सोमवार, 4 दिसंबर 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ आर सी शुक्ल को राजेन्द्र मोहन शर्मा 'श्रृंग' स्मृति सम्मान से हिन्दी साहित्य संगम ने तीन दिसंबर 2023 को किया सम्मानित

मुरादाबाद के  साहित्यकार डॉ आर सी शुक्ल को राजेन्द्र मोहन शर्मा 'श्रृंग' स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम के संस्थापक कीर्तिशेष श्रृंग जी की पुण्यतिथि के अवसर पर, संस्था की ओर से यह वार्षिक सम्मान समारोह 3 दिसंबर 2023 रविवार को  मिलन विहार स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज में हुआ। रामसिंह निशंक द्वारा प्रस्तुत माॅं सरस्वती की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता रघुराज सिंह निश्चल ने की। मुख्य अतिथि डॉ आर सी शुक्ल एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ महेश दिवाकर एवं ओंकार सिंह ओंकार मंचासीन हुए, जबकि कार्यक्रम का संचालन राजीव प्रखर ने किया। सम्मान स्वरूप श्री शुक्ल को अंगवस्त्र, मानपत्र, प्रतीक चिह्न एवं श्रीफल अर्पित किए गए। 

    श्री शुक्ल का जीवन परिचय राजीव प्रखर एवं अर्पित मान पत्र का वाचन योगेन्द्र वर्मा व्योम ने किया। संस्था के संस्थापक कीर्तिशेष राजेन्द्र मोहन शर्मा 'श्रृंग' के विषय में अपने विचार रखते हुए श्री ओंकार सिंह ओंकार ने कहा - "कीर्तिशेष श्रृंग जी मानवीय मूल्यों से जुड़े ऐसे उत्कृष्ट रचनाकार थे जिनकी रचनाएं समाज को निरंतर प्रेरित कर रही हैं।" 

    सम्मानित साहित्यकार डॉ आर सी शुक्ल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के विषय में प्रकाश डालते हुए डॉ महेश दिवाकर का कहना था - "साहित्य व समाज के लिए डॉ आर सी शुक्ल  का योगदान अनमोल है। उनका सृजन अन्तस की गहराई में उतर कर मानवीय संवेदनाओं को साकार करता है।"

     इस अवसर पर श्री शुक्ल ने काव्य-पाठ करते हुए कहा - "सारा जीवन बीत गया अनुमानों में। पर यह रहस्य रह गया, समझ के बाहर ही, किस आशय को लिये जगत् में जीता हूॅं।" 

       अध्यक्षता कर रहे रघुराज सिंह निश्चल ने कहा - "विपरीत परिस्थितियों में भी डाॅ आर सी शुक्ल निरंतर सृजनरत रहकर सभी के सम्मुख उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। उनकी संचेतना व जीवट उनकी रचनाओं में स्पष्ट दिखाई देते हैं।"

     वरिष्ठ रचनाकार रामदत्त द्विवेदी का कहना था - "डॉ आर सी शुक्ल साहित्य में ऊॅंचाई पर होने के बाद भी आम जनमानस के लोकप्रिय बहुमुखी साहित्यकार हैं।" 

    काव्य पाठ एवं अभिव्यक्ति की श्रृंखला में विभिन्न रचनाकारों योगेन्द्र वर्मा व्योम, राजीव प्रखर, कंचन खन्ना, रामसिंह निशंक, नकुल त्यागी, पद्म सिंह, रामदत्त द्विवेदी आदि ने भी अपनी अभिव्यक्ति के माध्यम से कीर्तिशेष राजेन्द्र मोहन शर्मा श्रृंग एवं डॉ आर सी शुक्ल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला। राजीव प्रखर द्वारा आभार-अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम समापन पर पहुॅंचा।































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