रविवार, 8 मई 2022

मुरादाबाद के साहित्यकार नकुल त्यागी की रचना ---मां हृदय में तेरी तस्वीर बसी....

 


मां हृदय में तेरी तस्वीर बसी,

तुम मन मस्तक में समाई हो!

 जीवन में जब जब धूप पड़ी,

 तुम छाता बनकर छाई हो !

विद्वान कवि सब मान रहे,

मां तो ईश्वर ही होती है !

मां किसे तुम्हारी उपमा दूं ,

मां तो बस मां ही होती है!

प्यार कसक और टीस लिए, 

फिर भी खुश ही दिखती है!

तिरस्कार मिले,फिर भी दे दुआएं,

 ऐसी मां ही होती है !

श्रद्धा है , पर अद्धा है, 

और पति का मान बढ़ाती है!

मां को जो भी स्वरूप मिला,

उन सब में पूजी जाती है !

प्रथम गुरु मां ही होती ,

 जग से परिचय करवाती है!

 जगजननी जीजाबाई बनकर,

 बच्चे को शिवा बनाती है !

धीर  वीर गंभीर कोई हो ,

हो निष्कामभाव या भोगी हो!

प्रभु से पहले मां का दर्जा, 

चाहे मोदी हो या योगी हो!

 

✍️ नकुल त्यागी

 मुरादाबाद

उत्तर प्रदेश, भारत


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