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शनिवार, 10 जून 2023

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की ओर से 10 जून 2023 को आयोजित कार्यक्रम में मुरादाबाद के साहित्यकार रामदत्त द्विवेदी की काव्य कृति 'हम ॲंधेरों को मिटायें' का लोकार्पण

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की ओर से महानगर के वरिष्ठ रचनाकार रामदत्त द्विवेदी की काव्य-कृति "हम ॲंधेरों को मिटायें" का लोकार्पण मिलन विहार, मुरादाबाद स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज के सभागार में किया गया। कवयित्री रश्मि प्रभाकर द्वारा प्रस्तुत माॅं सरस्वती की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता विख्यात व्यंग्य कवि डा मक्खन मुरादाबादी ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ बाल साहित्यकार राजीव सक्सेना एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में ग़ज़लकार ओंकार सिंह ओंकार और वरिष्ठ कवि योगेन्द्र पाल सिंह विश्नोई मंचासीन हुए। कार्यक्रम का संचालन  राजीव प्रखर ने किया।         

       लोकार्पित कृति के रचनाकार  रामदत्त द्विवेदी का जीवन परिचय राजीव प्रखर ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर साहित्यिक संस्था-अक्षरा की ओर से संस्था के संयोजक योगेन्द्र वर्मा व्योम द्वारा और विजयश्री वेलफेयर सोसाइटी की ओर से विवेक निर्मल द्वारा रामदत्त द्विवेदी  को मानपत्र एवं अंगवस्त्र अर्पित करके सम्मानित किया गया।

      इस अवसर पर कृति के रचनाकार राम दत्त द्विवेदी ने लोकार्पित कृति से रचना पाठ करते हुए कहा - 

हम हैं हिन्दू तुम मुसलमां, दोनों का खूं एक है

एक है अपनी जमीं और आसमाँ भी एक है

जो तुम्हारा है खुदा वह ही हमारा राम है

फिर बताओ क्यों दिलों में नफरतों की टेक है

द्विवेदी जी के साहित्यिक योगदान पर अपने विचार रखते हुए कार्यक्रम अध्यक्ष प्रख्यात व्यंग्य कवि डॉ मक्खन मुरादाबादी ने कहा, "श्री द्विवेदी ने कठिन परिस्थितियों में भी संस्था को निरंतर सक्रिय रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मुरादाबाद के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उनका रचनाकर्म इस काव्य कृति के रूप में समाज के सम्मुख आया है।"  

मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ बाल साहित्यकार राजीव सक्सेना ने कहा कि रामदत्त द्विवेदी की 87 वर्ष की आयु में उनकी कविताओं की पहली कृति आना बहुत महत्वपूर्ण है।

 इस अवसर पर महानगर के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ महेश दिवाकर, योगेन्द्र वर्मा 'व्योम', जितेन्द्र कुमार जौली, कृष्ण कुमार नाज़, वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी, रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, अशोक विश्नोई, विवेक निर्मल, अतुल जौहरी, रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ, डॉ पूनम बंसल, राम सिंह नि:शंक, नकुल त्यागी, मनोज वर्मा मनु, दुष्यन्त बाबा, रश्मि प्रभाकर, मयंक शर्मा, कृष्णा कुमार गुप्ता, कंचन खन्ना, प्रदीप शर्मा, प्रतीत शर्मा सहित रामदत्त द्विवेदी जी के परिवार के अनेक सदस्यों ने भी उपस्थित रहकर अपने विचार व्यक्त किए और उन्हें बधाई दी। संस्था के महासचिव जितेन्द्र जौली द्वारा आभार-अभिव्यक्त किया गया।
































रविवार, 15 जनवरी 2023

मुरादाबाद की साहित्यिक व साॅंस्कृतिक संस्था कला भारती द्वारा 15 जनवरी 2023 को साहित्यकार रामदत्त द्विवेदी को कलाश्री सम्मान से किया गया सम्मानित, काव्य-गोष्ठी का भी हुआ आयोजन

