बुधवार, 25 जून 2025

मुरादाबाद के साहित्यकार राशिद हुसैन की ग़ज़ल....


मौहब्बत की दुनिया बसाने से पहले ।

कोई ग़म न था तेरे आने से पहले।। 


बिछड़ने की इतनी कहानी है अपनी ।

खफा वो हुए आज़माने से पहले।।


खुशी इस कदर कोशिशों से मिली थी।

के हम रो पड़े मुस्कुराने से पहले ।।


न रह पाए हम लब हिलाने के काबिल।

उन्हें हाल दिल का सुनाने से पहले।।


हमें उम्र भर की मिलेगी जुदाई ।

ये सोचा न था दिल लगाने से पहले।।


मनाने का हमको तरीका बता दो।

सनम बेसबब रूठ जाने से पहले।।


तुम्हारी भी आंखों से आंसू बहेंगे। 

मेरी हर निशानी मिटाने से पहले।।


तड़पता न दिल इस तरह मेरा हमदम।

बताते तो कुछ दूर जाने से पहले।।


मुझे आ दबोचा अंधेरों ने रशिद।

मेरी जिंदगी जगमगाने से पहले।।


✍️ राशिद हुसैन 

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

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