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सिंदूर देखकर मारा था, हम ढूँढ- ढूँढ कर मारेंगे
1) मत फूल समझकर भूल करो, हम फूल नहीं अंगारे हैं।
हम राम -कृष्ण के वंशज हैं, लाखों दानव संहारे हैं।।
2)सिंदूर देखकर मारा था, हम ढूँढ- ढूँढ कर मारेंगे।
है कसम हमें भारत माँ की, धरती का भार उतारेंगे।।
3)यह धर्म सनातन अक्षय है, ,यह धर्म सदा से निर्भय है।
पूरब -पश्चिम,उत्तर- दक्षिण, केवल भारत की जय जय है।।
✍️मीनाक्षी ठाकुर
मिलन विहार
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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