पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जयंती पर संस्कार भारती महानगर इकाई की ओर से 25 दिसंबर 2024 को काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। रामगंगा विहार स्थित वृंदावन गार्डन में आयोजित इस गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए संस्कार भारती के महानगर अध्यक्ष डॉ काव्य सौरभ जैमिनी ने कहा ..... अटल जी की सरलता, सहनशीलता, समन्वय और समायोजन शीलता का भाव हम सभी के लिए प्रेरणा स्त्रोत है।
मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षाविद् पंकज गुप्ता ने कहा कि अटल जी जितने गंभीर थे उतने विनोदप्रिय भी थे।
मयंक शर्मा द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से आरंभ काव्य गोष्ठी का संचालन करते हुए संस्कार भारती के महामंत्री डॉ मनोज रस्तोगी ने गीत प्रस्तुत किया ....
सूरज की पहली किरन
उतरी जब छज्जे पर
आंगन का सूनापन उजलाया ।
वरिष्ठ साहित्यकार श्रीकृष्ण शुक्ल ने कहा ....
द्वेष घृणा मिट सके दिलों से
कुछ ऐसे अश्आर लिखो
मानवता दम तोड़ रही है
इसका कुछ उपचार लिखो
योगेन्द्र वर्मा व्योम ने दोहे प्रस्तुत करते हुए कहा ...
कोशिश रहे न हों कभी, आहत मन, या लोग।
इसीलिए हो सोचकर, शब्दों का विनियोग।।
चलो करें मिलकर सखे, नूतन एक उपाय
पुनः लिखें सौहार्द की, खुशबू का अध्याय।।
विवेक निर्मल ने गीत प्रस्तुत करते हुए कहा ...
शीश झुका फिर भारत मां को वंदन कर लो तुम,
लगा के माटी माथे से फिर चंदन कर लो तुम।
राजीव 'प्रखर' ने शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए मुक्तक प्रस्तुत किया ....
गौरव-गाथा के पृष्ठों में, जिनका पावन तेज समाया, देकर अपना लहू जिन्होंने, मातृभूमि का मान बढ़ाया, थोड़ा समय निकालो मित्रो, उनका भी वंदन करने को, हॅंसते-हॅंसते जिन वीरों ने, फन्दे को भी गले लगाया।
युवा गीतकार मयंक शर्मा ने अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय को नमन करते हुए कहा....जन्म सार्थक हो धरा पर स्वप्न हर साकार हो, हम चलें कर्तव्य पथ पर और जय जयकार हो।
इस अवसर पर आशा लता जैमिनी, डॉ पूनम बंसल, शिखा रस्तोगी भी उपस्थित रहे। आभार विवेक गोयल ने व्यक्त किया ।