शुक्रवार, 3 मई 2024

मुरादाबाद के साहित्यकार स्मृति शेष माहेश्वर तिवारी को श्रद्धा सुमन अर्पित करता मीनाक्षी ठाकुर का गीत ....


एक तुम्हारे जाने भर से

सूनापन उतरा मन में । 


गीत थमा, संगीत थमा है, 

शब्द अचंभित मौन खड़े। 

धूल- धूसरित भाव हो गये, 

व्याकुलता के भरे घड़े। 

फूल कनेरों के सूखे हैं, 

सन्नाटा है आँगन में। 

एक तुम्हारे जाने भर से

सूनापन उतरा मन में ।। 


उखड़ गया वट वृक्ष पुराना, 

कुटिल -काल के अंधड़ में। 

 डाली से टूटा है पत्ता, 

 इस मौसम के पतझड़ में। 

हरसिंगारों के मुँह उतरे

क्रंदन करते हैं वन में। 

एक तुम्हारे जाने भर से

सूनापन उतरा मन में।। 


आज अकेली नदी हो गयी

चला गया जो था अपना। 

 मंद हुई चिड़िया की धड़कन

टूट गया सुंदर सपना। 

पर्वत कोई गिरा यहाँ पर

हलचल सी है इस वन में। 

एक तुम्हारे जाने भर से

सूनापन उतरा मन में ।। 


✍️ मीनाक्षी ठाकुर 

मिलन विहार

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

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