1.
तुम मानव
दिन के उजाले में भी
अनैतिक कार्यों को नहीं देख पाते हो
और हमें उल्लू कह कर चिढ़ाते हो
जबकि हम
रात के अंधेरे में भी देख लेते हैं
और अपनी इस विशिष्टता का
कोई श्रेय भी नहीं लेते हैं।
2.
ऊंचा उठने के चक्कर में
अक्सर नीचे गिरना पड़ता है
इसमें न्यूटन का
तीसरा नियम काम करता है
आदमी जितना नीचे गिरता है
उतना ही ऊपर उठता है।
3.
किसी ने पूछा
क्यों कर रहे हैं आप
प्रतिदिन नए नए पाप
नेताजी बोले
आपका सवाल बेढंगा है
हमें काहे की चिंता
हमारे पास गंगा है।
4.
वे आजकल
हथेली पर सरसों जमा रहे हैं
जाने माने नेता हैं
फिर भी आत्मा की
आवाज सुन पा रहे हैं।
5.
गांव में सूखा पड़ा है
ये अफवाह कौन फैला रहा है
हमें तो सभी की आंख में
पानी नजर आ रहा है।
6.
अगर आपको
कहीं खुशी मिल जाए
उसका पता हमें भी बताएं
हम उसके घर के
बाहर बैठ जाएंगे
जरूरी नहीं,वो हम से मिले
हम गरीब आदमी हैं
उसको देख कर ही
खुश हो जाएंगे।
7.
जब कोई प्रतिष्ठित व्यक्ति
अपने घर को
प्रशंसा पत्रों और ट्रॉफियों से
सजाता है
सच मानिए
उसकी प्रतिभा दब जाती है
सिर्फ अहंकार नजर आता है।
8.
एक छोटी सी साइकिल
कितने रंग दिखाती है
सड़क पर चले तो जरूरत
घर या जिम में चलने पर
स्टेट्स सिंबल बन जाती है।
9.
मैं सिंदूर हूं
मेरी इच्छा है
कोई पुण्य का काम करूं
किसी बाल विधवा की
सूनी मांग भरूं।
10.
वो झुलसाने वाली गर्मी में
पसीना बहाकर
उसे तराशता है
पत्थर समझता है
कैसा जालिम है
जब देखो
हथौड़े मारता है।
11.
केक,मोमबत्ती,खिलोनें,उपहार
उसके लिए सब हैं बेकार
वो अपना जन्मदिन
अकेले ही मना लेता है
सूखी हुई रोटी
चाय में भिगो कर खा लेता है।
12.
मां अनपढ़ थी
अपनी ममता का बेलन चलाती थी
रोटियां बिल्कुल गोल बनाती थी
उनको खाकर
आत्मा तक भर जाती थी
आधुनिक पीढ़ी
बहुत पढ़ी लिखी है
बहुत पैसा कमाती है
रोटियां बाहर से मंगाती है
बस पेट ही भर पाती है।
13.
महंगे से महंगा
अच्छे से अच्छा
कोई भी बिस्तर
उसको आराम नहीं दे पा रहा है
उसको मां की गोदी
और ममता का आंचल
बार बार याद आ रहा है।
14.
मैं हिन्दू हूं
मुझे,किसी मुसलमान भाई
द्वारा बनाई चाय
किसी ईसाई मित्र के
घर में पीना अच्छा लगता है
लेकिन पता नहीं
किसकी नजर लगी है
ऐसा अवसर
अब मुश्किल से मिलता है।
15.
चांदी के प्याले में
चाय पीने की चाह
मध्यम वर्गीय व्यक्ति को
खुद की ही नजर में
गिरा रही है
और उसके बचपन को
बिना जवान हुए
बूढ़ा बना रहीं है।
16.
अधिकांश किसान
आजकल ट्रैक्टर चला रहे हैं,
सरकार को फिर भी
समस्याओं के लिए
हल नहीं मिल पा रहे है।
17.
एक छोटी सी चींटी
बार बार चढ़ती है
बार बार गिरती है
ना मायूस होती है
ना थकती है
ना टूटती है
ना बिखरती है
अपनी मंज़िल को
पाकर ही रुकती है
लेकिन मानव को
एक दो बार की असफलता का
ग़म मार जाता है
उसका संकल्प
उसके गिनती ज्ञान से
हार जाता है।
18.
हमारा पांव फिसला
और उनकी जुबान
हम कुछ दिन में
ठीक हो गए
उनका हो गया
जिंदगी भर का नुकसान।
19.
जो मरने से
डरता रहा
तमाम जिंदगी बार बार
इसी डर से मरता रहा।
20.
आम आदमी हो
आम आदमी सा व्यवहार करो
केवल और केवल
कर्तव्यों पर अधिकार करो।
21.
जमाना पृथ्वी से
चांद तक पहुंच गया है
लेकिन वो जहां था
आज भी वहीं पर खड़ा है
पहले मां बाप की सुनता था
अब बच्चों की सुन रहा है।
22.
