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सोमवार, 6 दिसंबर 2021
रविवार, 5 दिसंबर 2021
मुरादाबाद के साहित्यकार स्मृतिशेष दयानंद गुप्त के रचना समग्र --कारवां का लोकार्पण समारोह
मुरादाबाद के साहित्यकार स्मृतिशेष दयानन्द गुप्त के समस्त रचनाकर्म का संकलन “कारवाँ-श्री दयानन्द गुप्त-समग्र” का लोकार्पण रविवार पांच दिसम्बर 2021 को किया गया। सिविल लाइन स्थित दयानन्द आर्य कन्या महाविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध नवगीतकार माहेश्वर तिवारी ने की, मुख्य अतिथि के रूप में बाल संरक्षण आयोग के पूर्व अध्यक्ष डा. विशेष गुप्ता तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में विख्यात ग़ज़लकार डा. कृष्ण कुमार नाज़ रहे। कार्यक्रम का संचालन नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन तथा संदीप सक्सेना द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती वन्दना से हुआ। इसके पश्चात कीर्तिशेष दयानन्द गुप्त के चित्र पर पुष्पहार चढ़ाये गये। कीर्तिशेष दयानन्द गुप्त के सुपुत्र और पुस्तक के संपादक उमाकांत गुप्त ने दयानन्द गुप्त जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उनकी कुछ रचनाओं का वाचन भी किया।
मुख्य वक्ता के रूप में डा.मक्खन मुरादाबादी, डा.मनोज रस्तोगी, डा.अजय अनुपम, डा. चंद्रभान सिंह यादव एवं सूर्यकांत द्विवेदी ने लोकार्पित पुस्तक कारवाँ काव्य संकलन पर अपनी समीक्षा व विचार रखते हुए कहा कि दयानन्द जी की अधिकांश रचनाएँ 1930 से 1970 के बीच की हैं, उस समय की चर्चित पत्रिका सरस्वती में प्रकाशित भी हुईं, इसके अलावा उनके कहानी संग्रह की भूमिका महान साहित्यकार सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने लिखी।
इस अवसर पर महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा दयानन्द गुप्त जी की कुछ रचनाओं की संगीतबद्ध प्रस्तुति दी गई। नवोदित साहित्यकारों मीनाक्षी वर्मा एवं इला सागर को प्रतीक चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में बाल सुन्दरी तिवारी, सुधीर गुप्ता, वाई.पी. गुप्ता, राजीव प्रखर, डॉ काव्यसौरभ रस्तोगी, डा. कंचन सिंह, अशोक विद्रोही, डा. विनोद कुमार, डा. श्वेता, अनवर कैफी, मनोज मनु, शिशुपाल मधुकर, राहुल शर्मा, रघुराज निश्चल, अशोक रस्तौगी, डॉ.रीता सिंह, श्रीकृष्ण शुक्ल, फरहत अली, मनोज मनु, शिवओम वर्मा, स्वीटी तलवाड़, डॉ मीरा कश्यप सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। आभार अभिव्यक्ति कार्यक्रम की आयोजिका संतोष रानी गुप्ता ने प्रस्तुत की।
उमाकांत गुप्त
प्रबंधक
दयानंद डिग्री कालेज
मुरादाबाद
शनिवार, 4 दिसंबर 2021
मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की व्यंग्य कविता ----पकौड़ा मंत्रालय
एक तथाकथित बाबा ने
अपने भक्त को
हरी चटनी के साथ
पकौड़ा खिलाया
सारी परेशानियों से
छुटकारा दिलाया
इसको देख हमारी
शुभचिंतक सरकार के
दिमाग का कीड़ा कुलबुलाया
पकौड़ों की महत्ता को
शीश झुकाया गया
अलग से पकौड़ा मंत्रालय
बनाया गया
उस मंत्रालय ने
काफी शोध के बाद
तैयार किया
एक क्रांतिकारी दस्तावेज
जिसकी सिफारिशें थीं
बड़ी सनसनीखेज
सबसे महत्वपूर्ण था
रोजगार मंत्रालय का समापन
और
पकौड़ा ट्रेनिंग सेंटर का गठन
जिसकी शाखाएं
जिला स्तर पर खुलेंगी
बेरोजगारों को उसमें
