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रविवार, 14 अगस्त 2022

संस्कार भारती की ओर से आजादी के अमृत महोत्सव के सुअवसर पर शनिवार 13 अगस्त 2022 को काव्य गोष्ठी का आयोजन

आजादी के अमृत महोत्सव के सुअवसर पर, कला, संस्कृति एवं साहित्य की अखिल भारतीय संस्था, "संस्कार भारती" की मुरादाबाद महानगर शाखा द्वारा शनिवार 13 अगस्त 2022 को काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।

    साहित्य विधा प्रमुख हेमा तिवारी भट्ट के संयोजन में विवेक निर्मल जी के निवास पर आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता डॉ. काव्य सौरभ रस्तोगी एवं संचालन आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने किया। मां सरस्वती वंदना फक्कड़ मुरादाबादी ने प्रस्तुत की।

     मुख्य अतिथि डॉ पूनम बंसल ने मुक्तक प्रस्तुत करते हुए कहा-----

 तिरंगा जान है अपनी तिरंगा शान है अपनी

 गगन से कर रहा बातें यही पहचान है अपनी 

 इसी के शौर्य की गाथा महकती है फिजाओं में 

 सजी इन तीन रंगों में मधुर मुस्कान है अपनी 

विशिष्ट अतिथि वीरेंद्र सिंह ब्रजवासी जी का स्वर था -----

 भारत मां को आओ हम सब 

 मिलकर नमन करें

 इसे सजाने का तन मन से 

  पावन जतन करें 

फक्कड़ मुरादाबादी का कहना था ------

 पूछा यूँ परीक्षा में प्राणों का पर्याय लिखो

  हमने कलम लहू में रंग कर प्यारा हिंदुस्तान लिखा

 डॉ मनोज रस्तोगी ने कहा ------

 खाकर यहां का अन्न

 गीत औरों का गाना आता है

 नहीं लिखते हम

 भविष्य की सुनहरी इबारत

 इतिहास के काले पन्नों को ही दोहराते हैं

  विवेक निर्मल ने सुनाया ------

  दिन ही ऐसा है मनाएंगे इसे नाज के साथ 

  तुम भी आवाज मिलाना मेरी आवाज के साथ 

मयंक शर्मा ने कहा ----

गोरी सेना को हुंकारों से दहलाने वाले थे

 दाग गुलामी वाला अपने खून से धोने वाले थे 

 उनको कौन डरा सकता था आजादी की खातिर जो

  संगीनों के आगे अपनी छाती रखने वाले थे 

हेमा तिवारी भट्ट ने कहा -----

आजाद थे आजाद हैं आजाद रहेंगे 

हम देश के शहीद जिंदाबाद रहेंगे 

प्रशांत मिश्रा ने कहा -----

  जब सत्ता के लालच में 

  इमरजेंसी लगाई जाती है

आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने कहा -----

अपने ही हाथों स्वाहा न कर 

तू अपनी कहानी

देश और समाज पर 

न्योछावर हो छोड़ जा तू

इतिहास के पन्नो पर 

अपनी स्वर्णिम निशानी

शलभ गुप्ता ने कहा ------

 महामारी का असर है अब भी,

लोग कैसे बेपरवाह होने लगे हैं।

बेटे जाकर बस गए विदेश में,

मां बाप जल्दी बूढ़े होने लगे हैं

कार्यक्रम में डॉ राकेश जैसवाल, सविता गुप्ता, दीपक कुमार भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर मयंक शर्मा ने स्मृतिशेष डॉ विश्व अवतार जैमिनी जी के गीतों का सस्वर पाठ भी किया । 



































रविवार, 17 जनवरी 2021

संस्कार भारती मुरादाबाद की ओर से आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज में काव्य गोष्ठी का आयोजन

  संस्कार भारती साहित्य समागम  की प्रथम वर्षगांठ पर 17 जनवरी 2021 रविवार को काव्य गोष्ठी का आयोजन आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज मुरादाबाद में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराजा हरिश्चंद्र महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मीना कौल ने की।  मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ मनोज रस्तोगी एवं विशिष्ट अतिथि बाबा संजीव आकांक्षी रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के चित्र के समक्ष माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। मां सरस्वती की वंदना राजीव प्रखर ने प्रस्तुत की 

        काव्य गोष्ठी में डॉ मीना कौल ने नारी विमर्श पर अपनी सशक्त रचना प्रस्तुत करते हुए कहा----

स्त्री!

तू कोई खिलौना नहीं

कि कोई भी तुमसे खेल सके।

         मुरादाबाद के साहित्य को संजोने का ऐतिहासिक कार्य कर रहे 'साहित्यिक मुरादाबाद' के संचालक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने  कोरोना के संदर्भ में अपनी रचना के माध्यम से जागरूक किया ---

 करना दूर से नमस्ते भइया

 हाथ ना मिलाना तुम

 जब भी निकलो घर से 

मास्क पहनकर जाना तुम 

        संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री बाबा संजीव आकांक्षी ने कहा --

है नरों के  इंद्र ने 

तुम को जगाया

अब भी ना जागे तो

 यह महापाप होगा।

        महानगर की युवा कवयित्री मीनाक्षी ठाकुर ने श्रीराम मंदिर निर्माण के संदर्भ में अपनी ओजस्वी वाणी से आह्वान किया ----

श्रीराम धरा पर आकर तुम

 फिर से सृष्टि उद्धार करो 

      अपने दोहों और मुक्तकों से एक विशिष्ट पहचान स्थापित कर चुके युवा साहित्यकार राजीव प्रखर ने कहा ----

दिलों से दूरियां तज़ कर

 नए पथ पर बढ़ें  मित्रों

 नया भारत बनाने  को 

 नई  गाथा   गढ़ें  मित्रों।

खड़े हैं संकटों के जो 

बहुत से आज भी दानव।

 सजाकर श्रंखला सुद्रढ़ 

चलो उनसे लड़ें मित्रों।

      नवोदित कवयित्री शीतल ठाकुर ने कहा---

 सच के साथ चलना

 सच को दिखाना 

यही उद्देश्य अपना ।

        युवा रचनाकार ईशांत शर्मा ईशु ने कहा----

 मान भी जाओ, मनाना जरूरी है क्या

 प्यार हर बार, जताना जरूरी है क्या 

       आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने कहा----

 जीवन एक संग्राम हैं

 जिसमें चलना अविराम है

कार्यक्रम के अंत में मंच द्वारा सभी उपस्थित साहित्यकारों का माल्यार्पण कर साहित्य समागम के एक वर्ष पूर्ण होने की बधाई  दी गई और आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन राजीव प्रखर  द्वारा किया गया।

























::::::::::प्रस्तुुुुति::::::::
आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ, मुरादाबाद