मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति की ओर से मकर संक्रांति पर्व पर गुरुवार 14 जनवरी 2021 को जंभेश्वर धर्मशाला लाइनपार मुरादाबाद में योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई की अध्यक्षता में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया।मुख्य अतिथि रघुराज सिंह निश्चल, विशिष्ट अतिथि- डॉ महेश दिवाकर रहे। संचालन अशोक विद्रोही ने किया । सरस्वती वंदना राजीव प्रखर ने प्रस्तुत की।कवि गोष्ठी के साथ-साथ मकर संक्रांति पर खिचड़ी का भी आयोजन किया गया सभी ने प्रेम पूर्वक प्रसाद ग्रहण किया तथा काव्य गोष्ठी में प्रतिभाग किया कवियों ने एक से बढ़कर एक रचना प्रस्तुत कीं।
योगेंद्र पाल विश्नोई ने कहा ----
हर रात के बाद दिन निकला भी तो क्या
दिन छिपेगा तो रात भी हो जाएगी।।
रामेश्वर प्रसाद वशिष्ठ ने कहा -
एक बृह्म है व्यापक, ब्रह्म का विस्तार,
विश्व चराचर है संसार बह्म आधार।
अशोक विद्रोही ने कहा-
मान माता तेरा हम बढ़ाएंगे,
धूल माथे से तेरी लगाएंगे।
एक क्या सौ जन्म तुझ पे कुर्बान मां
भेंट अपने सिरों की चढ़ाएंगे।।
डॉ महेश दिवाकर का स्वर था ---
पर्व मकर संक्रांति का, विश्व करे उत्कर्ष
आधि व्याधि का अंत हो, मानवता को हर्ष
राम सिंह निशंक ने कहा ---
जिसने जग रचाया ,जो सब में समाया
तू उसको मत भूल।।
रघुराज सिंह निश्चल ने रचना प्रस्तुत की --
एक झूठ सौ बार कहो,
सच्चा नहीं हुआ करता है।
कुत्तों के भौंके जाने से,
हाथी नहीं रुका करता है।।
डा.मनोज रस्तोगी ने कहा ---
कोरोना के मद्देनजर,
मुख्यमंत्री के पैकेज को
टीवी पर सुनकर
फूले नहीं समाये
हास्य कवि घनचक्कर
डॉ मीना कौल की रचना थी---
नहीं तुझे अब है डरना, और न डराना है,
हौसला रखना तुझे, हौंसला बढ़ाना है।।
राजीव प्रखर ने रचना प्रस्तुत की---
जहाँ जैसा मिले साधन,
करें हम दान श्रद्धा से।
यही तो पर्व यह पावन,
मकर संक्रांत कहता है।।
-मनोज वर्मा मनु ने कहा ---
हों प्रफुल्लित सूर्य के शुभ आगमन से प्राण श्रीमन्।
सूर्य की नव अरुणिमा निश्चित महा वरदान श्रीमन्।।
इसके अतिरिक्त जसवीर सिंह, कृपाल सिंह धीमान, रमेश गुप्ता एवं अन्य कवियों ने भाग लिया। अंत में कविवर जय प्रकाश विश्नोई के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।आभार राम सिंह निशंक ने व्यक्त किया।
:::::::: प्रस्तुति::::::
अशोक विद्रोही
उपाध्यक्ष
राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति,मुरादाबाद
सुंदर आयोजन के लिये सभी को हार्दिक बधाई।
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