पकौड़ा बनाने की ट्रेनिंग
मुफ्त में मिलेगी
कब, क्यूं, कैसे, कहां
कौन सा पकौड़ा बनाना है
किसको बेचना है
किसको खिलाना है
विस्तार से समझाया जाएगा
ट्रेंड लोगो को
सरकार की ओर से
एक ठेला भी दिलाया जाएगा
पकौड़ा बेचकर
वे इतना कमाएंगे
घर का खर्च भी चलाएंगे
और पकौड़ा टैक्स भर कर
सरकार का राजस्व भी बढ़ाएंगे
यह सरकारी व्यवस्था
अधिकतर लोगों को
समझ नहीं आई
कुछ लोगों ने
इसकी सफलता पर
उंगली उठाई
इतने पकौड़े कैसे बिकेंगे
कितनी होगी कमाई
सरकार ने
एक कमेटी बनाई
फिर अपनी योजना
विस्तार से समझाई
पकौड़ों की बिक्री बढ़ाने को
कई महत्वपूर्ण कदम
उठाए जायेंगे
हर गांव में सरकारी
पकौड़ा क्रय केंद्र बनाए जायेंगे
समूचा पकौड़ा उत्पादन
सरकारी देख रेख में किया जाएगा
पचास प्रतिशत
सरकार द्वारा लिया जाएगा
मिड डे मील का दायरा बढ़ेगा
अब ये प्रत्येक छात्र,
छात्रा को मिलेगा
उनके स्वास्थ्य से कोई
समझौता नहीं किया जाएगा
हर दिन अलग अलग तरह का
पकौड़ा दिया जाएगा
डॉक्टर और डायटिशियन
सरकार के दबाव में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे
अलग अलग मरीजों को
अलग अलग तरह के
पकौड़े बताए जाएंगे
पकौड़े के गिफ्ट हैंपर
बाजार में आएंगे
लोग, एक दूसरे के घर
मिठाई की बजाए
पकौड़े लेकर जाएंगे
विभिन्न
राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में
जो सफल होंगे
उनके दोनों हाथों में
पकौड़े होंगे
नकद इनाम होगा
साथ ही पूरे साल
पकौड़े खाने का
मुफ्त में इंतजाम होगा
इस कार्यक्रम को
सफल बनाने के लिए
सरकार किसी भी
हद तक जा सकती है
दूरदर्शन पर
कौन बनेगा पकौड़ा पति
शुरू की जा सकती है
पकौड़ा खाने खिलाने से
जो इनकार करेगा
उस पर देशद्रोह का
मुकदमा चलेगा
फैसला होने तक
उसे कोई भी सरकारी
लाभ नहीं मिलेगा
आप सबको अभी यह
परियों की कहानी सा लगेगा
लेकिन जब एक दिन
हर नौजवान को
रोजगार मिलेगा
और पूरा विश्व भारत के
पकौड़े खाएगा
तभी आपको पकौड़े का
मनोविज्ञान समझ आएगा।
✍️ डॉ. पुनीत कुमार
T 2/505 आकाश रेजीडेंसी
मुरादाबाद 244001
M 9837189600
शुक्रवार, 3 दिसंबर 2021
मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रवि प्रकाश का व्यंग्य ----दूध की धुली चयन प्रक्रिया
मंत्री जी दूध के धुले थे। सभी मंत्री दूध के धुले होते हैं लेकिन हम जिन मंत्री जी की बात कर रहे हैं वह एक बाल्टी के स्थान पर दो बाल्टी दूध से प्रतिदिन स्नान करते थे। अतः वह विशेष रूप से दूध के धुले हुए कहलाएंगे । जब मंत्री जी दूध के धुले हैं तो स्पष्ट है कि उनके उच्च अधिकारी भी दूध के धुले ही थे अर्थात वह भी एक बाल्टी दूध से प्रतिदिन स्नान करते थे । दूध से स्नान करने में समय ज्यादा लगता है । आम आदमी पानी की बाल्टी से नहा लेता है । इसमें दो - चार मिनट लगते हैं लेकिन दूध से स्नान करने में कम से कम तीन घंटे लगते हैं। इसीलिए जो लोग दूध के नहाए हुए होते हैं, उनको जब भी फोन करो अथवा उनके दरवाजे की कुंडी खटखटाओ तो उत्तर यही मिलता है कि साहब बाथरूम में हैं अर्थात दूध से स्नान कर रहे हैं ।
खैर ,विषय सरकारी नौकरी में नियुक्ति की चयन प्रक्रिया का है । मंत्री जी की हार्दिक इच्छा थी कि चयन प्रक्रिया दूध की धुली हुई हो अर्थात पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हो । अधिकारियों के सामने उन्होंने अपना विचार रखा कि सरकारी भर्ती में चयन प्रक्रिया पारदर्शी कैसे हो ?
