बुधवार, 11 अगस्त 2021

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था 'हिन्दी साहित्य सदन' के तत्वावधान में डा. अजय अनुपम एवं डा. आसिफ़ हुसैन द्वारा संयुक्त रूप से संपादित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और ग़ज़लकार स्मृति शेष भगवत सरन 'मुम्ताज़' की ग़ज़ल-कृति "जज़्बाते-मुम्ताज़" का लोकार्पण

मुरादाबाद की प्राचीन साहित्यिक संस्था 'हिन्दी साहित्य सदन' के तत्वावधान में श्रीराम बिहार कालोनी स्थित 'विश्रांति' भवन में 75वें स्वतंत्रता दिवस के संदर्भ में आयोजित समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और ग़ज़लकार  स्मृति शेष भगवत सरन 'मुम्ताज़' की ग़ज़ल-कृति "जज़्बाते-मुम्ताज़" का लोकार्पण किया गया। हिन्दी और उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित इन कृतियों का संपादन वरिष्ठ साहित्यकार डा. अजय अनुपम एवं डा. आसिफ़ हुसैन द्वारा संयुक्त रूप से  किया गया है ।

      कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। वरिष्ठ ग़ज़लकार डा. कृष्ण कुमार नाज़ ने लोकार्पित कृति के विषय में बताया कि लोकार्पित  कृतियां हिन्दी और उर्दू दोनों भाषाओं में गुंजन प्रकाशन से प्रकाशित हुई है। उनकी एक देशभक्ति की ग़ज़ल का शेर है-
वतन अपना है अपनी सरज़मीं है
हमें जीना यहाँ मरना यहीं है
वतन की राह में कुर्बान होना
यही मुम्ताज़ फ़र्ज़े अव्वलीं है

      कृति के संपादक वरिष्ठ साहित्यकार डा. अजय अनुपम ने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में मुरादाबाद की धरती का अतुलनीय योगदान रहा है। अनेक लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था , इन्हीं लोगों में भगवत सरन अग्रवाल भी थे जो कई बार जेल भी गये।
    सह संपादक डा. आसिफ़ हुसैन ने कहा कि सन 1900 में जन्मे भगवत सरन अग्रवाल 'मुम्ताज़' ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ग़ज़लें और देशभक्ति की नज़्में लिखीं जो कहीं प्रकाशित नहीं हो पाईं। उनके भतीजे वीरेन्द्र अग्रवाल भट्टे वालों से उनकी डायरी प्राप्त हुई, फिर उन रचनाओं को हिन्दी और उर्दू में प्रकाशित कराया गया है। यकीनन "जज़्बाते-मुम्ताज़" किताब मुरादाबाद के साहित्य की अमूल्य धरोहर है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ. मक्खन 'मुरादाबादी' ने की। मुख्य अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी जगन्नाथ प्रसाद अग्रवाल रहे। संचालन योगेन्द्र वर्मा व्योम ने किया। कार्यक्रम में के.के.गुप्ता, सुशील कुमार शर्मा, अशोक अग्रवाल आदि उपस्थित रहे। डा. कौशल कुमारी ने आभार व्यक्त किया।






:::::::: प्रस्तुति::::::::

डा. अजय अनुपम
प्रबंधक- 'हिन्दी साहित्य सदन'
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल-9761302577

मंगलवार, 10 अगस्त 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार योगेन्द्र वर्मा व्योम का गीत ---बूंदों ने कुछ गीत लिखे हैं चलो गुनगुनाएं....


 

मुरादाबाद के साहित्यकार राजीव प्रखर के मुक्तक और दोहे ----


 

मुरादाबाद मंडल के गजरौला (जनपद अमरोहा ) की साहित्यकार रेखा रानी का गीत ---- गजब दुनिया की रंगत है


 

मुरादाबाद मंडल के जनपद अमरोहा की साहित्यकार प्रीति चौधरी की ग़ज़ल -- राष्ट्र गौरव का सदा ही ध्यान....


 

मुरादाबाद की साहित्यकार कंचन खन्ना की रचना ---प्रतीक्षा


 

मुरादाबाद की साहित्यकार सुदेश आर्य की रचना --- सावन का महीना आया.....


 

मुरादाबाद मंडल के जनपद सम्भल (वर्तमान में मेरठ निवासी)के साहित्यकार सूर्यकांत द्विवेदी का गीत ---


 

मुरादाबाद के साहित्यकार (वर्तमान में आगरा निवासी) ए टी ज़ाकिर का गीत ---मेरे ख़त का जवाब आया है ....


