सोमवार, 18 जनवरी 2021

वाट्स एप पर संचालित समूह "साहित्यिक मुरादाबाद" में प्रत्येक रविवार को वाट्स एप कवि सम्मेलन एवं मुशायरे का आयोजन किया जाता है । इस आयोजन में समूह में शामिल साहित्यकार अपनी हस्तलिपि में चित्र सहित अपनी रचना प्रस्तुत करते हैं । रविवार 17 जनवरी 2021 को आयोजित 237 वें आयोजन में डॉ अशोक रस्तोगी, अनुराधा सैनी, रवि प्रकाश, डॉ प्रीति हुंकार, रेखा रानी, डॉ पुनीत कुमार, डॉ शोभना कौशिक, सन्तोष कुमार शुक्ल सन्त, राजीव प्रखर, सूर्यकांत द्विवेदी, वैशाली रस्तोगी, अखिलेश वर्मा, और श्री कृष्ण शुक्ल द्वारा प्रस्तुत की गईं हस्तलिपि में रचनाएं ---------


















 

रविवार, 17 जनवरी 2021

संस्कार भारती मुरादाबाद की ओर से आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज में काव्य गोष्ठी का आयोजन

  संस्कार भारती साहित्य समागम  की प्रथम वर्षगांठ पर 17 जनवरी 2021 रविवार को काव्य गोष्ठी का आयोजन आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज मुरादाबाद में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराजा हरिश्चंद्र महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मीना कौल ने की।  मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ मनोज रस्तोगी एवं विशिष्ट अतिथि बाबा संजीव आकांक्षी रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के चित्र के समक्ष माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। मां सरस्वती की वंदना राजीव प्रखर ने प्रस्तुत की 

        काव्य गोष्ठी में डॉ मीना कौल ने नारी विमर्श पर अपनी सशक्त रचना प्रस्तुत करते हुए कहा----

स्त्री!

तू कोई खिलौना नहीं

कि कोई भी तुमसे खेल सके।

         मुरादाबाद के साहित्य को संजोने का ऐतिहासिक कार्य कर रहे 'साहित्यिक मुरादाबाद' के संचालक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने  कोरोना के संदर्भ में अपनी रचना के माध्यम से जागरूक किया ---

 करना दूर से नमस्ते भइया

 हाथ ना मिलाना तुम

 जब भी निकलो घर से 

मास्क पहनकर जाना तुम 

        संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री बाबा संजीव आकांक्षी ने कहा --

है नरों के  इंद्र ने 

तुम को जगाया

अब भी ना जागे तो

 यह महापाप होगा।

        महानगर की युवा कवयित्री मीनाक्षी ठाकुर ने श्रीराम मंदिर निर्माण के संदर्भ में अपनी ओजस्वी वाणी से आह्वान किया ----

श्रीराम धरा पर आकर तुम

 फिर से सृष्टि उद्धार करो 

      अपने दोहों और मुक्तकों से एक विशिष्ट पहचान स्थापित कर चुके युवा साहित्यकार राजीव प्रखर ने कहा ----

दिलों से दूरियां तज़ कर

 नए पथ पर बढ़ें  मित्रों

 नया भारत बनाने  को 

 नई  गाथा   गढ़ें  मित्रों।

खड़े हैं संकटों के जो 

बहुत से आज भी दानव।

 सजाकर श्रंखला सुद्रढ़ 

चलो उनसे लड़ें मित्रों।

      नवोदित कवयित्री शीतल ठाकुर ने कहा---

 सच के साथ चलना

 सच को दिखाना 

यही उद्देश्य अपना ।

        युवा रचनाकार ईशांत शर्मा ईशु ने कहा----

 मान भी जाओ, मनाना जरूरी है क्या

 प्यार हर बार, जताना जरूरी है क्या 

       आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने कहा----

 जीवन एक संग्राम हैं

 जिसमें चलना अविराम है

कार्यक्रम के अंत में मंच द्वारा सभी उपस्थित साहित्यकारों का माल्यार्पण कर साहित्य समागम के एक वर्ष पूर्ण होने की बधाई  दी गई और आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन राजीव प्रखर  द्वारा किया गया।

























