रविवार, 19 फ़रवरी 2023

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ श्वेता पूठिया की लघुकथा....आज्ञाकारी बेटा

 


प्रिया का मन आज बहुत उदास था उसका विश्वास चूर  चूर हो चुका था ।असहाय बिस्तर पर पड़ी वह आंसू बहा रही थी । उसे आज मां के कहे शब्द'" बेटा रिश्तों का नाम होना भी बहुत जरूरी है । यह नाम ही आधार होते हैं जो रिश्तों को बनाए रखते हैं इसलिए बेनाम रिश्ते सदैव दर्द देते हैं।  मगर आधुनिकता की दौड़ में दौड़ती हुई प्रिया के पास इन शब्दों पर ध्यान देने का वक्त न था। 

      तीन साल से वह विशाल के साथ लिव-इन में रह रही थी। उसे पूरा भरोसा था कि विशाल उसके अतिरिक्त किसी और से शादी नहीं करेगा। मगर आज विशाल ने फोन पर उसे अपनी शादी की सूचना दी तो वह बिखर कर रह गई विशाल से कहा ,"तुमने तो मेरे साथ रहने का वादा किया था फिर यह क्यों"? विशाल ने कहा 'रहूंगा ना , इस शहर में तुम्हारे साथ रहूंगा और घर में पत्नी के साथ रहूंगा "।इतना सुनकर वह रो पड़ी। उसका रोना सुनकर विशाल बोला मैंने इस रिश्ते में तुम्हें जबरदस्ती नहीं बांधा था। तुम अपनी मर्जी से आई थी मेरे साथ रहने के लिए। अब मां चाहती हैं कि मैं शादी करके घर बसाऊं तो मैं उनकी बात नहीं टाल सकता आखिरकार वह मेरी मां है और एक बेटे का अधिकार है कि वह वह अपनी मां की आज्ञा माने उसे सुख दे। अब मैं मां की पसंद की लड़की से शादी करके उनका मान रखूंगा और देख लो तुम्हें क्या करना है वैसे भी तुम्हारे मेरे रिश्ते का कोई आधार नहीं है। 

     उसने पूछा कि जब उसने प्यार किया था तब मां से क्यों नहीं पूछा ? विशाल ने उत्तर दिया," प्यार करना साथ रहना मेरी मर्जी थी लेकिन जिंदगी में रिश्तों से बड़ी पूंजी कोई और नहीं होती यह बात तुम जितनी जल्दी समझ जाओ उतना ही अच्छा है"। विशाल के यह शब्द उसके कानों में हथौड़ी की तरह लगे मगर इस आधुनिकता की दौड़ ने उसके तन और मन दोनों को ही  बुरी तरीके से घायल करके छोड़ दिया था ।आज उसे मां बहुत याद आ रही थी......


✍️ डॉ. श्वेता पूठिया 

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत



मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच की ओर से रविवार 19 फरवरी 2023 को आयोजित समारोह में योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई, वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी', ओंकार सिंह 'ओंकार , रघुराज सिंह 'निश्चल', सतीश गुप्ता फिगार', डॉ. आर.सी. शुक्ला, डॉ. कारेन्द्र त्यागी 'मक्खन मुरादाबादी', इन्द्र कुमार कत्थक', डॉ. बी. एन. चौरसिया, उदय प्रकाश सक्सेना उदय, चन्द्रहास सिंह चौहान,विवेक 'निर्मल', सुधीर गुप्ता , कैप्टन डॉ. राजीव चौहान, डॉ. जे. पी. चन्देल, सविता चौरसिया,डॉ. पूनम बंसल, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय, डॉ. शीनुल इस्लाम मलिक, डॉ. सीमा अग्रवाल, डॉ. जयति देवी,डॉ. डी. एन. शर्मा, डॉ. ऋतु सक्सेना, महेश राघव, रमेश 'अधीर ,डॉ. शंकर लाल शर्मा क्षेम, डॉ. अनिल शर्मा 'अनिल', डॉ. शमा परवीन समेत पचास साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। समारोह में मुरादाबाद की साहित्यकार सविता चौरसिया की दो कृतियों 'वेदना के स्वर' और 'तेजस्विनी ' तथा मिट के चेयरमैन सुधीर गुप्ता की कृति "डगर नटखट सी" का लोकार्पण भी किया गया।