सर्वप्रथम मंत्री जी ने लिखित परीक्षा का विचार प्रस्तुत किया। तुरंत अधिकारियों ने आपत्ति लगा दी । कहने लगे "आजकल पेपर लीक होने का मौसम चल रहा है । ऐसे में लिखित परीक्षा आयोजित करने का जोखिम उठाना ठीक नहीं है । इसके अलावा लिखित परीक्षा में इस बात की भी संभावना रहती है कि अभ्यर्थी के स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति आकर पेपर दे जाए और मामला गड़बड़ी युक्त हो जाए । सॉल्वर गैंग चारों तरफ घूम रहे हैं ।"
अधिकारियों की बात मंत्री जी के समझ में आ गई । फिर पूछने लगे कि अब क्या किया जाए ?
अधिकारियों ने कहा " साहब ! हम लोग साक्षात्कार के माध्यम से अगर सरकारी नौकरी में नियुक्तियां करें तो इसमें गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं हो सकती । अभ्यर्थी हमारे अधिकारियों के सामने बैठा होगा और हमारे अधिकारी उस से सामने से प्रश्न करेंगे । इसमें धांधली नहीं हो सकती ।"
मंत्री जी कुछ सोचने लगे तो अधिकारी समझ गए कि मंत्री जी के मन में क्या प्रश्न चल रहा है । तुरंत उन्होंने उत्तर दिया "सर ! घबराने की कोई बात नहीं है । आज हमारे पास दूध के धुले हुए अधिकारी प्रत्येक तहसील स्तर पर बड़ी संख्या में उपलब्ध हैं। दूध से नहाने की प्रवृत्ति चारों तरफ फैली हुई है । साक्षात्कार के द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया से चयन करने में कोई दिक्कत नहीं आएगी । हमारे दूध से धुले हुए अधिकारी सारी स्थिति संभाल लेंगे ।"
अब पुनः सोचने की बारी मंत्री जी की थी । कहने लगे "क्या सभी अधिकारी अब दो - दो बाल्टी दूध से नहाते हैं ?"
"नहीं सर ! केवल एक बाल्टी दूध से नहाते हैं । दो बाल्टी दूध से तो केवल आप ही नहा सकते हैं ।"
"लेकिन एक बाल्टी दूध भी तो बहुत महंगा है ! कहां से आता है ?"
"वहीं से जहां से आपका दो बाल्टी दूध आता है ।"
सुनकर मंत्री जी झेंप गए । उन्होंने फिर दूध के बारे में कोई सवाल नहीं किया । मंत्री जी का अगला प्रश्न था-" साक्षात्कार में क्या पूछोगे ?"
अधिकारियों ने उन्हें समस्त योजना से अवगत कराया । कहा " साक्षात्कार बहुत उच्च कोटि का रहेगा । हम इसी में प्रैक्टिकल परीक्षा भी ले लेंगे।"
" प्रैक्टिकल परीक्षा कैसी ? "-मंत्री जी का अगला सवाल था ।
"सर ! प्रैक्टिकल परीक्षा बहुत जरूरी है । हम अभ्यर्थी के सामने सेब ,केला, अमरूद और अनार रखेंगे तथा उससे पूछेंगे कि चारों फलों के नाम बताओ । जो जितनी जल्दी जवाब दे देगा वह उतना ही कार्यदक्ष माना जाएगा ।"
मंत्री जी सुनकर खुश हो गए । कहने लगे "यह तो बहुत अच्छी प्रैक्टिकल परीक्षा होगी । साक्षात्कार में क्या पूछोगे ?"
अधिकारियों ने कहा "प्रत्येक अभ्यर्थी से उसका नाम ,माता-पिता का नाम ,जिले, तहसील का नाम, घर का पता पूछा जाएगा । ऐसा करते समय हम अभ्यर्थी की बॉडी-लैंग्वेज को नोट करेंगे तथा उसके आधार पर साक्षात्कार के अंक दिए जाएंगे ।"
मंत्री जी अधिकारियों की बात से खुश हुए। कहने लगे "ठीक है ! दूध के धुले अफसरों की तलाश करो और उन्हें इंटरव्यू कमेटी में शामिल करके साक्षात्कार तथा प्रैक्टिकल परीक्षा पर आधारित दूध की धुली चयन प्रक्रिया संपन्न की जाए ।"
✍️ रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश), भारत,
मोबाइल 99976 15451
गुरुवार, 2 दिसंबर 2021
बुधवार, 1 दिसंबर 2021
यादगार चित्र : यह चित्र 1968 का है ।इस चित्र में हैं -बैठे हुए - डॉ शिव बालक शुक्ल, प्रो महेंद्र प्रताप, प्रो राज नाथ मेहरोत्रा, प्रो नृपेंद्र लाल मोइत्रा, खड़े हुए - वंदना वर्मा, विजय प्रताप सिंह, गजेंद्र सिंह वत्स ।
डॉ मनोज रस्तोगी
8,जीलाल स्ट्रीट
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नम्बर 9456687822