शुक्रवार, 3 दिसंबर 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार स्मृतिशेष प्रो.महेन्द्र प्रताप का गीत - आज स्वर की लहर अंतिम डूबती है ....यह गीत प्रकाशित हुआ है केजीके महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका 1953- 54 में ।


 


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें