रविवार, 8 मई 2022

मुरादाबाद मंडल के जनपद सम्भल (वर्तमान में मेरठ निवासी ) के साहित्यकार सूर्यकांत द्विवेदी के मां को समर्पित तीन दोहे ....


1

बिना बीज होती नहीं, कभी फसल तैयार।

माँ क़ुदरत का नूर है, धरती पर अवतार।।

2

हर पल चिंता वो करे, सांसें करे उधार। 

कागज, कलम दवात से, माँ है मीलों पार।।

3

हर दिन साँसों में चढ़े, जिसका क़र्ज़ अपार।

खिली खिली वह धूप है, ममता की बौछार।।


✍️ सूर्यकांत द्विवेदी

मेरठ

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