मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति की ओर से 14 नवंबर 2024 को काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ जर्नलिस्ट्स के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश कुमार सिंह का सम्मान रुद्राक्ष की माला, योगेन्द्रपाल सिंह विश्नोई के जीवन पर आधारित अमृत महोत्सव ग्रंथ और अंग वस्त्र प्रदान कर किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में सर्वेश कुमार सिंह ने कहा कि काव्य मन के भाव व्यक्त करने के साथ ही व्यक्ति को सकारात्मक कार्यों के लिए प्रेरित करता है। कविता में राष्ट्र प्रेम, सामाजिक एकता को जागृत करने की अद्भुत क्षमता है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में कवियों ने समाज जागरण किया। साहित्य का पत्रकारिता में भी अमूल्य योगदान है, लेकिन आज हिंदी पत्रकारिता में भाषा की शुद्धता का संकट गहराता जा रहा है। पत्रकारिता में विश्वसनीयता की पूंजी को भी संजोकर रखना है।
अध्यक्षता करते हुए डॉ महेश दिवाकर ने कहा ...
उठो कमर कसकर उठो लो हाथों तलवार!
सत्य अहिंसा से सखा किसे मिले अधिकार।।
विशिष्ट अतिथि ओंकार सिंह ओंकार ने इस प्रकार अपनी अभिव्यक्ति दी
समय मिले तो खेलो खेल,
खेल खेल में कर लो मेल।
खेल चुको तो पढ़ो किताब,
ऊंचे ऊंचे देखो ख्वाब ।
संचालन करते हुए अशोक विद्रोही ने राष्ट्र प्रेम के भाव इस प्रकार व्यक्त किये...
हिंद का अब नया युग शुरू हो गया
विश्व में फिर से भारत गुरु हो गया ,
देश को आज केसरिया रंग भा गाया।
कैसा सुंदर सा ये आवरण आ गया।
राम सिंह निशंक ने पढा़-
सूरज से अठखेलियां करता आया शीत
दुबक रजाई में गए लोग हुए भयभीत।
राजीव प्रखर ने पढा़ -
मिटना अब भी शेष है, अन्तस से ॲंधियार।
जाते-जाते कह गया, दीपों का त्योहार।।
रघुराज सिंह निश्चल ने पढ़ा....
नभ से तोड़ सितारे लाओ
खुशियों में डुबकियां लगाओ
बस यह कुछ नुस्खे अपनाओ
फोकट में चर्चा में आओ"
राकेश चक्र ने पढ़ा-
फांसी के फंदे जो झूले उनका हिंदुस्तान कहां है?
टुकड़े करने वाले बोलो, भारत का अरमान कहां है?
रामदत्त द्विवेदी ने कहा-
क्यों बच्चे खूंखार हो गए?
क्यों समाज पर भार हो गए?
इंदू रानी ने पढ़ा
वह भी तो हमसे रिश्ता निभाता कभी।
हो अगर कुछ कमी तो बताता कभी ।।
काव्यगोष्ठी में महीका परमार , तुलसीराम डॉक्टर ओम प्रकाश कुंदन लाल ,डा़ अक्षेन्द्र सारस्वत, मुस्कान, एवं अन्य कवियों ने भी काव्य पाठ किया। राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति के संरक्षक योगेंद्र पाल विश्नोई एवं राम सिंह निशंक ने आभार अभिव्यक्त किया।
:::::प्रस्तुति:::::
अशोक विद्रोही
उपाध्यक्ष
राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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