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सोमवार, 12 मई 2025

मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल (वर्तमानमें मेरठ निवासी )के साहित्यकार सूर्यकांत द्विवेदी की रचना ... मेरी मां है सबसे प्यारी

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मुरादाबाद के साहित्यकार राजीव प्रखर का मुक्तक .... पार बैठा खोखला पापी नशे में चूर है


 

मुरादाबाद की साहित्यकार सरिता लाल की रचना ....

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मुरादाबाद की साहित्यकार मीनाक्षी ठाकुर का गीत .... तब तब मोदी के साहस का हर गीत सुनाया जाएगा ....


 

शनिवार, 10 मई 2025

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ रीता सिंह के दोहे और गीत ...आतंकी अड्डे हुए देखो मटियामेट...

 

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मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रवि प्रकाश की रचना ....सिंदूर उजाड़ा था जिसने, अब उसको सबक सिखाना है। हर भारतवासी अंगारा, अब पाकिस्तान निशाना है।।

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1)

बच्चा-बच्चा अब भारत का, भारत मॉं का सेनानी है।

बंदूक हाथ में लिए हुए, समझो हर हिंदुस्तानी है।। 

2)

सिंदूर उजाड़ा था जिसने, अब उसको सबक सिखाना है।

हर भारतवासी अंगारा, अब पाकिस्तान निशाना है।।

3)

हम भूल नहीं सकते उसको, जो पहलगाम हत्यारा है।

आतंकवाद के सॉंपों को, उनके घर घुसकर मारा है।।

4)

हम बुद्ध अहिंसक की धरती, लेकिन कमजोर नहीं मानो।

हम तांडव नृत्य जानते हैं, हमको त्रिशूल शिव का जानो।।

5)

हर युवा हिंद का सैनिक है, हर वृद्ध आग का गोला है।

खुल गया तीसरा नेत्र आज, अब दुश्मन डोला-डोला है।।

6)

संवाद कर रही बंदूकें, पापी को सबक सिखाती हैं।

अभिनंदन सेना का करतीं, आवाजें बढ़कर आती हैं।।

7)

हम हिंद नागरिक सच पूछो, तन-मन से युद्धाभ्यासी हैं।

मरने से नहीं डरे हैं हम, मृत्युंजय भारतवासी हैं।।

✍️  रवि प्रकाश 

बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज), 

रामपुर, उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल 9997615451

बुधवार, 7 मई 2025

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रवि प्रकाश का मुक्तक.... सिंदूर हिंद का अभिमानी, सिंदूरी अब जयकारा है

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सिंदूर हिंद का अभिमानी, सिंदूरी अब जयकारा है

लातों के भूतों के सिर से, भारत ने भूत उतारा है 

भारत माता की जय कहते, सड़कों पर भारत के वासी 

मंगल की रात हुआ मंगल, जय महावीर जय नारा है 


 ✍️ रवि प्रकाश

बाजार सर्राफा (निकट मिस्टन गंज) 

रामपुर 

उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल 9997615451

मुरादाबाद की साहित्यकार मीनाक्षी ठाकुर की हुंकार .... सिंदूर देखकर मारा था, हम ढूँढ- ढूँढ कर मारेंगे।

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सिंदूर देखकर मारा था, हम ढूँढ- ढूँढ कर मारेंगे 


1) मत फूल समझकर भूल करो, हम फूल नहीं अंगारे हैं। 

हम राम -कृष्ण के वंशज हैं, लाखों दानव संहारे हैं।। 


2)सिंदूर देखकर मारा था, हम ढूँढ- ढूँढ कर मारेंगे। 

है कसम हमें  भारत माँ की, धरती का भार उतारेंगे।। 


3)यह धर्म सनातन अक्षय है, ,यह धर्म सदा से निर्भय है। 

पूरब -पश्चिम,उत्तर- दक्षिण, केवल भारत की जय जय है।। 


✍️मीनाक्षी ठाकुर

मिलन विहार

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

मंगलवार, 11 मार्च 2025

मुरादाबाद के साहित्यकार ओंकार सिंह ओंकार की रचना .... आ गया मौसम सुहाना गुनगुनाने के लिए

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मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ प्रेमवती उपाध्याय का गीत... होली के रंग में हम अपना मन रंगा लें

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मुरादाबाद की साहित्यकार मीनाक्षी ठाकुर का गीत... प्रीत की पिचकारियां ले फाग फिर से आ गया ...

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मुरादाबाद के साहित्यकार मयंक शर्मा का गीत... रंगों के रंग में रंग जाए खेलें मिलकर होली

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मुरादाबाद के साहित्यकार योगेंद्र वर्मा व्योम की ग़ज़ल... गधों की बढ़ गई है आजकल औकात होली में

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मुरादाबाद के साहित्यकार वीरेंद्र सिंह बृजवासी का गीत.... कान्हा बरसाने मत अईयो...

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