सोमवार, 8 मई 2023

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की ओर से 7 मई 2023 को आयोजित काव्य-गोष्ठी

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था हिन्दी साहित्य संगम की मासिक काव्य-गोष्ठी रविवार 7 मई 2023 को मिलन विहार स्थित आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज में आयोजित की गई। राजीव प्रखर द्वारा प्रस्तुत माॅं सरस्वती की वंदना एवं संचालन में आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रामदत्त द्विवेदी ने कहा .....

जो भजन भगवान का करते नहीं हैं। 

दुख सभी उनके कभी कटते नहीं हैं।।

मुख्य अतिथि अशोक विश्नोई ने कहा .....

रिश्तों में अब प्यार का एहसास होना चाहिए। 

हर जुबां मीठी रहे विश्वास होना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि के रूप में ओंकार सिंह ओंकार का कहना था ......

सुबह सुहानी हो गई, चिड़ियों के सुन बोल। 

कलियां धीरे से हंसीं, घूंघट के पट खोल।। 

हवा विषैली कर रहा, धुआं धुआं सब ओर। 

यहाँ सांस लेना कठिन, बमबारी घनघोर।।

विशिष्ट अतिथि  डॉ मनोज रस्तोगी ने कहा ....

जैसे तैसे बीत गए पांच साल रे भैया।

 फिर लगा बिछने वादों का जाल रे भैया। 

आवाज में भरी मिठास, चेहरे पर मासूमियत, 

भेड़ियों ने पहनी गाय की खाल रे भैया।

वरिष्ठ नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम ने अपनी प्रस्तुति में कहा - 

क्षमता का उपयोग कर, उड़ जा पंख पसार। 

सपनों के आकाश का, अंतहीन विस्तार।

 रिश्ते-नातों में बढ़ा, कई गुना आनंद।

 दोषमुक्त जब हो गए, व्यवहारों के छंद।।

       रचना पाठ करते हुए राजीव प्रखर ने कहा - 

मेरी मीठे बेर से, इतनी ही फ़रियाद। 

दे दे मुझको ढूंढकर, शबरी-युग सा स्वाद।।

 देख शरारत से भरी, बच्चों की मुस्कान। 

बूढ़े दद्दू भी हुए, थोड़े से शैतान।।  

प्रशांत मिश्र की अभिव्यक्ति थी - 

जब थियेटर में बैठे मैथ की पढ़ाई याद आती है। 

जितेन्द्र जौली ने कहा - 

जात-पात को भूलकर, सब हो जायें साथ। 

दुर्बल की रक्षा हेतु, उठे सदा ये हाथ।।  

नकुल त्यागी ने भी समाज को चेताया - 

गधों की हर समस्या का समाधान है, 

पर गधे को गधा कहना गधे का अपमान है। 

      संस्था के महासचिव जितेंद्र जौली द्वारा आभार-अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम समापन पर पहुॅंचा।














:::::::::::प्रस्तुति:::::::::::

जितेंद्र कुमार जौली

महासचिव

हिन्दी साहित्य संगम

मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल- 93588 54322

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें