बुधवार, 14 सितंबर 2022

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति ने "हिंदी दिवस" पर 14 सितंबर 2022 को आयोजित समारोह में ओज के उभरते कवि "प्रशांत मिश्र" को किया सम्मानित । कवियों ने किया काव्य पाठ ....

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति द्वारा हिन्दी दिवस पर  बुधवार 14 सितंबर 2022 को जंभेश्वर धर्मशाला लाइनपार मुरादाबाद में काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में ओज के उभरते  कवि "प्रशांत मिश्र" को सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें अंग वस्त्र, स्मृति चिह्न और सम्मान पत्र प्रदान किया गया । अध्यक्षता योगेंद्र पाल विश्नोई ने की। 

 मुख्य अतिथि डॉ महेश दिवाकर ने कहा -

आओ मिलकर हम करें हिंदी का उत्थान

 हिंदी भाषा देश की करे विश्व कल्याण

 विशिष्ट अतिथि ओंकार सिंह " ओंकार " ने कहा -

अरुण को सवेरे नमन कर रहा हूं,

मैं उर्जित स्वयं अपना तन कर रहा हूं

 वरिष्ठ कवि रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने कहा-

अब नहीं मिलता,सरल अंत:करण है।

हर कोई ओढ़े हुए एक आवरण है

वरिष्ठ कवि राम दत्त द्विवेदी ने कहा - 

छोड़ो हिंदी कविता में अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग

क्योंकि हमें अपनी हिंदी को मुक्त करना है

के.पी सिंह सरल ने कहा 

मात-पिता पूजे नहीं अब पूजे है काग

क्यों झूठे ही गा रहा श्राद्ध पक्ष के राग

वीरेंद्र सिंह बृजवासी ने पढ़ा-

सब की बड़ी बहन है हिंदी, 

सच्ची सरल कहन है हिंदी।

काव्य गोष्ठी का संचालन करते हुए अशोक विद्रोही ने कहा .....

मेरा प्यारा देश महान

आज है सारे जग की शान!

गूंज रहा है गौरव गान

हिन्दी! हिन्दू!! हिन्दुस्तान!!!

राम सिंह निशंक ने कहा -

अपनी प्यारी भाषा हिंदी,गरिमा इसकी है न्यारी

 विश्व पटल पर इसका दिखना किसे नहीं अच्छा लगता

योगेंद्र वर्मा व्योम ने कहा -

जीवन की परिभाषा हिंदी !

जन-जन की अभिलाषा हिंदी

डॉ मनोज रस्तोगी ने कहा -

महकी आकाश में चांदनी की गंध

अधरों की देहरी लांघ आये छंद

राहुल शर्मा ने कहा ---

खाली थी मेरी जेब परेशान तो मैं था
ये क्या हुआ कि आपके तेवर बदल गए

राजीव प्रखर ने कहा -

मानो मुझको मिल गये, सारे तीरथ-धाम।

जब हिंदी में लिख दिया,मैंने अपना नाम।

मनोज वर्मा 'मनु ने कहा -

हिंदी यदि पाती रहे जन मन में आकार।

निज भाषा उत्थान के सपने हों साकार।।

शुभम कश्यप ने कहा-

समाई बैठी है शब्दों की चासनी हिंदी ।

हमारे देश के लोगों की है मृदुभाषिनी हिंदी।

गोष्ठी में  चिंतामणि, नकुल त्यागी, एल एस  तोमर आदि कवियों ने भी काव्यपाठ किया। योगेंद्रपाल विश्नोई एवं रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने आभार अभिव्यक्त किया। 






































✍️ अशोक विद्रोही 

अध्यक्ष

राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति 

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

मंगलवार, 13 सितंबर 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' को हिन्दी साहित्य संगम ने 13 सितम्बर 2022 को हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान से किया अलंकृत

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की ओर से सुप्रसिद्ध नवगीतकार  योगेन्द्र वर्मा व्योम को उनके साहित्यिक अवदान के लिये, हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार 13 सितंबर 2022 को आयोजित  समारोह में हिन्दी साहित्य गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया।  कार्यक्रम मिलन विहार स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज में आयोजित किया गया। मीनाक्षी ठाकुर द्वारा प्रस्तुत माॅं शारदे की वंदना से आरम्भ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध नवगीतकार यश भारती माहेश्वर तिवारी ने की। मुख्य अतिथि डॉ अजय अनुपम एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में ओंकार सिंह ओंकार और डॉ प्रेमवती उपाध्याय उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का संचालन राजीव प्रखर ने किया।                 