मुरादाबाद की  साहित्यिक संस्था अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच की ओर से रविवार 19 फरवरी 2023 को रामगंगा विहार स्थित एमआईटी के सभागार में आयोजित समारोह में पचास साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। समारोह में मुरादाबाद की साहित्यकार सविता चौरसिया की दो कृतियों 'वेदना के स्वर' और 'तेजस्विनी' तथा मिट के चेयरमैन सुधीर गुप्ता की कृति डगर नटखट सी का  लोकार्पण भी किया गया। समारोह की मुख्य अतिथि डॉ. जय वर्मा, निदेशिका काव्यरंग. नॉटिंघम (यू.के.) रही। अध्यक्षता मिट संस्थान के चेयरमैन सुधीर गुप्ता ने की और विशिष्ट अतिथि रूप में डॉ. एन.एल. शर्मा, पूर्व प्राचार्य, बरेली कालेज बरेली, डॉ. डी. एन. शर्मा, पूर्व प्राचार्य एम.जी.एम. कालेज, सम्भल,  पुनीत सिंह, राजभाषा अधिकारी, उत्तर रेलवे, मुरादाबाद तथा डॉ. ऋतु सक्सेना  रही।

       डॉ. प्रेमवती उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती वंदना से आरंभ इस भव्य समारोह में हिन्दी साहित्य में उल्लेखनीय योगदान के लिए मुरादाबाद के योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई को राजेन्द्र मोहन शर्मा 'श्रृंग' स्मृति सम्मान, वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी' को रामलाल 'अनजाना' स्मृति सम्मान, ओंकार सिंह 'ओंकार को डॉ विश्वऔतार जैमिनी स्मृति सम्मान, रघुराज सिंह 'निश्चल' को 'सजल' गौरव सम्मान, सतीश गुप्ता फिगार' को 'सजल' साधक सम्मान, डॉ. आर.सी. शुक्ला को अनुराग गौतम' स्मृति सम्मान,डॉ. कारेन्द्र त्यागी 'मक्खन मुरादाबादी' को कविवर हुल्लड़ मुरादाबादी स्मृति सम्मान, इन्द्र कुमार कत्थक' को कला साधक सम्मान, डॉ. बी. एन. चौरसिया को उच्च शिक्षाविद् डॉ० आर०एन० गुप्ता स्मृति सम्मान, उदय प्रकाश सक्सेना उदय को दिग्गज मुरादाबादी सम्मान, चन्द्रहास सिंह चौहान को शिव अवतार 'सरस' स्मृति सम्मान, विवेक 'निर्मल' को महाकवि शचीन्द्र भटनागर स्मृति सम्मान, सुधीर गुप्ता को भारतीय संस्कृति प्रचारक सम्मान, कैप्टन डॉ. राजीव चौहान को बाबू लक्ष्मण प्रसाद अग्रवाल स्मृति हिंदी सेवी सम्मान, डॉ. जे. पी. चन्देल को हिंदी पत्रकारिता गौरव सम्मान, सविता चौरसिया  को डॉ मीना कौल स्मृति साहित्य सम्मान,  डॉ. पूनम बंसल को डॉ ज्ञानवती अग्रवाल स्मृति सम्मान, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय को 'सजल' साधिका सम्मान, डॉ. शीनुल इस्लाम मलिक को प्रो० महेन्द्र प्रताप स्मृति सम्मान, डॉ. सीमा अग्रवाल को डॉ सरोजिनी अग्रवाल साहित्य साधिका सम्मान और डॉ. जयति देवी को डॉ० नेपाल सिंह स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया।

    संभल के डॉ. डी. एन. शर्मा  को  हिंदी गौरव सम्मान, डॉ. ऋतु सक्सेना को हिंदी संवर्द्धन सम्मान, चंदौसी के महेश राघव को हिंदी पत्रकारिता संवर्द्धन सम्मान तथा रमेश 'अधीर को स्व राजेन्द्र कुमार अग्रवाल स्मृति हिंदी सेवी सम्मान प्रदान किया गया। 

