संस्कार भारती साहित्य समागम की प्रथम वर्षगांठ पर 17 जनवरी 2021 रविवार को काव्य गोष्ठी का आयोजन आकांक्षा विद्यापीठ इंटर कॉलेज मुरादाबाद में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराजा हरिश्चंद्र महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ मीना कौल ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ मनोज रस्तोगी एवं विशिष्ट अतिथि बाबा संजीव आकांक्षी रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के चित्र के समक्ष माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ किया गया। मां सरस्वती की वंदना राजीव प्रखर ने प्रस्तुत की
काव्य गोष्ठी में डॉ मीना कौल ने नारी विमर्श पर अपनी सशक्त रचना प्रस्तुत करते हुए कहा----
स्त्री!
तू कोई खिलौना नहीं
कि कोई भी तुमसे खेल सके।
मुरादाबाद के साहित्य को संजोने का ऐतिहासिक कार्य कर रहे 'साहित्यिक मुरादाबाद' के संचालक वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने कोरोना के संदर्भ में अपनी रचना के माध्यम से जागरूक किया ---
करना दूर से नमस्ते भइया
हाथ ना मिलाना तुम
जब भी निकलो घर से
मास्क पहनकर जाना तुम
संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री बाबा संजीव आकांक्षी ने कहा --
है नरों के इंद्र ने
तुम को जगाया
अब भी ना जागे तो
यह महापाप होगा।
महानगर की युवा कवयित्री मीनाक्षी ठाकुर ने श्रीराम मंदिर निर्माण के संदर्भ में अपनी ओजस्वी वाणी से आह्वान किया ----
श्रीराम धरा पर आकर तुम
फिर से सृष्टि उद्धार करो
अपने दोहों और मुक्तकों से एक विशिष्ट पहचान स्थापित कर चुके युवा साहित्यकार राजीव प्रखर ने कहा ----
दिलों से दूरियां तज़ कर
नए पथ पर बढ़ें मित्रों
नया भारत बनाने को
नई गाथा गढ़ें मित्रों।
खड़े हैं संकटों के जो
बहुत से आज भी दानव।
सजाकर श्रंखला सुद्रढ़
चलो उनसे लड़ें मित्रों।
नवोदित कवयित्री शीतल ठाकुर ने कहा---
सच के साथ चलना
सच को दिखाना
यही उद्देश्य अपना ।
युवा रचनाकार ईशांत शर्मा ईशु ने कहा----
मान भी जाओ, मनाना जरूरी है क्या
प्यार हर बार, जताना जरूरी है क्या
आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ ने कहा----
जीवन एक संग्राम हैं
जिसमें चलना अविराम है
कार्यक्रम के अंत में मंच द्वारा सभी उपस्थित साहित्यकारों का माल्यार्पण कर साहित्य समागम के एक वर्ष पूर्ण होने की बधाई दी गई और आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर विस्तार से चर्चा की गई। कार्यक्रम का संचालन राजीव प्रखर द्वारा किया गया।
सभी साथियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामना।
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