कक्षा तीन मे पढ़ने वाला, नौ साल का चीनू बहुत ही नटखट था.दिन भर उछलकूद करना और अपने से दो साल छोटी बहन को छेड़ना, उसकी आदत थी. परंतु वह पढ़ाई में बहुत तेज होने के साथ साथ,इतनी सी उम्र में ही कठिन से कठिन समस्या को भी एक पल में हल कर देता था. उसकी चतुराई का लोहा, उसकी कक्षा के सहपाठी, तथा कक्षा के समस्त अध्यापक भी मानते थे. दादा-दादी की तो आँखों का तो वह तारा था.
एक बार चीनू के घर पता नहीं कहाँ से बहुत सारे चूहें आ गये.उन चूहों ने सबकी नाक में दम कर दिया.रोज ही तरह- तरह के नुकसान करने लगे. यह देख कर चीनू की दादी जी ने चीनू की माँ को चूहेदानी लगाने की सलाह दी, परंतु चूहेदानी में एक चूहे के फंँसने के बाद, बाकि चूहे सचेत हो गये और चूहेदानी के पास तक नहीं फटके.
थक हार कर चीनू के दादा जी बाज़ार से चूहे मार दवाई ले आये और चीनू की मांँ को घर के कोनो, बैड व अलमारियों के नीचे तथा जहाँ -जहाँ वे चूहे छुप जाते थे, वहाँ- वहाँ वह दवाई रखने को दे दी. दवाई खाकर चूहे मरने तो लगे, परंतु मरकर उनमें से बदबू आने लगी थी और फिर इतने बड़े घर में उनके मृत और बदबूदार शरीर को ढूँढकर, फेंकना भी बड़ा मुश्किल हो गया था.
तब एक दिन चीनू के पापा जी ने चीनू से हँसते हुए कहा, " चीनू! वैसे तो तुम बहुत बुद्धिमान बनते हो, पर मुझे लगता है कि ये चूहें तुमसे भी ज्यादा बुद्धिमान हैं, इन्हें घर से भगाकर दिखाओ तो जानें....! " चीनू अपनी प्रशंसा से उत्साहित होकर, हंँसता हुआ बोला, "अभी लीजिए, पापा जी !..आपने पहले क्यों नहीं बताया कि आपसे चूहें सँभल नहीं रहे...! मैं अभी दो मिनट में सारे चूहें भगा देता हूँ" इसपर चीनू की मम्मी बोलीं, "ओहो.. चीनू.. कुछ ज्यादा ही बोल गये हो, इतने दिन से हम लोग तो चूहों को भगा नहीं पाए और तुम दो मिनट में भगा दोगे! भई वाहह हह..!!. कोई जादू है क्या? "चीनू ने मुस्कुरा कर कहा, " हाँ मम्मी जी...जादू ही समझ लीजिए...!, बस आप देखती रहिए.! !क्या होता है? "
इतना कहकर चीनू अपनी खिलौने वाली अलमारी में से रिमोट कंट्रोल वाली मिनी कार ले आया, जिसे चलाने पर रंग -बिरंगी बत्तियों के साथ- साथ हूटर भी बजता था अब .उसने अपनी उस खिलौना कार को नीचे फर्श पर रख दिया और रिमोट से बटन दबाकर पूरे घर के बैड, अलमारियों और फर्नीचर के नीचे दौड़ाने लगा. जैसे ही कार हूहूहूहू की आवाज़ निकालती हुई, अलमारियों और बैड के नीचे लाल- हरी बत्ती जलाती, दौड़ना शुरू हुई तो अलमारियों के नीचे, और फर्नीचर के पीछे दुबके सारे चूहे घबरा गये, उन चूहों ने शायद पहली बार ऐसा अजीबोगरीब प्राणी देखा था, जो रोशनी के साथ- साथ भयानक आवाज़ भी निकाल रहा था.अत: सारे चूहों में भगदड़ मच गयी और वे निकल- निकल कर घर से बाहर भागने लगे.यह देख कर चीनू ज़ोर- ज़ोर से हँसने लगा और छुटकी भी तालियाँ बजा -बजाकर नाचने लगी.चीनू की यह चतुराई देखकर चीनू के पापा जी ने चीनू को गोद में उठा लिया और चीनू के .दादा- दादी और मम्मी भी खुश होकर चीनू की बलैया लेने लगे.
✍️ मीनाक्षी ठाकुर
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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