सोमवार, 13 जून 2022

मुरादाबाद की साहित्यकार रश्मि प्रभाकर के काव्य-संग्रह 'नाम लिख तो लिया' का रविवार 12 जून 2022 को लोकार्पण समारोह

मुरादाबाद की साहित्यकार रश्मि प्रभाकर की काव्य-कृति 'नाम लिख तो लिया' का लोकार्पण रविवार 12 जून 2022 को दिल्ली रोड स्थित क्लासिक बैंकट हॉल में हुआ। 

मयंक शर्मा द्वारा प्रस्तुत माॅं सरस्वती की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए  नवगीतकार यशभारती माहेश्वर तिवारी ने कहा - "रश्मि प्रभाकर को सुनने के मुझे जितने भी अवसर मिले हैं उसके आधार पर मैं कह सकता हूॅं कि उनके भीतर एक सफल कवयित्री बनने की पूरी संभावना है। प्रस्तुत काव्य-संग्रह उनकी रचनात्मकता का नया प्रस्थानक होगा। मुझे पूर्ण विश्वास है कि उनके इस काव्य संग्रह का स्वागत हिंदी कविता के पाठकों द्वारा उनके पहले काव्य संग्रह जैसा ही होगा। उनकी रचनाधर्मिता का महत्वपूर्ण पक्ष यह है कि वह आज के छंदहीन समय में छान्दस कवयित्री हैं।"

       विशेष अतिथि डॉ मक्खन मुरादाबादी का कहना था - "आम भाषा में रचा गया यह काव्य-संग्रह निश्चित रूप से पाठकों के हृदय को स्पर्श करेगा ऐसा मैं मानता हूॅ़।" 

      कृति के विषय में अपने विचार रखते हुए नवगीतकार योगेंद्र वर्मा व्योम ने कहा - "संग्रह की रचनाओं का विषय वैविध्य कवयित्री की काव्य-प्रतिभा और सृजन-क्षमता को प्रतिबिंबित करता है। इन रचनाओं में जहाँ एक ओर प्रेम की कोमल उपस्थिति है तो वहीं दूसरी ओर भक्तिभाव से ओतप्रोत अभिव्यक्तियाँ भी हैं।"

 विशेष अतिथि अल्पना रितेश गुप्ता ने  कहा - 'नाम लिख तो लिया' पुस्तक के लोकार्पण पर आ कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। साहित्य रचना आसान नहीं है। रश्मि प्रभाकर जी को मेरी बहुत बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं उनकी यह पुस्तक बहुत लोकप्रिय हो, ऐसी मेरी कामना है।" 

       इस अवसर पर कवयित्री रश्मि प्रभाकर ने काव्य-पाठ करते हुए कहा - आओ जीवन सफर पर चलें हमसफ़र। तुम मुझे साथ लो, मैं तुम्हें साथ लूं।" 

     लोकार्पण समारोह में डॉ प्रदीप शर्मा, डॉ मनोज रस्तोगी, राजीव प्रखर, ज़िया ज़मीर, डॉ. काव्य सौरभ रस्तोगी, मनोज मनु, पदम सिंह यादव, इन्दू रानी, सुशील शर्मा, सुनील शर्मा, डॉ मधुबाला त्यागी, डॉ. अनिल त्यागी नितिन गुप्ता (जिला शासकीय अधिवक्ता), फक्कड़ मुरादाबादी, वीरेन्द्र ब्रजवासी, आवरण अग्रवाल, दुष्यंत बाबा, अभिव्यक्ति सिन्हा, अमर सक्सेना, संजीव यादव, समर्थ यादव, प्रत्युष यादव, अमर सिंह बहराइच, अशोक यादव एडवोकेट आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. संजीव आकांक्षी ने किया। डॉ. बृजपाल सिंह यादव द्वारा आभार अभिव्यक्ति के साथ समारोह समापन पर पहुॅंचा।
























सोमवार, 30 मई 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी के लघु कहानी संग्रह 'अनोखा ताबीज़' का अखिल भारतीय साहित्य परिषद मुरादाबाद की ओर से रविवार 29 मई 2022 को आयोजित समारोह में लोकार्पण

मुरादाबाद के  साहित्यकार  वीरेन्द्र सिंह 'ब्रजवासी' के लघु कहानी संग्रह 'अनोखा ताबीज़' का  लोकार्पण 29 मई 2022 ,रविवार को अखिल भारतीय साहित्य परिषद मुरादाबाद के तत्वावधान में एम. आई. टी. सभागार में हुआ। इस अवसर पर वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी को उनकी साहित्य साधना के लिए, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, मुरादाबाद की ओर से साहित्य मनीषी सम्मान से अलंकृत भी किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें अंग-वस्त्र, मानपत्र एवं प्रतीक चिन्ह अर्पित किए गए।

