बुधवार, 8 मार्च 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार अंकित कुमार अंक की रचना ...अबकी ऐसे रंगना हमको होली का दिन याद रहे


 रंगों  के  चटकीलेपन  से   ये जीवन  आबाद  रहे

अबकी  ऐसे  रंगना हमको होली का दिन याद रहे


ऐसा रंग लगाना जो हर दिल का  सूनापन भर  दे 

ऐसा  रंग लगाना जो सहमी इच्छाओं को पर  दे

ऐसा रंग लगाना जो अहसासों तक को तर कर दे

उम्मीदों  के  कल्ले  फूटें, मन की बगिया शाद रहे


ऐसा  रंग लगाना दिशा-दिशा  की मांगें  भर जाएँ

ऐसा  रंग  लगाना  चूनर  ओढ़  बालियाँ  मुस्काएँ

ऐसा   रंग  लगाना  पवनें    भी  मस्ती  में बौराएँ

धरती  जब अँगड़ाई ले तो नस-नस में उन्माद रहे


ऐसा रंग लगाना जिसमें अपनेपन  की चाहत हो

ऐसा रंग लगाना जिसकी रग-रग में ही मिल्लत हो

ऐसा   रंग   लगाना  जो   भाईचारे  की  राहत हो

आपसदारी  का  ये  जज़्बा  देखो  ज़िन्दाबाद  रहे


✍️ अंकित गुप्ता 'अंक'

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें