 'युगे-युगे क्रांति' की प्रस्तुति काफी चर्चित रही।' साहित्यकार डा. मनोज रस्तोगी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि 'झांसी में 23 अप्रैल, 1939 को जन्मी डा. इन्दिरा गुप्ता बचपन से ही लेखन से जुड़ी रहीं, उनकी एक काव्य कृति 'अंतर्ध्वनि' भी प्रकाशित हुई। इसके अतिरिक्त संगीत, रंगमंच और साहित्य के क्षेत्र में भी उनका उल्लेखनीय योगदान रहा। उन्होंने 1984 में नाट्य संस्था 'मंजरी' की स्थापना की जिसके माध्यम से अनेक नाटकों का सफल मंचन हुआ।' अन्त में उपस्थित साहित्यकारों द्वारा 2 मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। श्रद्धांजलि सभा में श्री अशोक विश्नोई, योगेन्द्र वर्मा 'व्योम', राजीव 'प्रखर', विशाखा तिवारी, हेमा तिवारी भट्ट, मोनिका शर्मा 'मासूम', डा. नीरू कपूर, आनंद वर्धन शर्मा, भाषा तिवारी आदि उपस्थित रहे।
डॉ मनोज रस्तोगी
8, जीलाल स्ट्रीट
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत





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मंगलवार, 18 जून 2019

चौदह जून 2019 को आयोजित हुई राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति, मुरादाबाद की काव्य-गोष्ठी
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राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति, मुरादाबाद की मासिक काव्य-गोष्ठी, लाइन पार स्थित विश्नोई धर्मशाला में 14 जून 19 को आयोजित हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ ग़ज़लकार श्री ओंकार सिंह 'ओंकार' ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ रचनाकार श्री अशोक विश्नोई एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ मीना कौल मंचासीन हुईं। माँ शारदे की वंदना एवं संचालन श्री अशोक 'विद्रोही' ने किया। उपस्थित रचनाकारों में शायर 'मुरादाबादी', राजीव 'प्रखर' रघुराज सिंह 'निश्चल', अशोक 'विद्रोही', मनोज 'मनु', डॉ राकेश 'चक्र', रामेश्वर वशिष्ठ, राम दत्त द्विवेदी, आर पी गहोई, रमेश गुप्त, शबाब 'मैनाठेरी', डॉ मनोज रस्तोगी, डॉ मीना कौल, अशोक विश्नोई एवं ओंकार सिंह 'ओंकार' ने अपनी रचनाओं/अभिव्यक्तियों के माध्यम से, विभिन्न सामाजिक विषयों पर प्रकाश डाला। संस्था के उपाध्यक्ष श्री रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ द्वारा आभार-अभिव्यक्त किया गया।
डॉ मनोज रस्तोगी
 8,जीलाल स्ट्रीट
 मुरादाबाद 244001
 उत्तर प्रदेश, भारत


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गुरुवार, 13 जून 2019

मुरादाबाद के वरिष्ठ व्यंग्यकार श्री राजेश्वर प्रसाद गहोई को 'हस्ताक्षर साहित्यसेवी सम्मान'

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था 'हस्ताक्षर' के तत्वावधान में सात जून 20019 को महानगर के वरिष्ठ व्यंग्यकार राजेश्वर प्रसाद गहोई के आवास पर, सम्मान-अर्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें श्री राजेश्वर प्रसाद गहोई को हिन्दी साहित्य में उल्लेखनीय रचना कर्म के लिए, मानपत्र, अंगवस्त्र, श्रीफल व प्रतीक चिह्न आदि भेंट कर 'हस्ताक्षर साहित्यसेवी सम्मान' से सम्मानित किया गया। उल्लेखनीय है कि संस्था द्वारा मुरादाबाद के अति वरिष्ठ साहित्यकारों को, उनके जन्मदिन पर उनके आवास पर जाकर सम्मानित किए जाने की श्रृंखला आरंभ की गई है जिसमें, सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार श्री शिव अवतार रस्तोगी 'सरस', श्री सुरेश दत्त शर्मा 'पथिक' एवं श्री एस० पी० सक्सेना 'सूर्य' को इससे पूर्व सम्मानित किया जा चुका है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध साहित्यकार माहेश्वर तिवारी ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार डॉ अजय अनुपम तथा विशिष्ट अतिथि श्री अशोक विश्नोई रहे। संस्था के सह-संयोजक राजीव 'प्रखर' ने सम्मानित रचनाकार  राजेश्वर प्रसाद गहोई के व्यक्तित्व व कृतित्व पर आधारित आलेख-वाचन एवं आभार अभिव्यक्ति की। संचालन संस्था के संयोजक योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने किया। इस अवसर पर उपस्थित साहित्यकारों ने श्री गहोई की रचना-धर्मिता एवं साहित्यिक समर्पण के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में स्थानीय साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी, डॉ पूनम बंसल, डॉ कृष्ण कुमार नाज़ आदि उपस्थित रहे।
  





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सोमवार, 3 जून 2019

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिंदी साहित्य संगम द्वारा दो जून 2019 को आयोजित काव्य-गोष्ठी ----

      मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम मुरादाबाद की दो जून 2019 को मिलन विहार स्थित सनातन धर्मशाला पर काव्य गोष्ठी आयोजित हुयी। अध्यक्षता वरिष्ठ रचनाकार श्री योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने की। मुख्य अतिथि श्री अशोक विश्नोई एवं विशिष्ट अतिथि के रुप में श्री ओंकार सिंह 'ओंकार' मंचासीन हुए। माँ शारदे की वंदना श्री राम सिंह 'नि:शंक' ने प्रस्तुत की तथा संचालन राजीव 'प्रखर' ने किया। आर० के० सैनी, आवरण अग्रवाल 'श्रेष्ठ', अशोक 'विद्रोही', मोनिका 'मासूम', हेमा तिवारी भट्ट, जितेन्द्र कुमार 'जौली', राजीव 'प्रखर', डॉ मनोज रस्तोगी, वीरेन्द्र सिंह 'ब्रजवासी', राम सिंह 'नि:शंक', राम दत्त द्विवेदी, रामेश्वर वशिष्ठ, ओंकार सिंह 'ओंकार', अशोक विश्नोई एवं योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई ने अपनी रचनाओं/अभिव्यक्ति के माध्यम से विभिन्न सामाजिक विषयों पर प्रकाश डाला। संस्था के अध्यक्ष श्री राम दत्त द्विवेदी ने आभार-अभिव्यक्त किया ।