            डॉ. शंकर लाल शर्मा क्षेम (धामपुर ) को पं० राधेश्याम 'कथावाचक' स्मृति सम्मान, डॉ. अनिल शर्मा 'अनिल' (धामपुर) को प्रो बद्री प्रसाद कपूर स्मृति सम्मान, डॉ. शमा परवीन (चाँदपुर ) को प्रो० जितेन्द्र सिंह स्मृति सम्मान से विभूषित किया गया। 

     इसके अतिरिक्त डॉ. महेश 'मधुकर (बरेली) को किशन सरोज स्मृति सम्मान  डॉ. आलोक सक्सेना (नई दिल्ली) को साहित्यकार 'अज्ञेय' स्मृति सम्मान, डॉ. अनिल गहलौत (मथुरा)को 'सजल' प्रवर्तक सम्मान, संगीता राजपूत श्यामा (अलीगढ़) को काव्य सुरभि सम्मान, डॉ. रामसनेही लाल शर्मा 'यायावर' (फिरोजाबाद ) को सजल - गौरव सम्मान मनु स्वामी (मुजफ्फरनगर) को काव्यालंकार सम्मान, विजय राठौर को सजल शिरोमणि' सम्मान डॉ. निरूपमा सिंह (नयी दिल्ली ) को साहित्य श्री सम्मान, इंजी. सन्तोष कुमार सिंह (मथुरा) को सजल' साधक सम्मान, डॉ. शिवम तिवारी (विशाखापट्नम ) को महाकवि पं० दुर्गादत्त त्रिपाठी स्मृति सम्मान, डॉ. वी. पी. सिंह (बरेली) को  निरंकार देव 'सेवक' स्मृति सम्मान, रेखा लोढ़ा 'स्मित' (भीलवाड़ा, राजस्थान) को सजल साधिका सम्मान, चन्द्रशेखर 'मयूर' (मेरठ) को बहोरनसिंह वर्मा 'प्रवासी' स्मृति सम्मान, डॉ. मिथलेश कुमारी ( कासगंज) को आचार्य रामचन्द्र शुक्ल स्मृति हिंदी सेवी सम्मान, जय वर्मा (यू.के.) को प्रवासी महाकवि प्रो० हरिशंकर आदेश स्मृति सम्मान, डॉ. एन. एल. शर्मा (बरेली) को डॉ० कुन्दन लाल जैन स्मृति सम्मान, नरेन्द्र 'गरल' (बदायूँ) को आचार्य उर्मिलेश स्मृति सम्मान, सत्यपाल 'सत्यम' (मेरठ) को पं० ताराचन्द्र हारीत स्मृति सम्मान, पुनीत सिंह (उत्तर रेलवे) को हिंदी राजभाषा उज्जय सम्मान , डॉ. रामगोपाल भारतीय (मेरठ) को डॉ पुष्पेन्द्र वर्णवाल स्मृति सम्मान, सुमनेश 'सुमन' (मेरठ)को सतीश चन्द्र अग्रवाल स्मृति साहित्य श्री सम्मान, मनोज कुमार 'मनोज' (मेरठ) को डॉ कुँवर बेचैन स्मृति सम्मान दिया गया। 

      इस अवसर पर मुरादाबाद की साहित्यकार सविता चौरसिया की दो कृतियों- वेदना के स्वर और 'तेजस्विनी'    तथा मिट के चेयरमैन सुधीर गुप्ता की कृति डगर नटखट सी का लोकार्पण किया गया। डॉ. राम गोपाल भारतीय, डॉ. पूनम बंसल, डॉ. शीनुल इस्लाम मालिक और श्री विवेक 'निर्मल' ने   लोकार्पित पुस्तकों की समीक्षाएँ प्रस्तुत की। डॉ. रामगोपाल भारतीय ने 'मंव' का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अन्त में सम्मानित साहित्यकारों ने काव्यपाठ भी प्रस्तुत किया। 'मंचस्थ' अतिथियों ने  हिन्दी के उन्नयन एवं संवर्द्धन के लिए प्रेरित किया। मुख्य अतिथि डॉ. जय वर्मा (यू.के.) ने वैश्विक स्तर हिन्दी के निरन्तर बढ़ते प्रभाव को इंगित किया। कार्यक्रम अध्यक्ष सुधीर गुप्ता ने कार्यक्रम को भारतीय संस्कृति का सारस्वत रूप बताया। डॉ. ऋतु सक्सेना ने धन्यवाद ज्ञापित किया। डॉ. महेश 'दिवाकर (मुरादाबाद) और डॉ. रामगोपाल भारतीय (मेरठ) ने संयुक्त रूप से मंच का संचालन किया। 












































