रविवार, 7 मई 2023

मुरादाबाद के साहित्यकार डॉ पुनीत कुमार की व्यंग्य कविता..पढ़ा लिखा गधा.


जी हां,

मैं एक पढ़ा लिखा गधा हूं

जाति धर्म और जान पहचान का

पूरा सम्मान करता हूं

उम्मीदवार कितना भी बुरा हो,

उसी को मतदान करता हूं

संकीर्ण मानसिकता के

खूंटे से बंधा हूं

जी हां, 

मैं एक पढ़ा लिखा गधा हूं


स्वच्छता अभियान को

ईमानदारी से चलाता हूं

अपने घर का कचरा

पड़ोसी के घर तक पहुंचाता हूं

उसको अपने जैसा

बनाने पर तुला हूं

जी हां

मैं एक पढ़ा लिखा गधा हूं


हर दिन हर पल

विज्ञान के गुण गाता हूं

प्रतिकूल परिस्थितियों में

अंधविश्वासी बन जाता हूं

आधुनिकता के झूठे

लबादों से लदा हूं

जी हां

मैं एक पढ़ा लिखा गधा हूं


✍️डॉ पुनीत कुमार

T 2/505 आकाश रेजीडेंसी

मुरादाबाद 244001

M 9837189600

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