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सोमवार, 25 मार्च 2024

मुरादाबाद के साहित्यकार मनोज मनु का गीत .....रंगों का त्योहार है सबके तन संग मन भी रंगना



होली पर हुरियारों देखो, कसर न दमभर रखना, 

रंगों का त्योहार है  सबके  तन संग मन भी रंगना,.

 

ठिठुरन भुला बसंत घोलता मन मादकता हल्की,

करती है किसतरह प्रकृति, रचना हर एकपल की, 

फिर मन भावन फागुन खूब खिलाता टेसूअंगना. .

होली पर  हुरियारों देखो.....


गेहूं-बाली  पकी  खेत ने ओढ़ी  चुनर  धानी 

कोल्हु से उड़ती सुगंन्ध भीनी जानी पहचानी, 

चहकेँ चिड़िया झुण्ड बनाए,संग गोरी के कंगना,,  

 होली पर  हुरियारों......


देवर-भाभी जीजा साली की वो हँसी ठिठोली,

 निगल रहा एकाकी पन रिश्तों से भरी रंगोली,, 

चुल्ह भरी मनुहार उल्हानों का रीते वो ढंग ना,,....

होली पर हुरियारों,....


गुझिया,पापड़,कचरी,खजले की घर घर सौगातें,

ठन्डाई के कुल्हड़,.. मधु से कहीं चहकती रातें,

 बैर भावना भुला  प्रेम रस में चाहें सब पंगना,...

होली पर हुरियारों....


अपनों के संग बढ़ी दूरियाँ.. गैरों के संग यारी ,

आभासी दुनिया ने बदली सारी मिल्लत दारी, 

हमजोली का मोबाइल ने आज भी छोड़ा संग ना, 

होली पर हुरियारों


मनोज 'मनु'

6397093523

शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ. मनोज रस्तोगी, श्रीकृष्ण शुक्ल एवं राजीव प्रखर को टी.जी.टी साहित्यरत्न सम्मान

मुरादाबाद के तीन रचनाकारों डॉ. मनोज रस्तोगी, श्रीकृष्ण शुक्ल एवं राजीव प्रखर को उनकी साहित्यिक सेवाओं के लिए, प्रतिष्ठित द ग्राम टुडे प्रकाशन समूह (देहरादून) द्वारा टी.जी.टी. साहित्यरत्न सम्मान से सम्मानित किया गया।              मुरादाबाद के जीलाल मोहल्ला स्थित साहित्यिक मुरादाबाद शोधालय में गुरुवार 16 फरवरी 2023 को आयोजित हुए एक संक्षिप्त समारोह में इन तीनों रचनाकारों को यह सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर उपरोक्त प्रकाशन समूह की ओर से वरिष्ठ पत्रकार एवं समूह संपादक  शिवेश्वर दत्त पांडे उपस्थित रहे। अपने उद्बोधन में श्री पांडे ने कहा - "ऐतिहासिक मुरादाबाद की धरती सदैव ही साहित्यिक विभूतियों से भरी पूरी रही है जिनकी प्रेरणा से मुरादाबाद को निरंतर उत्कृष्ट साहित्यकार/रचनाकार मिल रहे हैं, जो अत्यंत हर्ष का विषय है।" उन्होंने साहित्यिक मुरादाबाद शोधालय को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इस शोधालय में संरक्षित साहित्य शोधार्थियों के लिए बहु उपयोगी सिद्ध होगा।

     इस अवसर पर एक संक्षिप्त काव्य-गोष्ठी का भी आयोजन किया गया जिसमें डॉ. मनोज रस्तोगी, श्रीकृष्ण शुक्ल एवं राजीव 'प्रखर' ने अपनी काव्यात्मक अभिव्यक्ति की।