1.
सन सैंतालिस में हुआ, भारत जब आज़ाद ।
उसी समय से चल रहा, यह कश्मीर विवाद।।
2.
हर दिन आतंकवाद से, त्रस्त रहा कश्मीर ।
सहन न अब कर पा रहा, अपने मन की पीर।।
3.
कब से सीमा पर खड़ीं, सेनाएं तैनात ।
खत्म नहीं अब भी हुआ, घाटी में उत्पात ।।
4.
निर्दोषों के खून से, हुई धरा भी लाल ।
भारत मां इस हाल पर, करती बहुत मलाल ।।
5.
पहलगाम ने देश को, दिया यही संदेश ।
अबकी जड़ से खत्म हो, आतंकवादी क्लेश ।।
6.
बनना अब बिल्कुल नहीं, हमें शांति का दूत।
बातों से ना मानते, हैं लातों के भूत ।।
7.
लोहे से लोहा कटे, काट सके ना फूल ।
चुभे पैर में शूल तो, उसे निकाले शूल ।।
8.
पढ़ लो तुम इतिहास को, हो यदि नहीं यकीन ।
दुष्ट साथ हो दुष्टता, नीति यही प्राचीन ।।
9.
गोली खाकर बर्फ में, सोये वीर जवान ।
व्यर्थ न जाना चाहिए, वीरों का बलिदान ।।
10.
दृढ़ता से हो फैसला, असमंजसता छोड़ ।
अबकी पाकिस्तान को, दो जबाब मुँहतोड़ ।।
11.
ये ही है जन भावना, ये ही हैं उदगार ।
यादगार यह युद्ध हो, अबकी अंतिम बार ।।
12.
करो युद्ध प्रारंभ ! हो, विजयी हिंदुस्तान ।
नक्शे पर दीखे नहीं, पापी पाकिस्तान ।।
✍️ योगेन्द्र वर्मा व्योम
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
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