संस्कार भारती मुरादाबाद महानगर की ओर से शुक्रवार 23 अगस्त 2024 को आयोजित नटराज पूजन उत्सव में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार को साहित्य साधक सम्मान प्रदान किया गया। इस अवसर पर काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया।
महानगर के वृंदावन गार्डन मे आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्रोच्चार के मध्य नटराज प्रतिमा पर तिलक एवं पुष्पार्चन, संस्कार भारती के ध्येय गीत तथा राजीव प्रखर द्वारा मां सरस्वती वंदना से हुआ।
महानगर अध्यक्ष डॉ काव्य सौरभ जैमिनी ने कहा कि लोककल्याण एवं लोकमंगल के लिए शिव ने नटराज रूप धारण किया था तथा सत्यम शिवम् सुंदरम की अवधारणा को साकार किया था । यही कलाओं का मूल है तथा संस्कार भारती इसी उद्देश्य को लेकर कार्य कर रही है। कलाएँ समाज का संस्कार प्रबोधन करती हैं।कलासाधक मनुष्य को संस्कारशील बनाने का कार्य करते हैं।
कार्यक्रम के संयोजक महानगर उपाध्यक्ष डॉ मनोज रस्तोगी ने डॉ पुनीत कुमार के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार श्री कृष्ण शुक्ल ने कहा ....
है धर्म अहिंसा परम किंतु,
जब संकट स्वयं धर्म पर हो।
तब कैसे कोई चुप बैठे,
आसन्न मृत्यु जब सर पर हो।
इसलिए जाग, सब भ्रांति त्याग,
चेतन हो जा क्यों सोया है।
आघात बराबर जारी है,
हिंदुत्व अभी तक सोया है।
संचालन करते हुए प्रख्यात साहित्यकार योगेन्द्र वर्मा व्योम ने कहा ....
ऋषि-मुनि संत-फ़क़ीर यह, कहते हैं अधिकांश।
आँखें ही होती सदा, भावों का सारांश।।
आँखों से बहने लगी, मूक-वधिर सी धार।
जब यादों की चिट्ठियांँ, पहुँचीं मन के द्वार।।
चर्चित दोहाकार राजीव प्रखर का कहना था ...
मैं दर्पण में प्रेम से, झाॅंका जितनी बार।
मन की सारी, उलझनें, डाल गयीं हथियार।।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने कहा....
मॉम डैड कहने का चला चलन जबसे
चरणों में शीश नवाना भूल गए बच्चे
प्रांतीय मातृशक्ति संयोजिका डॉ पूनम बंसल ने गीत और गजलें प्रस्तुत कीं । विभाग संयोजक विवेक निर्मल ने गीत के माध्यम से ग्राम्य जन जीवन से जोड़ा। डॉ पुनीत कुमार ने ईमानदारी की चादर और उग्रवाद के माध्यम से पैने कटाक्ष किए। मुख्य अतिथि प्रांत मंत्री डॉ राकेश जैसवाल रहे तथा संयोजन डॉ मनोज रस्तोगी ने किया ।आभार विवेक गोयल ने जताया।
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