मंगलवार, 15 जुलाई 2025

मुरादाबाद के साहित्यकार ( वर्तमान में नोएडा निवासी) नरेन्द्र स्वरूप विमल का गीत.... धड़कनें यह पूछती हैं

धड़कनें यह पूछतीं हैं,

पत्थरों से प्यार क्यों है,

नीर बिन इन भावनाओं की 

डगर में ज्वार क्यों है?


घन बिना बरसात होती,

शून्यता आंसू पिरोती,

ग्रीष्म की सूखी नदी का,

तट भला मझधार क्यों है।


होंठ सूखे ,गाते सूखे,

लग रहे, संबंध रूखे,

उम्र के मधुमास का,

यह ठूठ सा पतझार क्यों है।


भेद पल पल,पल रहे हैं,

हम स्वयं को छल रहे हैं,

जीत में भी कुलबुलाती,

आह भरती, हार क्यों है।

धड़कनें यह पूछतीं हैं 

पत्थरों से प्यार क्यों  ‌है।


✍️नरेन्द्र स्वरूप 'विमल'

ए 220.से,122, नोएडा, उत्तर प्रदेश, भारत

मोबाइल फोन नम्बर 9999031466 


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