मुरादाबाद की साहित्यिक व साॅंस्कृतिक संस्था कला भारती की ओर से महानगर के साहित्यकार  रामदत्त द्विवेदी को रविवार 15 जनवरी 2023 को आयोजित एक समारोह में कलाश्री सम्मान से सम्मानित किया गया। यह कार्यक्रम मिलन विहार स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज में हुआ। राजीव प्रखर एवं आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ के संयुक्त संचालन में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बाबा संजीव आकांक्षी ने की। मुख्य अतिथि ओंकार सिंह ओंकार तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में बाल साहित्यकार  राजीव सक्सेना मंचासीन हुए। 

    सम्मान स्वरूप श्री रामदत्त द्विवेदी को अंग वस्त्र, मानपत्र एवं प्रतीक चिन्ह अर्पित किए गए जबकि उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित आलेख का वाचन राजीव प्रखर द्वारा किया गया। अर्पित मान-पत्र का वाचन आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने किया। कार्यक्रम के द्वितीय  चरण में एक काव्य-गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। 

    काव्य-पाठ करते हुए सम्मानित रचनाकार  रामदत्त द्विवेदी ने कहा - 

इस चमकती ज़िन्दगी में प्यार छिनता जा रहा है। 

चाॅंद से प्यारा था जो यार छिनता जा रहा है। 

   वरिष्ठ कवि रघुराज सिंह निश्चल ने देश को नमन किया - 

विश्व में चाहे कहीं भी घूम लो, 

सबसे अच्छा देश हिंदुस्तान है। 

डॉ. मनोज रस्तोगी ने कहा -

 सूरज की पहली किरण

 उतरी जब छज्जे पर, 

 आंगन का सूनापन उजलाया।

चर्चित नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम ने सर्दी का सुंदर चित्र कुछ इस प्रकार खींचा - 

छॅंटा कुहासा मौन का, निखरा मन का रूप। 

रिश्तों में जब खिल उठी, अपनेपन की धूप।। 

राजीव प्रखर ने आह्वान किया - 

दिलों से दूरियाॅं तज कर, नये पथ पर बढ़ें मित्रों।

 नया भारत बनाने को, नई गाथा गढ़ें मित्रों। 

 खड़े हैं संकटों के जो बहुत से आज भी दानव, 

सजाकर श्रृंखला सुदृढ़, चलो उनसे लड़ें मित्रों। 

मनोज मनु भी कुछ इस अंदाज़ में चहके - 

सर्दी भी महंगाई सा, बढ़ा रही है ग्राफ। 

हरिया दोनों से कहे, अब तो कर दो माफ।। 

लोकप्रिय शायर ज़िया ज़मीर ने अपने सुंदर अशआर रखे - 

ज़िन्दगी रोक के अक्सर यही कहती है मुझे, 

तुझको जाना था किधर और किधर आ गया है। 

मयंक शर्मा की अभिव्यक्ति थी - 

रूप मन में तुम्हारा बसाने लगे। 

मीत हम प्रीत के गीत गाने लगे। 

जितेंद्र जौली ने हास्य रस की फुहार छोड़ी - 

तुम पर न हम अपने पैसे लुटाते। 

अगर बेवफा तुमको पहचान जाते। 

अमित सिंह ने कहा - 

नभ थल और जल में जो भारत का सम्मान बने।

हे प्रभु उनको हिम्मत देना जो भारत माॅं की लाज रखे।  

ईशांत शर्मा ईशु ने जीवन के सत्य को उजागर किया - 

जीवन के कठिन पथ पर चल रहा हूॅं मैं। 

मगर देख लो सूरज ढल रहा हूॅं मैं। 

  कार्यक्रम में नकुल त्यागी,  उत्कर्ष अग्रवाल, सचिन कुमार, कमल शर्मा आदि ने भी रचना पाठ किया। ईशांत शर्मा ईशु  ने आभार अभिव्यक्त किया।