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बुधवार, 30 सितंबर 2020

मुरादाबाद मंडल के जनपद अमरोहा निवासी साहित्यकार प्रीति चौधरी की लघुकथा -----आइना


आज बहुत दिन बाद रागिनी आइने के सामने बैठी ......उसने धीरे से काजल उठाया  ,इधर उधर देखा ,फिर उसको अपनी आँखो तक ले गयी पर झट से उसने उसे फिर वही रख दिया ।लोग क्या कहेंगे ......

उसके हाथ काँप रहे थे .................

प्रखर बुद्धि रागिनी प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती थी पर आज वह विधवा थी ,पति को उसने ठीक से देखा तक नही बस फेरे लिए थे अगले ही दिन ऐक्सिडेंट हो गया ...........और वह...........

आज उसने फिर अपना चेहरा आइने में  देखा ,आइना उसे पहले की तरह देखना चाहता था,इसबार उसने काजल उठाया और अपनी आँखो को गहरे काजल से सजा लिया।

काजल लगते ही आँखों मे सोये सपने फिर से जागृत हो उठे--------।।

                  

✍️ प्रीति चौधरी, गजरौला,अमरोहा