::::::::::प्रस्तुुुुति::::::::
आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ, मुरादाबाद


शनिवार, 16 जनवरी 2021

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति की ओर से मकर संक्रांति पर्व पर गुरुवार 14 जनवरी 2021 को काव्य गोष्ठी का आयोजन

     मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति की ओर से मकर संक्रांति पर्व पर गुरुवार 14 जनवरी 2021 को जंभेश्वर धर्मशाला लाइनपार मुरादाबाद में योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।मुख्य अतिथि रघुराज सिंह निश्चल, विशिष्ट अतिथि- डॉ महेश दिवाकर रहे। संचालन अशोक विद्रोही ने किया । सरस्वती वंदना राजीव प्रखर ने प्रस्तुत की।कवि गोष्ठी के साथ-साथ मकर संक्रांति पर खिचड़ी का भी आयोजन किया गया सभी ने प्रेम पूर्वक प्रसाद ग्रहण किया तथा काव्य गोष्ठी में प्रतिभाग किया कवियों ने एक से बढ़कर एक रचना प्रस्तुत कीं।

योगेंद्र पाल विश्नोई ने कहा ----

हर रात के बाद दिन निकला भी तो क्या

दिन छिपेगा तो रात भी हो जाएगी।।


रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने कहा -

एक बृह्म है व्यापक, ब्रह्म का विस्तार,

 विश्व चराचर है संसार बह्म आधार।

 

अशोक विद्रोही ने कहा-

मान माता तेरा हम बढ़ाएंगे,

धूल माथे से तेरी लगाएंगे।

एक क्या सौ जन्म तुझ पे कुर्बान मां

भेंट अपने सिरों की चढ़ाएंगे।। 


डॉ महेश दिवाकर का स्वर था ---

पर्व मकर संक्रांति का, विश्व करे उत्कर्ष

आधि व्याधि का अंत हो, मानवता को हर्ष


राम सिंह निशंक ने कहा ---

जिसने जग रचाया ,जो सब में समाया

 तू उसको मत भूल।।

 

रघुराज सिंह निश्चल ने रचना प्रस्तुत की --

एक झूठ सौ बार कहो,

सच्चा नहीं हुआ करता है।

कुत्तों के भौंके जाने से,

हाथी नहीं रुका करता है।।


डा.मनोज रस्तोगी ने कहा ---

कोरोना के मद्देनजर,

 मुख्यमंत्री के पैकेज को 

 टीवी पर सुनकर

फूले नहीं समाये

हास्य कवि घनचक्कर


डॉ मीना कौल की रचना थी---

नहीं तुझे अब है डरना, और न डराना है,

हौसला रखना तुझे, हौंसला बढ़ाना है।।


राजीव प्रखर ने रचना प्रस्तुत की---

जहाँ जैसा मिले साधन, 

करें हम दान श्रद्धा से।

यही तो पर्व यह पावन,

 मकर संक्रांत कहता है।।

 

-मनोज वर्मा मनु ने कहा ---

हों प्रफुल्लित सूर्य के शुभ आगमन से प्राण श्रीमन्।

सूर्य की नव अरुणिमा निश्चित महा वरदान श्रीमन्।।

      इसके अतिरिक्त  जसवीर सिंह, कृपाल सिंह धीमान, रमेश गुप्ता एवं अन्य कवियों ने भाग लिया। अंत में कविवर जय प्रकाश विश्नोई के निधन पर श्रद्धांजलि  अर्पित की गई।आभार राम सिंह निशंक ने व्यक्त किया।

  




















:::::::: प्रस्तुति::::::       

अशोक विद्रोही

उपाध्यक्ष

राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति,मुरादाबाद