बुधवार, 7 मई 2025

मुरादाबाद की साहित्यकार मीनाक्षी ठाकुर की हुंकार .... सिंदूर देखकर मारा था, हम ढूँढ- ढूँढ कर मारेंगे।

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सिंदूर देखकर मारा था, हम ढूँढ- ढूँढ कर मारेंगे 


1) मत फूल समझकर भूल करो, हम फूल नहीं अंगारे हैं। 

हम राम -कृष्ण के वंशज हैं, लाखों दानव संहारे हैं।। 


2)सिंदूर देखकर मारा था, हम ढूँढ- ढूँढ कर मारेंगे। 

है कसम हमें  भारत माँ की, धरती का भार उतारेंगे।। 


3)यह धर्म सनातन अक्षय है, ,यह धर्म सदा से निर्भय है। 

पूरब -पश्चिम,उत्तर- दक्षिण, केवल भारत की जय जय है।। 


✍️मीनाक्षी ठाकुर

मिलन विहार

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

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