 

मुरादाबाद मंडल के जनपद सम्भल निवासी साहित्यकार त्यागी अशोक कृष्णम के हाइकू


 

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रवि प्रकाश की कुण्डलिया


 

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ शोभना कौशिक की कविता ---सफर


 

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ प्रीति हुंकार की रचना ---- चौरा चौरी कांड




 

सोमवार, 9 अगस्त 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार स्मृतिशेष डॉ कृष्ण जी भटनागर का गीत संग्रह --बैखरी । इस कृति में उनके 44 गीत हैं । यह कृति वर्ष 1993 में लोकभारती प्रकाशन इलाहाबाद द्वारा प्रकाशित हुई है । इस कृति की पीडीएफ हमें उनके सुपुत्र श्री अभिषेक भटनागर से प्राप्त हुई है ।


 


पूरी कृति पढ़ने के लिए क्लिक कीजिए
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:::::::::प्रस्तुति:::::::
डॉ मनोज रस्तोगी
8,जीलाल स्ट्रीट
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नम्बर 9456687822

रविवार, 8 अगस्त 2021

मुरादाबाद की साहित्यकार (वर्तमान में जकार्ता इंडोनेशिया निवासी ) वैशाली रस्तोगी के संयोजन में 7अगस्त 2021 को सम्भल में आयोजित कवि सम्मेलन में 'स्पर्शी उत्कृष्ट सम्मान' से सम्मानित हुए डॉ मनोज रस्तोगी

मुरादाबाद के  साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ मनोज रस्तोगी को  'स्पर्शी उत्कृष्ट सम्मान' से सम्मानित किया गया ।  उन्हें यह सम्मान मुरादाबाद के साहित्य संरक्षण एवं प्रसार में उल्लेखनीय योगदान के लिए  सम्भल की साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था ज्ञानदीप की ओर से प्रदान किया गया है । जकार्ता (इंडोनेशिया) की प्रवासी भारतीय वैशाली रस्तोगी के संयोजन में शनिवार 7 अगस्त 2021 को आयोजित कविसम्मेलन में अशोक त्यागी कृष्णम, नेहा मलय, डॉ अर्चना गुप्ता,वैशाली रस्तोगी और अतुल कुमार शर्मा द्वारा  सम्मान स्वरूप उन्हें अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

       सम्भल के बरेली सराय स्थित प्रेम इन होटल में स्वतंत्रता दिवस अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित कवि सम्मेलन में सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने काव्य पाठ करते हुए कहा ----

 सुन रहे यह साल आदमखोर है

 हर तरफ चीख, दहशत, शोर है।

मत कहो वायरस जहरीला बहुत, 

इंसान ही आजकल कमजोर है।

  तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने अपनी चर्चित रचना जरूरी है कुत्तों को बिस्कुट खिलाना प्रस्तुत कर नेताओं पर पैना व्यंग्य किया।

   अध्यक्षता कर रहे चर्चित व्यंग्यकार त्यागी अशोक कृष्णम ने हाइकू प्रस्तुत करते हुए कहा --

   बेटी बचाओ

   नीचता खूब गुनो

   बहु जलाओ 

मुख्य अतिथि प्रख्यात रंगकर्मी डॉ पंकज दर्पण अग्रवाल ने श्री रामलीला के अनेक प्रसंगों की भावपूर्ण प्रस्तुति से कार्यक्रम को एक नया आयाम दिया । 

वरिष्ठ कवयित्री डॉ अर्चना गुप्ता ने सुनाया -

"अपने भारत देश पर कभी आंच नहीं आने देंगे हम

 जान चली भी जाएगी तो हमें ना होगा कोई भी गम।

 प्रवासी भारतीय कवयित्री वैशाली रस्तोगी ने पढ़ा -"

जद्दोजहद जारी रहेगी हर वक्त इंसान की,

 डूबती नहीं नैया,क्षमता वान की ।

दुख पर गर हंसते हैं जमाने वाले,

 वहीं से कश्ती निकाल ले जाते हैं हिम्मत वाले"

  व्यंग्यकार अतुल कुमार शर्मा ने सुनाया -

"झुक जाता है यह जग सारा,जिनकी मेहनत के आगे ,

रंग सदा भरते हैं वो, मावस की काली रातों में ।"

कवि दुष्यंत बाबा ने कहा -

"यह मेरे देश की मिट्टी, 

मिट्टी नहीं चंदन है।

लगा मस्तक पर जो उतरे ,

उन वीरों का वंदन है।

 कवयित्री डॉ नेहा मलय ने पढ़ा,- 

 "मेरे भारत देश की, 

 गाथा बड़ी महान ।

महिमा इसकी गा रहा 

सारा आज जहान।"

 कार्यक्रम में वीरेंद्र रस्तोगी, प्रभात मेहरोत्रा, सुभाष चंद शर्मा ,श्वेता तिवारी, सुशील मेहरोत्रा, शिवानी मेहरोत्रा, अश्वनी रस्तोगी, शिवानी शर्मा, शिखा रस्तोगी, नितिन गर्ग, पवन कुमार रस्तोगी,निधि,, एडवोकेट, संजय  शंखधार ,विकास वर्मा, भरत मिश्रा, गुरमीत सिंह, रितिका चौधरी ,राजू रस्तोगी, अमन सिंह, डिम्पल रस्तोगी आदि  उपस्थित रहे। अध्यक्षता त्यागी अशोक कृष्णम ने व संचालन अतुल कुमार शर्मा व वैशाली रस्तोगी ने संयुक्त रूप से किया।