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सोमवार, 6 मई 2024

वर्ष 2001 में मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विश्नोई और पत्रकार मुन्ना गुरु को प्रदान किया गया था जिले का सर्वोच्च सम्मान

 



मुरादाबाद की संस्था साहू शिव शक्ति सरन कोठीवाल स्मारक समिति की ओर से मंगलवार दो जनवरी 2001 को आयोजित सोलहवें वार्षिक जिले के सर्वोच्च सम्मान समारोह में साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अशोक विश्नोई को सम्मानित किया गया था । यह आयोजन के.सी.एम. स्कूल में हुआ था। श्री विश्नोई के अतिरिक्त शिक्षा के क्षेत्र में हरिओम अग्रवाल, खेल क्षेत्र में सुरेश सहगल, पत्रकारिता क्षेत्र में सुरेन्द्र शर्मा 'मुन्ना गुरु' को सम्मानित किया गया था। इन सम्मानित विभूतियों को संस्था की ओर से  अध्यक्ष उप श्रमायुक्त रीता भदौरिया और मुख्य अतिथि तत्कालीन पुलिस अधीक्षक देहात विजय गर्ग ने स्मृति चिह्न एवं दुशाला भेंट किया।

     संयोजक अनिल कांत बंसल के संचालन में आयोजित इस समारोह में सम्मानित विभूतियों के उल्लेखनीय कार्यों पर प्रकाश डाला गया। साहू ओंकार सरन कोठीवाल ने इस अवसर पर विचार व्यक्त किए थे। आयोजन प्रभारी प्रदीप गुप्ता एवं आयोजन सचिव डा.जी. कुमार ने सभी अभ्यागतों का आभार व्यक्त किया था। इस अवसर पर पुष्पेन्द्र वर्णवाल, ए. शाकिर, विनोद गुप्ता, वीरेन्द्र गुप्त, कैलाश कुमार, माहेश्वर तिवारी, वेद प्रकाश वर्मा, हरवंश लाल दीक्षित, डा. किरन गर्ग के अलावा फक्कड़ मुरादाबादी, डा. पूनम बंसल, आराधना गुप्ता, योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई, परशुराम 'नया कबीर' आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय थी।

सोमवार, 19 फ़रवरी 2024

यादगार आयोजन : वाट्स ऍप पर संचालित साहित्यिक मुरादाबाद समूह में 19 फरवरी 2017 को आयोजित 33 वें वाट्स ऍप कविसम्मेलन एवं मुशायरे में शामिल रचनाकारों की रचनाएं उन्हीं की हस्तलिपि में

 वाट्स ऍप पर संचालित  साहित्यिक मुरादाबाद समूह में रविवार 19 फरवरी 2017 को 33 वां वाट्स ऍप कविसम्मेलन और मुशायरा  राजीव प्रखर के कुशल संचालन में आयोजित हुआ । इस आयोजन में 27 रचनाकार सर्वश्री सूर्यकांत द्विवेदी,  विवेक प्रजापति, डॉ मुजाहिद फराज , डॉ ममता सिंह, डॉ मृड़ीक व्रतेश, डॉ माधव शर्मा, ओंकार सिंह विवेक, कंचन खन्ना, मंगला रस्तोगी, योगेंद्र वर्मा व्योम, डॉ एस पी सागर, अनवर कैफ़ी, डॉ अर्चना गुप्ता,  राकिम मुरादाबादी,  अमितोष शर्मा,  मंगलेश लता यादव,   डॉ रीता सिंह, डॉ देव शर्मा,  हेमा तिवारी भट्ट,  डॉ मीना नकवी, राजीव प्रखर, राम किशोर वर्मा, जितेंद्र कमल आनंद,  मोनिका शर्मा मासूम, अनुराग रुहेला,श्री कृष्ण शुक्ल  और मैं डॉ मनोज रस्तोगी शामिल हुए ।अध्यक्षता मैंने डॉ मनोज रस्तोगी ने की । प्रस्तुत हैं शामिल रचनाकारों की रचनाएं उन्हीं की हस्तलिपि में  ..…....

























