शनिवार, 19 मार्च 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार के पी सिंह सरल का गीत ----रंगों की बौछार होली खेलो रे ! -------


आई फाग बहार होली  खेलो रे !                                  रंगों का त्योहार , होली खेलो रे !!                  

रंग गुलाल हाथ में ले कर  ! 

साथी सभी साथ में ले कर  !! 

ले पिचकारी चल हुरियारे  ! 

कुछ भर लाओ रंग गुब्बारे  !! 

रंग पिचकारी रखो कमर पर ! 

चली है टोली गाँव डगर पर !! 

रंगों की बौछार होली खेलो रे ! -------       

इक दूजे को रंग लगाये  ! 

कोई घर पर भंग पिलाये !! 

गली गली में धूम मची है ! 

धरती मां भी खूब रची है !! 

हवा सुरमयी फिजा रॅगमयी ! 

हरियाली फसलों पर छा गयी !!

रंगीला संसार होली खेलो रे ! -----

दिल के सारे मैल हटा कर ! 

दुश्मन को भी गले लगा कर !! 

रंग लगाओ बैर भुलाओ ! 

सब को अपने गले लगाओ !! 

हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई ! 

सब बन जाओ. भाई भाई  !! 

मिले प्यार को प्यार होली खेलो रे !

रंगों का त्यौहार होली खेलो रे !!

✍️ के पी सिंह 'सरल'

मिलन विहार

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत




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