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हिंदी भारत की भाषा है,
यह जान गई सारी दुनिया ।
बस भारत से ही आशा है,
यह मान गई सारी दुनिया ।
सब जग के कोने कोने में,
बैठे जो भारतवंशी हैं ,
उनके हिम्मत कौशल को,
पहचान गई सारी दुनिया ।
जो हिंदी लिखते कहते हैं,
इंसान बो अच्छे होते हैं,
दे सम्मान रही दुनिया ।
मानव हो मानवता हो,
संस्कृति हो या सभ्यता हो,
वैश्विक भाषा होगी हिंदी,
हैरान हुई सारी दुनिया ।
✍️ नकुल त्यागी
10/58 बुद्धि विहार
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
तुम मन मस्तक में समाई हो!
जीवन में जब जब धूप पड़ी,
तुम छाता बनकर छाई हो !
विद्वान कवि सब मान रहे,
मां तो ईश्वर ही होती है !
मां किसे तुम्हारी उपमा दूं ,
मां तो बस मां ही होती है!
प्यार कसक और टीस लिए,
फिर भी खुश ही दिखती है!
तिरस्कार मिले,फिर भी दे दुआएं,
ऐसी मां ही होती है !
श्रद्धा है , पर अद्धा है,
और पति का मान बढ़ाती है!
मां को जो भी स्वरूप मिला,
उन सब में पूजी जाती है !
प्रथम गुरु मां ही होती ,
जग से परिचय करवाती है!
जगजननी जीजाबाई बनकर,
बच्चे को शिवा बनाती है !
धीर वीर गंभीर कोई हो ,
हो निष्कामभाव या भोगी हो!
प्रभु से पहले मां का दर्जा,
चाहे मोदी हो या योगी हो!
✍️ नकुल त्यागी
मुरादाबाद
उत्तर प्रदेश, भारत