 मयंक शर्मा द्वारा प्रस्तुत माॅं शारदे की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुधीर गुप्ता एडवोकेट (वरिष्ठ अधिवक्ता एवं चेयरमैन-एम.आई.टी.) ने कहा कि अपने इस उत्कृष्ट कहानी संग्रह के माध्यम से श्री ब्रजवासी जी समाज के सभी वर्गों तक अपनी पहुॅंच बनाने में सफल होंगे, ऐसा मुझे विश्वास है‌।

     लोकार्पित लघु कहानी संग्रह के विषय में अपने विचार व्यक्त करते हुए सुप्रसिद्ध नवगीतकार माहेश्वर तिवारी ने कहा - "ब्रजवासी जी हिंदी के समर्पित साधक हैं। उन्होंने सृजन के विभिन्न स्वरूपों, यथा गीत, ग़ज़ल, मुक्तक, लोकगीत आदि में अपने लेखकीय व्यक्तित्व का विकास किया है। यही नहीं, गद्य में भी उनकी अच्छी गति है और सद्य प्रकाशित लघु कहानियों का संग्रह अनोखा ताबीज़ इस गौरवशाली यात्रा में एक नया पड़ाव कहा जा सकता है। भविष्य में उनसे ऐसी ही उत्कृष्ट कृतियों की अपेक्षा की जाए तो यह स्वाभाविक ही होगा।

विशिष्ट अतिथि एवं मेरठ से उपस्थित हुए गीतकार डॉ. रामगोपाल भारतीय के उद्गार थे - "गीतकार तथा कहानीकार वीरेन्द्र ब्रजवासी ने अपने लघु कथा संग्रह अनोखा ताबीज़ में भारतीय  परिवेश में समाज के रिश्तों को परिभाषित किया है। वह गीतकार तो हैं ही एक अच्छे कहानी कार भी हैं।"

  विशिष्ट अतिथि  साहित्यकार डॉ. महेश 'दिवाकर' ने  कहा - "मुझे विश्वास है कि श्री ब्रजवासी जी की यह कृति भी सभी के हृदयों को स्पर्श करते हुए समाज की महत्वपूर्ण कृतियों में अपना स्थान बनायेगी।"

    विशिष्ट अतिथि डॉ. विशेष गुप्ता का कहना था - "वीरेन्द्र ब्रजवासी जी द्वारा लिखित कहानी संग्रह अनोखा ताबीज़ में अतीत, वर्तमान तथा भविष्य के पात्रों के माध्यम से समाज को सांस्कृतिक मूल्यों से परिपूर्ण सार्थक संदेश मिला है।"

     विशिष्ट अतिथि  अनिल शमी ने कहा - "श्री ब्रजवासी जी का यह सारस्वत प्रयास साहित्यकारों की नयी पीढ़ी को भी निश्चित रूप से प्रेरित करेगा।" 

     कृति के संबंध में विचार रखते हुए राजीव प्रखर का कहना था - "समाज में व्याप्त विभिन्न विद्रूपताओं को सशक्त रूप में सामने रखना व उनके हल प्रस्तुत करना इस कृति की विशेषता है। लेखन संबंधी कुछ समस्याओं के बावजूद श्री ब्रजवासी अपनी बात समाज के आम जनमानस तक पहुॅंचाने में सफल रहे हैं।"

      डाॅ. आर सी शुक्ला, दुष्यंत बाबा, हेमा तिवारी, विवेक निर्मल, हिमानी सागर, श्रीकृष्ण शुक्ल, रश्मि प्रभाकर, राघवेन्द्र मणि, योगेन्द्र पाल विश्नोई, रघुराज सिंह निश्चल,  पूजा राणा, उदय अस्त उदय, के. पी. सरल, ज़िया ज़मीर, डॉ. कृष्ण कुमार नाज़, मनोज मनु, जितेन्द्र'जौली', नजीब सुल्ताना, नकुल त्यागी, वीरेंद्र सिंह, शलभ गुप्ता, रवि चतुर्वेदी, काले सिंह साल्टा, ओंकार सिंह ओंकार, शिशुपाल मधुकर, लीलावती, आदि ने भी कृति के विषय में अपने विचार व्यक्त किए। अर्पित मान पत्र का वाचन अशोक विद्रोही ने किया। 

  कार्यक्रम का संचालन संयुक्त रूप से वरिष्ठ व्यंग्यकार अशोक विश्नोई एवं वरिष्ठ पत्रकार एवं साहित्यकार डॉ. मनोज रस्तोगी तथा संयोजन राजीव प्रखर ने किया।डॉ. प्रेमवती उपाध्याय ने आभार-अभिव्यक्त किया।