रंगों का त्यौहार है होली।
खुशियों की बौछार है होली।।
बर्षों से जो बसा है मन में।
गंगा-जमुनी प्यार है, होली।।
कचरी, पापड़, भल्ले, गुंझिया ।
व्यंजन की भंडार है होली।।
कृष्ण खेलते राधा के सँग।
ब्रज की फाग-फुहार है, होली।।
घुटी भांग, पीते ठंडाई।
मस्ती अपरंपार है होली।।
पिचकारी-टोली बच्चों की।
रंगों की भरमार है होली।।
नफरत छोड़ो मिलो प्रेम से ।
करती यही पुकार है होली।।
✍️दीपक गोस्वामी चिराग,
शिव बाबा सदन, कृष्णाकुंज
बहजोई (संभल)-244410
उत्तर प्रदेश, भारत
मो. 9548812618
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