         सर्वप्रथम वरिष्ठ रचनाकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आलेख प्रस्तुत करते हुए कहा ...मुरादाबाद ही नहीं राष्ट्रीय साहित्यिक पटल पर भी अपनी एक विशिष्ट पहचान स्थापित कर चुके योगेंद्र वर्मा व्योम के मन के गांव में बसी भावनाएं जब शब्दों का रूप लेकर नवगीत, ग़ज़ल और दोहों के माध्यम से अभिव्यक्त होती हैं तो वह अपने पाठकों / श्रोताओं की सोच को  झकझोर देती हैं। उनके नवगीत जिंदगी के विभिन्न रूपों के गीत हैं जो हम से बतियाते हैं और हमारे साथ उनके नवगीत जिंदगी के विभिन्न रूपों के गीत हैं जो हम से बतियाते हैं और हमारे साथ खिलखिलाते भी हैं। उन्हें पढ़/ सुनकर हमारा अस्त व्यस्त मन कभी गुनगुनाने लगता है तो कभी चहचहाने लगता है तो कभी निराशा और हताशा के बीच आशाओं के दीप जलाने लगता है।          

      तत्पश्चात् श्री व्योम को हिंदी साहित्य गौरव सम्मान से अलंकृत किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें अंगवस्त्र, मान-पत्र एवं प्रतीक चिह्न अर्पित किये गए। अर्पित मान-पत्र का वाचन संस्था के महासचिव जितेन्द्र कुमार जौली ने किया। इस अवसर पर सम्मानित साहित्यकार  योगेन्द्र वर्मा व्योम  ने अपना गीत प्रस्तुत किया -

 "मेरे भीतर भी इक पावन गंगा बहती है। 

माँ बनकर आशीष सदा देती, दुलराती है,

 गुस्सा करती नहीं कभी, हर पल मुस्काती है।

 पग-पग पर हरियाली बोती, चलती रहती है।"

       श्री व्योम की साहित्यिक-यात्रा पर अपने विचार रखते हुए सुप्रसिद्ध नवगीतकार माहेश्वर तिवारी का कहना था - "व्योम जी की रचनाओं से होकर गुजरना अपने समय के जीवन-संघर्षों से जुड़े परिदृश्यों से होकर गुजरना है।"

       मुख्य अतिथि डॉ अजय अनुपम ने कहा - "योगेन्द्र वर्मा व्योम मुरादाबाद के साहित्य जगत पर व्योम की भांति हैं।" 

      विशिष्ट अतिथि  ओंकार सिंह ओंकार ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा - "व्योम जी बहुत आसान शब्दों में गम्भीर विषयों पर सुन्दर रचना करने में महारत रखते हैं।" 

     वरिष्ठ कवयित्री डाॅ प्रेमवती उपाध्याय ने योगेन्द्र वर्मा व्योम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा -"व्योम जी की रचनाओं की यह सबसे बड़ी विशेषता है कि वह बिना किसी लाग-लपेट अथवा कृत्रिमता के, सीधे पाठकों व श्रोताओं के हृदय तक पहुॅंचती हैं।"

       सुप्रसिद्ध शायर डॉ. कृष्ण कुमार 'नाज़' द्वारा श्री व्योम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर लिखित आलेख का वाचन करते हुए राजीव प्रखर ने कहा - "व्योम जी आज देशभर में नवगीत के क्षेत्र में अपना वह मुक़ाम पा चुके हैं, जो बहुत कम लोगों का मुक़द्दर होता है। उनके यहाँ प्रत्येक भाषा के बहुप्रचलित शब्द आसन जमाये विराजमान होते हैं। बिंब बहुत साफ़-सुथरे और आम आदमी की पहुँच में आने वाले होते हैं।" 

     इस अवसर पर  जितेन्द्र कुमार जौली, दुष्यन्त बाबा, वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी, मयंक शर्मा, रामदत्त द्विवेदी, नकुल त्यागी, पूनम बंसल, मीनाक्षी ठाकुर, प्रशान्त मिश्र, मनोज मनु, अभिव्यक्ति सिन्हा, अमर सक्सेना, राघव गुप्ता, ज़िया जमीर, राहुल शर्मा, डॉ. पूनम बंसल, के. पी. सिंह सरल आदि रचनाकारों ने योगेन्द्र वर्मा व्योम जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला एवं उन्हें बधाई दी। रामदत्त द्विवेदी ने आभार-अभिव्यक्त किया।