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रविवार, 14 मई 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार नकुल त्यागी की रचना....मां

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मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ प्रीति हुंकार की रचना ..... जीवन सा मां का स्पर्श

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मुरादाबाद की साहित्यकार मीनाक्षी ठाकुर की रचना ..... मां ही मेरी पहचान

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मुरादाबाद की साहित्यकार मीनाक्षी वर्मा की रचना .... मेरी यह दुनिया मां तुझ में बसी है

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रविवार, 8 मई 2022

मुरादाबाद मंडल के जनपद सम्भल (वर्तमान में मेरठ निवासी ) के साहित्यकार सूर्यकांत द्विवेदी के मां को समर्पित तीन दोहे ....


1

बिना बीज होती नहीं, कभी फसल तैयार।

माँ क़ुदरत का नूर है, धरती पर अवतार।।

2

हर पल चिंता वो करे, सांसें करे उधार। 

कागज, कलम दवात से, माँ है मीलों पार।।

3

हर दिन साँसों में चढ़े, जिसका क़र्ज़ अपार।

खिली खिली वह धूप है, ममता की बौछार।।


✍️ सूर्यकांत द्विवेदी

मेरठ

मुरादाबाद के साहित्यकार स्मृतिशेष दयानन्द गुप्त की रचना ----


मां शुभे स्नेह की आदि स्रोत,

अविरल अस्वार्थ, निर्मल अजस्त्र

आदर्श भावना भाव भूति

कल्याण मूर्ति, वरदान हर्ष।

***

जीवन पयस्विनी जगज्जननी,

मुद मोद मंगले मनननीय!

महिमावलीय प्रति चरण-चरण

लुंठित गुण गण ,ओ वंदनीय।

**

उज्ज्वल उदार उर से तेरे

वात्सल्य धवल सुरसरि फूटी

छूटी सन्तति से जग डाली

तेरी न कभी डाली छूटी।


रे जगत जननी जग अर्चनीय हे!

बार बार नित वर्णनीय हे !

संसृति शून्य असार स्नेह में

अतुल सर्व शुभ गणननीय है।

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रचयिता: स्व.दयानन्द गुप्त