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आई फाग बहार होली खेलो रे ! रंगों का त्योहार , होली खेलो रे !!
रंग गुलाल हाथ में ले कर !
साथी सभी साथ में ले कर !!
ले पिचकारी चल हुरियारे !
कुछ भर लाओ रंग गुब्बारे !!
रंग पिचकारी रखो कमर पर !
चली है टोली गाँव डगर पर !!
रंगों की बौछार होली खेलो रे ! -------
इक दूजे को रंग लगाये !
कोई घर पर भंग पिलाये !!
गली गली में धूम मची है !
धरती मां भी खूब रची है !!
हवा सुरमयी फिजा रॅगमयी !
हरियाली फसलों पर छा गयी !!
रंगीला संसार होली खेलो रे ! -----
दिल के सारे मैल हटा कर !
दुश्मन को भी गले लगा कर !!
रंग लगाओ बैर भुलाओ !
सब को अपने गले लगाओ !!
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई !
सब बन जाओ. भाई भाई !!
मिले प्यार को प्यार होली खेलो रे !
रंगों का त्यौहार होली खेलो रे !!
✍️ के पी सिंह 'सरल'
मिलन विहार
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
सूना लगता शहर !
दया करो प्रभु जगत पर,
रोको अपना कहर!!१
क्षमा करो संसार को,
बन्द करो उत्पात!
कोरोना से जगत को,
अब तो देउ निजात!!२
दया आपकी चाहिए,
ए मेरे घनश्याम!
सुख में भी नहिं भूलते,
कभीआपका नाम!!३
नीरवता सी छा रही,
चहुँदिश हाहाकार!
बहुत दुखीअब हो चुका,
तेरा ये संसार!! ४
'सरल'आपके द्वार पर,
झुका रहा है शीश!
रोकोअब इस मृत्यु को,
हे करुणा के ईश!!५
✍️ केपी सिंह 'सरल'
मिलन विहार
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
✍️के पी सिंह 'सरल' , मुरादाबाद