::::::प्रस्तुति :::;;;;

डॉ मनोज रस्तोगी

8, जीलाल स्ट्रीट

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल फ़ोन नंबर 9456687822



मंगलवार, 26 सितंबर 2023

वाट्स एप पर संचालित समूह साहित्यिक मुरादाबाद में सात साल पहले 25 सितंबर 2016 को आयोजित 12 वां हस्तलिपि कवि सम्मेलन और मुशायरा

वाट्स एप पर संचालित समूह साहित्यिक मुरादाबाद में वर्ष 2016 से प्रत्येक रविवार को हस्त लिपि वाट्स एप कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन निरंतर चल रहा है। इस आयोजन में रचनाकार कागज पर अपनी हस्तलिपि  में रचना लिखते हैं, अपने हस्ताक्षर करते हैं, नाम , पता और मोबाइल फोन नंबर  लिखकर एक कोने में अपना चित्र चिपकाकर उसका चित्र समूह में साझा करते हैं । रविवार 25 सितम्बर 2016 को हमने 12 वां आयोजन किया था ।  इस आयोजन में 19 साहित्यकारों   सर्वश्री राजीव प्रखर जी, योगेन्द्र वर्मा व्योम जी,  डॉ मीना नकवी जी, जिया जमीर जी, डॉ रीता सिंह जी , मनीषा चड्डा जी, मनोज मनु जी, अनवर कैफ़ी जी, मंगलेश लता यादव जी, डॉ एस पी सागर जी वीरेंद्र सिंह बृजवासी जी, डॉ ममता सिंह जी, प्रदीप शर्मा जी,  डॉ अर्चना गुप्ता जी,हेमा तिवारी भट्ट जी, संयम वत्स जी, डॉ वंदना पाण्डेय जी, मृडीक व्रतेश जी और मैंने डॉ मनोज रस्तोगी ने अपनी हस्तलिपि में रचनाएं साझा की थीं ।प्रस्तुत हैं साझा की गईं रचनाएं उन्हीं की हस्तलिपि में ..... । 





















:::::प्रस्तुति:::::::

डॉ मनोज रस्तोगी

8, जीलाल स्ट्रीट

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल फोन नंबर 9456687822 


बुधवार, 9 अगस्त 2023

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था ‘अक्षरा’ के तत्वावधान में 9 अगस्त 2013 को रायबरेली निवासी नवगीतकार डॉ. शिवबहादुर सिंह भदौरिया के निधन पर श्रद्धांजलि सभा

 


साहित्यिक संस्था ‘अक्षरा’ के तत्वावधान में दीनदयाल नगर, मुरादाबाद स्थित साहित्यकार योगेन्द्र वर्मा ‘व्योम’ के आवास पर 9 अगस्त 2013 को एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई जिसमें रायबरेली निवासी वरिष्ठ नवगीतकार डॉ. शिवबहादुर सिंह भदौरिया के आकस्मिक निधन पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर उपस्थित साहित्यकारों ने भदौरिया जी के निधन को हिन्दी साहित्य-जगत की अपूर्णनीय क्षति बताते हुए कहा कि भदौरिया जी की गीत-कृति ‘पुरवा जो डोल गई’ हिन्दी साहित्य जगत में अत्यधिक चर्चित रही और उनकी अन्य गीत-कृतियों-‘शिंजनी’, ‘नदी का बहना मुझमें हो’, ‘लो इतना जो गाया’, ‘दर्द लौट आया’, ‘माध्यम और भी हैं’ तथा ‘गहरे पानी पैठ’ की साहित्य जगत द्वारा पर्याप्त सराहना की गई। गीत-नवगीत की सर्वाधिक प्रतिष्ठित पुस्तकों नवगीत दशक-दो तथा नवगीत अर्द्धशती में सम्मलित भदौरिया जी के गीत वास्तविकता के धरातल पर बड़ी ही सहजता से बतियाते हैं, उनके गीतों में विम्ब-विधान और शिल्प इतने प्रभावशाली ढंग से समाविष्ट हैं कि मिटटी की खुशबू से पाठक और श्रोता दोनों ही सराबोर हो जाते हैं।

इस अवसर पर उपस्थित साहित्यकारों सर्वश्री माहेश्वर तिवारी, ब्रजभूषण सिंह गौतम ‘अनुराग’, योगेन्द्र वर्मा ‘व्योम’, आनन्द कुमार ‘गौरव’, डॉ. अजय ‘अनुपम’, डॉ. कृष्णकुमार ‘नाज़’, मनोज ‘मनु’, डॉ. अवनीश सिंह चौहान, अंकित गुप्ता ‘अंक’, ओमकार सिंह ‘ओंकार’, सतीश ‘सार्थक’ आदि ने दो मिनट का मौन रखकर श्री भदौरिया को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।


