गुरुवार, 29 जून 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विद्रोही की कहानी ......ओह बाबा !

   


पिछले 3 दिन से घर में चूल्हा नहीं जला था जलता भी कैसे  घर में अन्न का एक भी दाना नहीं था....!

       .......... किसी ने कुछ भी नहीं खाया था परंतु अब सहन नहीं होता ! हे भगवान आगे कैसे चलेगा.. कुछ तो मदद करो...! कहीं से तो आओ ?.... क्या मेरे बच्चे यूं ही भूखे मर जाएंगे?.... प्रभु कुछ तो चमत्कार दिखाओ .....! घर के पूजा गृह में माथा टेकते हुए  संगीता बुदबुदाई !

    पति का एक्सीडेंट क्या हुआ संगीता  की तो दुनिया ही  उजड़ गई ..... एक्सीडेंट होने के बाद वह बिस्तर पर आ गए और फिर धीरे-धीरे घर की सारी जमा पूंजी की एक-एक पाई समाप्त हो गयी...! 

.......?और फिर अचानक एक दिन राधेश्याम  स्वर्ग सिधार गया। और छोड़ गया अपने पीछे एक बूढ़ी मां, पत्नी और दो बेटियों को.... बेसहारा परिवार में कमाने वाला कोई भी नहीं..... जहां कहीं से मदद ली जा सकती थी ली जा चुकी थी......।

.. अब दुकानदार ने भी उधार देना बन्द कर दिया था । ऐसा लगता था कि पूरा परिवार ही भूख से  दम तोड़ देगा.....!

......... शाम के 8:00 बजे  दरवाजे पर एकाएक दस्तक हुई.....  दरवाजा संगीता ने ही खोला.... क्या बात है ? कौन है ?क्या है?

.......... ".... कुछ खाने का सामान ,राशन, घी ,तेल और कुछ फल व सब्जियां हैं"..... "कहां रखना है?" लंबे डील-डोल वाले व्यक्ति ने जवाब देते हुए प्रश्न किया !

.....संगीता ने पूछा  "किसने भेजा है ? "

.....".हमें डॉ जोशी ने भेजा है. .!."

... पता गलत हो सकता है ! हमारी तो कोई जान पहचान भी डॉक्टर जोशी से नहीं है !

......."नहीं यही पता है नरोत्तम सिन्हा का यही मकान है न ?"

....... "हां मेरे दादाजी का नाम ही नरोत्तम सिन्हा था " नन्दू ने  कहा......"रास्ते में पूछा था तो पता तो सही है ही"!.... और साथ में लिफाफा भी है ....!"

      सभी घरवाले यह देखकर चकित थे कि ये  चमत्कार कैसे हो गया.....  ऐसा कौन डॉ जोशी है ? जो संकट की इस घड़ी में भगवान बन कर हमारे सम्मुख उपस्थित हो गया है।...... हम तो किसी डॉक्टर जोशी को नहीं जानते .....?हमारा उस से क्या संबंध ?

.... खैर जो भी हो यह सब सोचने समझने का समय अब नहीं था....... भूख से सभी के प्राण निकले जा रहे थे .....खाने में कुछ ब्रेड थीं ड्राई फ्रूट्स थे; नमकीन, बिस्कुट थे.......

 सभी खाने पर झपट पड़े,.....! पानी पिया दूध से चाय बनाई गई !

  ....... लिफाफा खोला तो उसमें 500  के नोटों की गड्डी थी गिनती करने पर पता लगा कि ₹20000 थे ! सोचा सामान खत्म हो जाएगा तो कोई बात नहीं और सामान लाया जाएगा ।

    .....डॉ जोशी ने ये  सामान क्यों भेजा ? कुछ दिन बीते धीरे-धीरे सारा सामान खत्म होने लगा परंतु यह क्या महीना भर बाद फिर वही समान वही लिफाफा....घर में आ गया अब तो बहुत मुश्किल थी .. यह जानना भी जरूरी था आखिर ये डॉक्टर जोशी है कौन ?

   ......जो संकट की घड़ी में अनजाने लोगों की यों मदद कर रहा है ।

 .......डॉक्टर जोशी रामनगर में कहीं रहते थे अम्मा जैसे तैसे पता लगा कर रामनगर पहुंचीं  तो वहां देखा कि बहुत भीड़ लगी है जानने की कोशिश की कि क्या हुआ है?.... तो पता लगा डॉक्टर जोशी की एक्सीडेंट में मौत हो चुकी थी..... उम्र यही कोई 45 साल.... लोग कहते जा रहे थे डॉक्टर साहब बहुत भले आदमी थे ....!

      हार कर अम्मा वापस आ गई पता लगाने की कोशिश बेकार गयी .......!.......

.....महीना भर बाद फिर वही गाड़ी आई और समान और लिफाफा छोड़ गयी.....अब तो डॉक्टर जोशी भी जिंदा नहीं थे....... ।

...... कुछ दिन बाद अम्मा को बाबा का संदूक खोलने पर एक डायरी मिली उस डायरी  में अंदर जो लिखा था उसे देख कर अम्मा  चकित रह गई .....!

.......एक पन्ने पर सारा हिसाब लिखा था  जिसका अर्थ  निकलता था कि हर महीने बाबा ₹1000 किसी अनाथ बच्चे जोशी को देहरादून भेजते थे ...जिससे जोशी का पूरा पढ़ाई का खर्च हॉस्टल की फीस जमा होती थी  ।..... बाबा अक्सर देहरादून जाते रहते थे ....वे जब तक जिंदा रहे तब तक पैसा भेजते रहे.... और वही बालक आज एक सफल डॉ सर्जन बन गया..था...!

        कुछ दिन बाद डॉक्टर जोशी के अकाउंटेंट इस परिवार का हाल जानने आए तो उन्होंने बताया कि डॉक्टर जोशी अत्यधिक बिजी रहते थे .....बहुत  धर्म कर्म वाले थे जैसे ही डॉक्टर जोशी को पता लगा कि नरोत्तम सिन्हा के  इकलौते बेटे की भी एक दुर्घटना में मौत हो गई तो उन्होंने इस परिवार के लिए एक बड़ा फंड बैंक में जमा किया जिससे प्रति माह इस परिवार का खर्च चल सके ! 

........जानकर नन्दू के मुंह से अनायास ही निकल गया *ओह बाबा !*और दो आंसू उसके गालों पर ढुलक पड़े !!

.........डॉक्टर जोशी उस दिन इसी परिवार से मिलने आ रहे थे कि रास्ते में उनका एक्सीडेंट हो गया और उनकी मृत्यु हो गई.......!

✍️ अशोक विद्रोही 

 412 प्रकाश नगर

  मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

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