गली मुहल्ले सूने हैं
सूना लगता शहर !
दया करो प्रभु जगत पर,
रोको अपना कहर!!१
क्षमा करो संसार को,
बन्द करो उत्पात!
कोरोना से जगत को,
अब तो देउ निजात!!२
दया आपकी चाहिए,
ए मेरे घनश्याम!
सुख में भी नहिं भूलते,
कभीआपका नाम!!३
नीरवता सी छा रही,
चहुँदिश हाहाकार!
बहुत दुखीअब हो चुका,
तेरा ये संसार!! ४
'सरल'आपके द्वार पर,
झुका रहा है शीश!
रोकोअब इस मृत्यु को,
हे करुणा के ईश!!५
✍️ केपी सिंह 'सरल'
मिलन विहार
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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