बुधवार, 8 मार्च 2023

मुरादाबाद की साहित्यकार (वर्तमान में जकार्ता इंडोनेशिया निवासी) वैशाली रस्तोगी के आठ दोहे .....


होली की शुभकामना, प्रेम भरी बौछार।

आलिंगन में कस रहा,रंगीला त्यौहार।। 1।।


तन पर पड़ती जब सुनो,पिचकारी की धार।

रंगों की बौछार से,जुड़ते मन के तार।।2।।


ढोल तंबूरे बज रहे,चौपाई के गान।

रंगों में रंगीन सब,ऊंची सबसे शान।। 3।।


सांवरिया के रंग में,हुई सांवरी श्याम।

राधा के मन में बसे,कृष्णा आठों याम।। 4।।


केसरिया तन मन हुआ,पड़ी केसरी धार।

राधा कृष्णा खेलते,होली जमुना पार।।5।।


रंग रसिया साजन मिले,रंग बिरंगी देह।

सजनी का उबटन करें,उमड़ा सारा नेह।।6।।


होली होली श्याम की,होली राधा आज।

श्याम रंग ऐसा चढ़ा,श्याम बने सरताज।।7।।


चूड़ी खन खन बोलती,पायल की झंकार।

बांसुरिया अब आ मिलो,राधा रही पुकार।।8।।


✍️ वैशाली रस्तोगी

जकार्ता, इंडोनेशिया

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