मुरादाबाद की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था जागृति कला केन्द्र की ओर से साहित्यकार कीर्तिशेष शिशुपाल मधुकर की स्मृति में एक सम्मान-समारोह एवं काव्य-वर्षा का आयोजन, दयानंद डिग्री कॉलेज मुरादाबाद में किया गया। मयंक शर्मा द्वारा प्रस्तुत माॅं शारदे की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता उमाकांत गुप्ता 'एडवोकेट' ने की। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. महेश 'दिवाकर' तथा विशिष्ट अतिथियों के रूप में डॉ. पूनम बंसल, सरिता लाल एवं माया राजपूत रहीं। कार्यक्रम का संयुक्त संचालन अशोक विश्नोई एवं राजीव प्रखर द्वारा किया गया।
दो चरणों में संपन्न हुए इस कार्यक्रम के प्रथम चरण में साहित्यिक एवं सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए, नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम, कवि मयंक शर्मा, पत्रकार एवं शिक्षक डॉ. माधव शर्मा तथा लघु फिल्म निर्माता-निर्देशक एम. पी. बादल जायसी को शिशुपाल मधुकर स्मृति सम्मान से अलंकृत किया गया। शिशुपाल मधुकर के विषय में विस्तृत आलेख डॉ. मनोज रस्तोगी तथा सम्मानित विभूतियों पर परिचयात्मक आलेख राजीव प्रखर एवं अशोक विश्नोई द्वारा प्रस्तुत किए गए।
कीर्तिशेष शिशुपाल मधुकर के विषय में विचार व्यक्त करते हुए अध्यक्ष उमाकांत गुप्ता ने कहा - "साहित्यिक एवं सामाजिक क्षेत्र में कीर्तिशेष मधुकर जी द्वारा किया गया योगदान न केवल वर्तमान अपितु भावी पीढ़ियों के उत्थान का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। उनकी रचनाएं आम जनमानस से जुड़ी अभिव्यक्ति का साकार चित्र खींचती हैं।" साहित्य एवं सामाजिक क्षेत्र में मधुकर जी के योगदान का स्मरण करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. महेश दिवाकर का कहना था - "स्वर्गीय शिशुपाल मधुकर यथार्थवादी संचेतना के साहित्यकार थे। मुरादाबाद के साहित्य को गति प्रदान करने में वे निरंतर अपनी बहुआयामी भूमिका निभाते रहे। किसानों मजदूरों दलितों और सर्वहारा वर्ग के लोगों के प्रति अपनी संवेदना भी निरंतर प्रकट करते रहे। उनका साहित्य आम जनमानस की आवाज़ है।"
श्री शिशुपाल 'मधुकर' के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ रचनाकार एवं पत्रकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने कहा - कीर्तिशेष मधुकर जी की रचनाएं सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक विसंगतियों को न केवल उजागर करती है अपितु असमानता और व्यवस्थाओं के विरुद्ध आक्रोश भी व्यक्त करती हैं।"
कार्यक्रम के द्वितीय चरण में एक काव्य-वर्षा का भी आयोजन किया गया जिसमें राजीव प्रखर, योगेन्द्र वर्मा व्योम, मयंक शर्मा, अभिषेक रोहिला, ज़िया ज़मीर, डॉ. मनोज रस्तोगी, वीरेन्द्र बृजवासी, मीनाक्षी ठाकुर, डॉ. मोनिका सदफ, काले सिंह , आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ, ओंकार सिंह ओंकार, डॉ. पुनीत कुमार, रामदत्त द्विवेदी, रामसिंह निशंक, राशिद हुसैन, फ़रहत अली, श्रीकृष्ण शुक्ल, विवेक निर्मल, रवि चतुर्वेदी, चंद्रहास हर्ष आदि ने विभिन्न सामाजिक विषयों पर अपनी काव्यात्मक अभिव्यक्ति था विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में अनुजा राजपूत, धनसिंह 'धनेंद्र', रघुराज सिंह निश्चल, शिवओम वर्मा, अभय सिंह, राजवीर सिंह आदि भी उपस्थित रहे। उपासना राजपूत और पंकज चौहान ने आभार अभिव्यक्त किया।