मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल की साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्था "परिवर्तन" ट्रस्ट के तत्वावधान में जकार्ता (इंडोनेशिया) की कवयित्री वैशाली रस्तोगी के नागरिक अभिनंदन के उपलक्ष्य में शनिवार 11 मार्च 2023 को हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन आर्य समाज सभागार, आर्य समाज रोड सम्भल में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष कार्यक्रम अध्यक्ष नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ यूसी सक्सेना, मुख्य अतिथि प्रसिद्ध उद्योगपति अमित त्यागी, व मंच संचालक हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर त्यागी अशोका कृष्णम् के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्पण के साथ किया गया। परिवर्तन ट्रस्ट की सचिव चौ दीक्षा सिंह द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती वंदना से आरंभ कार्यक्रम में वैशाली रस्तोगी को शॉल, स्मृति चिह्न व पुष्पाहार भेंट कर उनका नागरिक अभिनंदन किया गया।
मुरादाबाद से पधारे वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने सुनाया-
बीत गए कितने ही वर्ष
हाथों में लिए डिग्रियां,
कितनी ही बार जलीं
आशाओं की अर्थियां।
विख्यात व्यंग्यकार त्यागी अशोका कृष्णम् ने कहा-
हर दिन होली सी रहे रंगों की बौछार,
मंगलमय संसार का रसमय हो व्यवहार ।
अमरोहा की कवयित्री प्रीति चौधरी प्रीत ने सुनाया....
रंग ने गंध का हाथ पकड़ा
यहां प्रीति फागुन हुई
मन मचलने लगे
कवि आकर्ष त्यागी ने सुनाया ......
शाम ए गम में दिल लगाने का बहाना सीखिए,
जिंदगी हंसने न दे तो मुस्कुराना सीखिए।
कवि दुष्यंत बाबा की इस रचना पर खूब ठहाके लगे.......
गुझिया खाकर मेढ़की मले पेट पर हींग,
गधे आंदोलन कर रहे हम लेकर रहेंगे सींग ।
कवयित्री वैशाली रस्तोगी ने कहा -
होली पर मन कर रहा दर्शन दे दो श्याम,
रंग तुम्हारे मैं रंगू और हमें क्या काम।
चौधरी दीक्षा सिंह ने सुनाया-
सारे रंगों से मिलकर जो रंग बना है,
वो सुंदर मनुहार छुपा है होली में।
इसके अतिरिक्त पंकज दर्पण, शशि त्यागी, प्रदीप कुमार दीप ने भी काव्य पाठ किया। अंत में वैशाली रस्तोगी ने अपने परिवर्तन ट्रस्ट परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपने घर में सम्मानित होकर अभिभूत हैं।