मंगलवार, 1 सितंबर 2020

मुरादाबाद के साहित्यकार माहेश्वर तिवारी जी को सात साहित्यिक संस्थाओं - अक्षरा, विप्रा कला साहित्य मंच, परमार्थ, हिंदी साहित्य संगम, अंतरा, राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति एवं हिंदी साहित्य सदन ने 26 अगस्त 2012 को 'साहित्यादित्य सम्मान' से किया अलंकृत

 

मुरादाबाद की सात साहित्यिक संस्थाओं - अक्षरा, विप्रा कला साहित्य मंच, परमार्थ, हिंदी साहित्य संगम, अंतरा, राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति एवं हिंदी साहित्य सदन के संयुक्त तत्वावधान में 26 अगस्त 2012 को कंपनी बाग़ मुरादाबाद स्थित प्रेस क्लब सभागार में एक भव्य सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिसमें नवगीत के अद्भुत हस्ताक्षर माहेश्वर तिवारी जी को उनकी अमूल्य नवगीत साधना एवं आकाशवाणी के केन्द्रीय संग्रहालय हेतु 'आर्काइव' के रूप में विशेष उपलब्धि हेतु 'साहित्यादित्य सम्मान' से सम्मानित किया गया। श्री तिवारी को सम्मान स्वरूप प्रतीक चिन्ह, मानपत्र, श्रीफल एवं सातों संस्थाओं द्वारा अंगवस्त्र पहनाकर भेंट किया गया।

       कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देहरादून से पधारे सुप्रसिद्ध गीत कवि डॉ.बुद्धिनाथ मिश्र ने इस अवसर पर कहा- "माहेश्वर जी के नवगीतों में जहाँ एक और ताजगी है वहीँ दूसरी और आंचलिक मिठास भी उनकी रचनाधर्मिता को महत्वपूर्ण बनाती है।" 
वरिष्ठ कवि  शचीन्द्र भटनागर एवं विशिष्ट अतिथि लेखिका डॉ. बीना रुस्तगी सहित अनेक वक्ताओं - डॉ. अजय 'अनुपम', आनंद कुमार 'गौरव', डॉ.कृष्ण कुमार 'नाज़', प्रो. ओमराज, मनीष मिश्र, डॉ. मक्खन मुरादाबादी, अनुराग गौतम, विवेक 'निर्मल', सुरेन्द्र राजेश्वरी आदि ने श्री तिवारी जी के व्यक्तित्व तथा कृतित्व के सन्दर्भ में अपने-अपने विचार रखते हुए उनके सृजन को स्तुत्य बताया। 
      कार्यक्रम में श्री तिवारी जी का एकल काव्यपाठ भी हुआ जिसमें उन्होंने अपने कई गीतों का सस्वर पाठ भी किया- 'एक तुम्हारा होना क्या से क्या कर देता है/ बेजुबान छत, दीवारों को घर कर देता है.' तथा 'धूप में जब भी जले हैं पाँव/घर की याद आयी'।
    कार्यक्रम का सफल संचालन आनंद 'गौरव' ने किया एवं आभार अभिव्यक्ति योगेन्द्र वर्मा 'व्योम' ने प्रस्तुत की। इस अवसर पर मुख्यरूप से राजेंद्र मोहन शर्मा 'शृंग', रामदत्त द्विवेदी, ब्रजगोपाल 'व्यास', अशोक विश्नोई, अंजना वर्मा, मनोज 'मनु', बलवीर पाठक, शिशुपाल 'मधुकर', डॉ. जगदीप कुमार, डॉ.पूनम बंसल, डॉ. मीना नकवी, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय, विशाखा तिवारी, सुप्रीत गोपाल, योगेन्द्रपाल सिंह, आदि अनेक स्थानीय साहित्यकार एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे ।

::::::प्रस्तुति::::::::
 
योगेन्द्र वर्मा 'व्योम'
संयोजक - 'अक्षरा' साहित्यिक संस्था
ए.एल.- 49 ,सचिन स्वीट्स के पीछे, 
दीनदयाल नगर-प्रथम,
कांठ रोड, मुरादाबाद 
उत्तर प्रदेश, भारत