:::::::::प्रस्तुति:::::::::::

डॉ. महेश 'दिवाकर' 

संस्थापक अध्यक्ष 

अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य कला मंच 

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत 

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार राम किशोर वर्मा की पांच मुकरियां


कहते हैं उनको सब भोले

प्रेम करे जो उस सँग होले

चुभने न दे कभी भी कंकर

क्या सखि साजन! ना सखि शंकर ।। 1।।


रात चाँदनी उसे न भाती

घोर अँधेरा रात सुहाती

घर लौटे नहीं होवे भोर

क्या सखि साजन! ना सखी चोर ।। 2।।


घंटी मैंने जभी बजाई

हैं लाइन पर व्यस्त बताई

बदले थे तभी मेरे टोन

क्या सखि साजन! ना सखी फोन ।। 3।।


फूल खिले कलियाँ मुस्कायीं

ऋतु वसंत जब से है आयी  

रोज़ कर रहा वह भी दौरा

क्या सखि प्रेमी! ना सखी भौंरा ।। 4।।


खेले है वह आँख-मिचौली

गरज-गरज कर बोले बोली 

लगते हैं वह नैनन काजल

क्या सखि साजन! ना सखि बादल ।। 5।।

 ✍️ राम किशोर वर्मा 

रामपुर 

उत्तर प्रदेश, भारत


मुरादाबाद के साहित्यकार योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई का गीत .... प्यार की गंध मौसम में घुल जायेगी

 क्लिक कीजिए 

👇👇👇👇👇👇👇👇



मुरादाबाद के साहित्यकार वीरेंद्र सिंह बृजवासी का गीत ....फूलों में भी गंध बारूद की है ...

 क्लिक कीजिए 

👇👇👇👇👇👇👇👇



मुरादाबाद के साहित्यकार योगेंद्र वर्मा व्योम का नवगीत ..... इस बच्चे को देखो यह ही नवयुग लायेगा

 क्लिक कीजिए 

👇👇👇👇👇👇👇👇👇



शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ. मनोज रस्तोगी, श्रीकृष्ण शुक्ल एवं राजीव प्रखर को टी.जी.टी साहित्यरत्न सम्मान

मुरादाबाद के तीन रचनाकारों डॉ. मनोज रस्तोगी, श्रीकृष्ण शुक्ल एवं राजीव प्रखर को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए, प्रतिष्ठित द ग्राम टुडे प्रकाशन समूह (देहरादून) द्वारा टी.जी.टी. साहित्यरत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।              मुरादाबाद के जीलाल मोहल्ला स्थित साहित्यिक मुरादाबाद शोधालय में गुरुवार 16 फरवरी 2023 को आयोजित हुए एक संक्षिप्त समारोह में इन तीनों रचनाकारों को यह सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर उपरोक्त प्रकाशन समूह की ओर से वरिष्ठ पत्रकार एवं समूह संपादक  शिवेश्वर दत्त पांडे उपस्थित रहे। अपने उद्बोधन में श्री पांडे ने कहा - "ऐतिहासिक मुरादाबाद की धरती सदैव ही साहित्यिक विभूतियों से भरी पूरी रही है जिनकी प्रेरणा से मुरादाबाद को निरंतर उत्कृष्ट साहित्यकार/रचनाकार मिल रहे हैं, जो अत्यंत हर्ष का विषय है।" उन्होंने साहित्यिक मुरादाबाद शोधालय को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इस शोधालय में संरक्षित साहित्य शोधार्थियों के लिए बहु उपयोगी सिद्ध होगा।

     इस अवसर पर एक संक्षिप्त काव्य-गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें डॉ. मनोज रस्तोगी, श्रीकृष्ण शुक्ल एवं राजीव 'प्रखर' ने अपनी काव्यात्मक अभिव्यक्ति की।