कैसी विडम्बना है
संदिग्ध है जिनका चरित्र
उनसे ही हमको
चरित्र का प्रमाणपत्र मिलना है।
23.
भोले भाले वोटर
एक बार फिर छले गए
नेताजी आए
स्वदेशी पर भाषण दिया
और विदेशी गाड़ी में
बैठकर चले गए।
24.
हमने
इंजीनियर,डॉक्टर
उद्योगपति, बैंकर
वैज्ञानिक,प्रोफेसर
और ना जानें क्या क्या
बनकर दिखाया
हमको एक अच्छा
इंसान भी बनना है
ना हमने कभी सोचा
ना किसी ने हमें बताया।
25.
कौन है महान
गीता या कुरान
कौन है श्रेष्ठ
हिन्दू या मुसलमान
समूचा बुद्धिजीवी वर्ग
इन्हीं बेतुके सवालों में उलझा है
रोटी का सवाल
वहीं का वहीं है
आजतक नहीं सुलझा है।
26.
हमारे राजनेता
कृषि की आड़ में
टैक्स बचा रहे है
हथेली तक पर
सरसों उगा रहे हैं।
27.
जिनके पास अक्ल है
नौकरी के चक्कर में
दफ्तर दफ्तर डोल रहे हैं
जिनके पास भैंस है
उन्होंने डेयरी खोल ली है
आराम से दूध तौल रहे हैं
अब आप भी अपना दिमाग लगाएं
अक्ल बड़ी है या भैंस, समझाएं।
28.
जब से न्याय पर
पूंजी का पहरा हो गया है
हमारा अंधा कानून
बहरा हो गया है।
29.
धारा एक सौ चौबालिस
उन्होंने शहर में लगा दी
चल नहीं सकता
कोई हथियार लेकर
अंधो से भी छीन ली
हाथों की लाठी।
30.
नेता जी के
सत्ता पाने के बाद भी
खाली घूमते रहें
बेटा,दामाद और साला
और सारे टेंडर
ले जाए कोई लाला
तो इसको कहते हैं
गड़बड़ घोटाला।
31.
वह आदमी
ईमानदार नजर आता है
जो अपने घर के बाहर
यहां कुत्ता रहता है
लिखकर टंगवाता है।
32.
पता नहीं
क्या चाहती है
हमारी सरकार
कभी कहती है
दुल्हन ही दहेज़ है
कभी कहती है
दहेज़ का करो बहिष्कार।
33.
बिल देखने के बाद
जब दिन में ही नजर आएं
एक साथ पांच तारें
समझ लेना वो होटल
फाइव स्टार है प्यारे।
34.
कुछ तुम लिखो
कुछ हम लिखें
ना तुम पढ़ो
ना हम पढ़ें
बस वाह वाह करते रहें
यूं ही आगे बढ़ते रहें।
35.
आम आदमी
पसीना बहाकर पैसा कमाता है
खास आदमी
पैसा बहाकर,पसीना सुखाता है।
36.
विदेशियों के खिलाफ
चलाया जा रहा आंदोलन
सही है या ग़लत
मुझे नहीं मालूम
मैं सिर्फ इतना सोचता हूं
मेरे देश में
वह दिन कब आएगा
जब कोई आंदोलन
विदेशीपन के खिलाफ
चलाया जाएगा।
37.
शादी करने का
यही है मज़ा
एक बार जुर्म
बार बार सजा।
38.
पत्नी बोली
रूप रंग में किसी से
मैं नहीं हूं कम
पति देव ने कहा
मैडम है मेरा भी
ऐसा ही दृष्टिभ्रम।
39.
सफलता तो आई थी
चूमने को कदम
लेकिन लौट गई यूं ही
गंदे देख कदम।
40.
एक स्टेनो ने
अपनी अंतरंग सहेली को
चुपके से बताया
मैंने बॉस के साथ
दिल लगा के काम किया
तब कहीं मेरा
प्रमोशन हो पाया।
41.
उसी डॉक्टर को
अधिक पैसा मिलता है
जो मरीजों की नब्ज़
अपने हाथ में रखता है।
42.
वे
दर्पण के सामने
आने से कतराते हैं
क्योंकि किसी बेईमान को
देखते ही डर जाते हैं
43.
उनको खतरों से
खेलने की आदत है
शायद इसीलिए
उनमें शादी
करने की चाहत है।
44.
पानी बेचने के
वे फायदे गिनाते हैं
उनकी दुकान पर
बड़े बड़े लोग भी
पानी मांग जाते हैं।
45.
कौन है अपना,कौन पराया
सुनकर ये गीत
समाज से तिरस्कृत
कवि बड़बड़ाया
जो छाप दे रचना
वहीं है अपना।
✍️ डॉ पुनीत कुमार
T 2/505, आकाश रेसीडेंसी, मुरादाबाद 244001
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