रविवार, 8 अगस्त 2021

मुरादाबाद की साहित्यकार (वर्तमान में जकार्ता इंडोनेशिया निवासी ) वैशाली रस्तोगी के संयोजन में 7अगस्त 2021 को सम्भल में आयोजित कवि सम्मेलन में 'स्पर्शी उत्कृष्ट सम्मान' से सम्मानित हुए डॉ मनोज रस्तोगी

मुरादाबाद के  साहित्यकार एवं पत्रकार डॉ मनोज रस्तोगी को  'स्पर्शी उत्कृष्ट सम्मान' से सम्मानित किया गया ।  उन्हें यह सम्मान मुरादाबाद के साहित्य संरक्षण एवं प्रसार में उल्लेखनीय योगदान के लिए  सम्भल की साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था ज्ञानदीप की ओर से प्रदान किया गया है । जकार्ता (इंडोनेशिया) की प्रवासी भारतीय वैशाली रस्तोगी के संयोजन में शनिवार 7 अगस्त 2021 को आयोजित कविसम्मेलन में अशोक त्यागी कृष्णम, नेहा मलय, डॉ अर्चना गुप्ता,वैशाली रस्तोगी और अतुल कुमार शर्मा द्वारा  सम्मान स्वरूप उन्हें अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया।

       सम्भल के बरेली सराय स्थित प्रेम इन होटल में स्वतंत्रता दिवस अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित कवि सम्मेलन में सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मनोज रस्तोगी ने काव्य पाठ करते हुए कहा ----

 सुन रहे यह साल आदमखोर है

 हर तरफ चीख, दहशत, शोर है।

मत कहो वायरस जहरीला बहुत, 

इंसान ही आजकल कमजोर है।

  तालियों की गड़गड़ाहट के बीच उन्होंने अपनी चर्चित रचना जरूरी है कुत्तों को बिस्कुट खिलाना प्रस्तुत कर नेताओं पर पैना व्यंग्य किया।

   अध्यक्षता कर रहे चर्चित व्यंग्यकार त्यागी अशोक कृष्णम ने हाइकू प्रस्तुत करते हुए कहा --

   बेटी बचाओ

   नीचता खूब गुनो

   बहु जलाओ 

मुख्य अतिथि प्रख्यात रंगकर्मी डॉ पंकज दर्पण अग्रवाल ने श्री रामलीला के अनेक प्रसंगों की भावपूर्ण प्रस्तुति से कार्यक्रम को एक नया आयाम दिया । 

वरिष्ठ कवयित्री डॉ अर्चना गुप्ता ने सुनाया -

"अपने भारत देश पर कभी आंच नहीं आने देंगे हम

 जान चली भी जाएगी तो हमें ना होगा कोई भी गम।

 प्रवासी भारतीय कवयित्री वैशाली रस्तोगी ने पढ़ा -"

जद्दोजहद जारी रहेगी हर वक्त इंसान की,

 डूबती नहीं नैया,क्षमता वान की ।

दुख पर गर हंसते हैं जमाने वाले,

 वहीं से कश्ती निकाल ले जाते हैं हिम्मत वाले"

  व्यंग्यकार अतुल कुमार शर्मा ने सुनाया -

"झुक जाता है यह जग सारा,जिनकी मेहनत के आगे ,

रंग सदा भरते हैं वो, मावस की काली रातों में ।"

कवि दुष्यंत बाबा ने कहा -

"यह मेरे देश की मिट्टी, 

मिट्टी नहीं चंदन है।

लगा मस्तक पर जो उतरे ,

उन वीरों का वंदन है।

 कवयित्री डॉ नेहा मलय ने पढ़ा,- 

 "मेरे भारत देश की, 

 गाथा बड़ी महान ।

महिमा इसकी गा रहा 

सारा आज जहान।"

 कार्यक्रम में वीरेंद्र रस्तोगी, प्रभात मेहरोत्रा, सुभाष चंद शर्मा ,श्वेता तिवारी, सुशील मेहरोत्रा, शिवानी मेहरोत्रा, अश्वनी रस्तोगी, शिवानी शर्मा, शिखा रस्तोगी, नितिन गर्ग, पवन कुमार रस्तोगी,निधि,, एडवोकेट, संजय  शंखधार ,विकास वर्मा, भरत मिश्रा, गुरमीत सिंह, रितिका चौधरी ,राजू रस्तोगी, अमन सिंह, डिम्पल रस्तोगी आदि  उपस्थित रहे। अध्यक्षता त्यागी अशोक कृष्णम ने व संचालन अतुल कुमार शर्मा व वैशाली रस्तोगी ने संयुक्त रूप से किया।





















































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