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सोमवार, 19 अगस्त 2024

मुरादाबाद के साहित्यकार वीरेंद्र सिंह बृजवासी का गीत ....भैया के होते बहना की, निज शान नहीं घट सकती है


भैया   के   होते  बहना  की,

निज शान नहीं घट सकती है,

राखी के स्वर्णिम धागों  की,

भी आन नहीं घट सकती है।


तेरे   सुन्दरतम   सपनों  की,

परवान नहीं  घट सकती  है,

बहना-भैया  के  रिश्तों   की,

पहचान नहीं घट सकती  है!


राखी  बन्धन  के  गीतों  की,

मृदु तान नहीं  घट सकती है,

भैया के  सम्मुख  बहना. की,

मुस्कान नहीं  घट सकती  है!


हो  सहोदरा  या   मुंह  बोली,

बहना  तो  बहना   होती   है,

बहना के  प्रति  सद्भावों  की,

भी खान नहीं घट सकती है!


बहना  के  बिन  भैया  कैसा,

कैसी भैया  के   बिन  बहना,

सन्तुलन  साधने  लेष  कोई,

सन्तान नहीं घट  सकती  है!

   

✍️वीरेन्द्र सिंह "ब्रजवासी"

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल फोन नंबर 9719275453

        

मुरादाबाद के साहित्यकार मनोज वर्मा मनु का गीत.... भाई-बहन की प्रीत का दर्पण रक्षाबंधन का त्यौहार .....



कितना निर्मल कितना पावन,    

रक्षाबंधन का त्यौहार,

भाई-बहन की प्रीत का दर्पण

रक्षाबंधन का त्यौहार,,


कब से रीत चली दुनिया में,

इस पावन त्यौहार की,

इतने कच्चे धागे द्वारा,

इतने पक्के प्यार की

युग युग का इतिहास पुरातन,

रक्षाबंधन का त्योहार, 

कितना निर्मल कितना पावन,

रक्षाबंधन का त्योहार..


दानवेंद्र बलि से प्रसन्न हरि,

जब वैकुंठ नहीं आए,

माँ लक्ष्मी ने सूत्र बांध,

श्री हरि बलि से वापस पाए,

तभी से मनता यह मनभावन,

रक्षाबंधन का त्योहार,

कितना निर्मल कितना पावन, 

 रक्षाबंधन का त्यौहार.. 


भाई जब अपनी कलाई पे,

रक्षा सूत्र बंधाता  है ,

रहते प्राण बहन की रक्षा ,

 के प्रण को दोहराता है,,

करने आता रिश्ते पावन,      

रक्षाबंधन का त्योहार,,

कितना निर्मल कितना पावन,   

रक्षाबंधन का त्यौहार,, !

 

✍️ मनोज वर्मा 'मनु

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत