रविवार, 31 अगस्त 2025

मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल (वर्तमान में मेरठ निवासी) के साहित्यकार सूर्यकांत द्विवेदी का व्यंग्य..... खूब चढ़ी कढ़ाई


खूब चढ़ी कढ़ाई में आपका स्वागत है। आज हम आपको बिल्कुल नई रेसिपी बताते है। पहले भी यह मार्केट में आई थी। तब से यह मार्केट में है। रिस्पॉन्स अच्छा है।  रेसिपी में बदलाव करते रहना चाहिए। इससे डिमांड बनी रहती है। रेसिपी टेस्टी होती है।


रेसिपी स्टेप-1

आपको बाहर से कोई आइटम नहीं मंगवाना। हम घर के आइटम से ही रेसिपी बनाएंगे। मेड इन इंडिया। यह वीडियो बनाने तक हम 140 करोड़ हैं। जब तक रेसिपी तैयार होगी। बढ़ सकते हैं। तो आइए, रेसिपी तैयार करते हैं। 

स्टेप 2

एक नई कढ़ाई लीजिए। आपके पास नई न हो तो पुरानी भी ले सकते हैं। लेकिन इसमें वोट चोरी का अंदेशा होता है। आपके घर में एक थाली होगी। एक चम्मच होगी। उसको बजाइए। ठीक वैसे ही जैसे कोरोना में बजाई थी। यह काम घर के अंदर मत कीजिए। आप अपनी बालकनी में आ जाइए। फिर बजाइए। जितने बर्तन बजेंगे, सेहत के लिए अच्छा होगा। पड़ोस को पता होना चाहिए कि किस घर में बर्तन बज रहे हैं। इससे दो लाभ होंगे। पड़ोस में बर्तन खटकेंगे। नंबर दो.. तांक झांक बंद हो जाएगी। 

स्टेप 3 

अब थाली को लेकर किचिन में आ जाइए। गैस जलाइए।  कढ़ाई लीजिए। अभी एक नंबर पर ही जलाइए क्यों कि सिलेंडर महंगा है। अब उसमें थोड़ा सा घी डालिए। घी जल जाए तो कोई बात नहीं, दुबारा डालिए। आग में जितना घी डालोगे, रेसिपी उतनी टेस्टी बनेगी।

स्टेप 4

आपके पास बासी मलाई होगी। ताजी हो तो भी चलेगी। ताजी मलाई में स्वाद नहीं आता। बासी मलाई को अच्छी तरह फेंट लें। 

अब एक लौकी ले। चाकू लें। चाकू तेज होना चाहिए। आजकल चाकू तेज नहीं आते। अब हम चाकू से लौकी की ऊपर की हरी परत उतारेंगे। यह दो मिनट में उतर जाती है। किसी की भी उतारनी हो, दो मिनट ही लगते है। गोल गोल पीस कर लीजिए। लीजिए लौकी कट गई। 

कटने में टाइम नहीं लगता है।  बनने में देर लगती है। खाने में दो मिनट लगते हैं। 

स्टेप 5

अब लौकी को ऐसे ही रहने दें। एक कटोरे में एक चम्मच जीरा, एक चम्मच अजवाइन, कड़ी पत्ता, थोड़ी सी हल्दी लीजिए। लौकी को इस मसाले में मिक्सड कीजिए। अब महीन महीन राजनीतिक मुद्दों की तरह प्याज काटिए। प्याज जितनी महीन होगी उतने ही लोग कहेंगे वाह। 

लौकी को घी या तेल में फ्राई कर ले। फ्राई हल्के हल्के कीजिए। मसाला मिक्सड कर लीजिए। अब कढ़ाई में फ्राई कीजिए। मुद्दे बाहर आ जाएंगे।

स्टेप 6

लीजिए। रेसिपी तैयार हो गई। अब लौकी पर दही डालिए। और झट से सर्व कर दीजिए। एक बात और। लौकी खाने के दो फायदे हैं। पेट दुरुस्त होता है। हाजमा ऐसा कि ईडी को भी पता नहीं चलता। नंबर दो, लौकी से भाग्य बनता है। कारोबार फैलता है ।

मिसेज शर्मा जी ने पूछा.. आंटी जी मलाई का क्या करें ? 

"उसका कुछ नहीं करना। और बासी होने दीजिए। विपक्ष के काम आयेगी। "

लौकी को फ्राई कितनी गैस पर करें? एक नंबर पर?

"ओह नो। फ्लेम तेज कर दें। जब तक आग नहीं भड़केगी, लौकी नहीं गलेगी।"

मिसेज शर्मा ने दही की जगह बासी मलाई मिलाई और  मिस्टर शर्मा जी को परोस दी। 

याद रखिए, हर रेसिपी लोकतंत्र का हिस्सा है। घर और राजनीति में कोई चीज बेकार नहीं जाती। घर की रसोई में पड़ी पन्नियां कभी न कभी काम आ जाती हैं। पन्नियां वो राजनीतिक दल हैं जिनकी बड़े दलों को कभी न कभी जरूरत पड़ती ही है।

मिलते हैं, अगली रेसिपी पर। देखते रहिए - खूब चढ़ी कढ़ाई। यह रेसिपी अच्छी लगी हो तो चैनल को सब्सक्राइब करें। लाइक करें। शेयर करें। 

✍️ सूर्यकांत द्विवेदी, मेरठ


31.08.2025

1 टिप्पणी:

  1. वाह वाह वाह, द्विवेदी जी, बहुत शानदार रेसिपी है, स्वाद ऐसा कि चटखारे ले-लेकर पढ़ी।

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