:::::;प्रस्तुति:::::::
क्लिक कीजिए
शनिवार, 24 फ़रवरी 2024
मुरादाबाद के साहित्यकार वीरेंद्र सिंह ब्रजवासी की काव्य रचनाएं ...स्वयं उन्हीं के स्वर में
:::::;प्रस्तुति:::::::
शुक्रवार, 23 फ़रवरी 2024
मुरादाबाद के साहित्यकार राजीव प्रखर की काव्य रचनाएं...स्वयं उन्हीं के स्वर में
क्लिक कीजिए
⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
बुधवार, 21 फ़रवरी 2024
शनिवार, 17 फ़रवरी 2024
मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति ने बसंत पंचमी बुधवार 14 फरवरी 2024 को आयोजित की काव्य- गोष्ठी
मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से बसंत पंचमी बुधवार 14 फरवरी 2024 को काव्य-गोष्ठी का आयोजन योगेन्द्र पाल विश्नोई के लाइनपार स्थित आवास पर किया गया।
कवयित्री रश्मि चौधरी द्वारा प्रस्तुत माॅं सरस्वती की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रामदत्त द्विवेदी ने कहा ....
फॅंस रहा अज्ञान के अंधकार में,
फिर रहा हूॅं मैं दिशा भटका हुआ संसार में,
ज्ञान का दीपक दिखाओ, प्यारी माॅं!
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. महेश दिवाकर ने भाषा-सम्मान के प्रति अभिव्यक्ति की -
घोर दासता में डूबा है, भारत मत बर्बाद करो।
छोड़ विधर्मी भाषाओं को, तन-मन को आजाद करो।।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. राकेश चक्र ने भारत की उपलब्धियों को प्रणाम किया -
भारत है ये नया देश का नभ, भू पर सम्मान बढ़ा है।
चन्द्रयान पहुॅंचाया शशि पर फहराए ध्वज मान बढ़ा है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए राजीव प्रखर ने अपने इन वसंती दोहों से सभी को इस पर्व के उल्लास में डुबोया -
देखी नटखट भ्रमर की, जब कलियों से प्रीत।
चुपके-चुपके लेखनी, लगी चुराने गीत।।
आहत बरसों से पड़ा, रंगों में अनुराग।
आओ टेसू लौट कर, बुला रहा है फाग।।
संयोजक योगेन्द्र पाल विश्नोई की पंक्तियों ने प्रेम को अभिव्यक्ति दी -
प्यार की कल्पना ही करो मित्रवर,
प्यार की गंध मौसम में घुल जायेगी।
कवि रघुराज सिंह निश्चल की पंक्तियों ने भी वसंत का सुंदर चित्र खींचा -
आ गए ऋतुराज प्यारे आ गए हैं।
सबकी ऑंखों के दुलारे आ गए हैं।
कवि राम सिंह निशंक ने महर्षि दयानंद के प्रति अपने उद्गार व्यक्त किये -
दयानंद धरा पर जो आए न होते।
वेदों के मंत्र हमने गाए न होते।
वरिष्ठ रचनाकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने जाड़े की धूप का चित्र कुछ इस प्रकार खींचा -
सूरज की पहली किरण,
उतरी जब छज्जे पर,
ऑंगन का सूनापन उजलाया।
इसी क्रम में सुप्रसिद्ध नवगीतकार योगेन्द्र वर्मा व्योम के मनभावन वसंती दोहे भी सभी के हृदय को स्पर्श कर गए। आपने कहा -
खुश हो कहा वसंत ने, देख धरा का रूप।
ठिठुरन के दिन जा चुके, जिओ गुनगुनी धूप।।
महकी धरती देखकर, पहने अर्थ तमाम।
पीली सरसों ने लिखा, ख़त वसंत के नाम।।
वहीं वरिष्ठ कवि मनोज मनु ने माॅं शारदे का अभिनंदन करते हुए कहा -
हे! गरिमा मयी ज्ञान दायिनी ,
दिव्य ज्ञान व्यवहारित कर दो।
हे !सरस्वती .. हे! स्वर वरदा,
वाणी मेरी सुभाषित कर दो।
कवयित्री रश्मि चौधरी की अभिव्यक्ति थी -
तुम्हारे चरणों में आकर माॅं कुछ बात बन जाए।
तुम्हारा आशीष मेरे लिए सौगात बन जाए।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित रचनाकारों द्वारा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कृष्ण कुमार बेदिल (मेरठ) एवं श्री एम. पी. कमल (पंवासा) के निधन पर शोक व्यक्त किया गया तथा दो मिनट का मौन रखते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम में रविन्द्र विश्नोई, सुरेंद्र आर्य, रमेश गुप्त आदि साहित्य प्रेमी भी उपस्थित रहे।
मंगलवार, 13 फ़रवरी 2024
बुधवार, 24 जनवरी 2024
मुरादाबाद के साहित्यकार धवल दीक्षित, राजीव प्रखर,हेमा तिवारी भट्ट, योगेन्द्र वर्मा व्योम, प्रो ममता सिंह, डॉ राकेश चक्र, मयंक शर्मा, डॉ प्रेमवती उपाध्याय, डॉ अर्चना गुप्ता, डॉ अजय अनुपम, श्री कृष्ण शुक्ल, डॉ पूनम बंसल,मीनाक्षी ठाकुर, राहुल शर्मा, ओंकार सिंह ओंकार, वैशाली रस्तोगी डॉ मनोज रस्तोगी और सपना सक्सेना दत्ता (वर्तमान में दिल्ली निवासी) की मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम पर केंद्रित काव्य रचनाएं ......
मंगलवार, 16 जनवरी 2024
मुरादाबाद के साहित्यकार ओंकार सिंह ओंकार का गीत .... कर रहे हम सब स्वागत गान , हमारे राम पधारे। क्लिक कीजिए⬇️⬇️⬇️⬇️
हाथ में लेकर तीर-कमान, हमारे राम पधारे।
कर रहे हम उनके गुणगान, हमारे राम पधारे।।
हो भव्य सजावट अयोध्या धाम, फूल दीपक माला से,
मनोहर बाल रूप धर राम, देखें सुन्दर लाला से,
कर रहे हम सबका स्वागत गान, हमारे राम पधारे।।
दुष्ट रावण का कर संहार, बध कुंभकरण का,
और सब राक्षसों को मारा, दंड दिया गया सिया हरण का।
बड़े-बड़े बलवान, हमारे राम पधारे।।
साथ में हैं सुग्रीव कपीश, माता सीता को लेकर,
विभीषण भी लंकापति हैं, और लछमन जी आये हैं।
साथ लेकर अंगद, हनुमान्, हमारे राम पधारे।।
ओंकार सिंह 'ओंकार'
1-बी-241 बुद्धि विहार, मझोला,
उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश) 244103
मंगलवार, 26 दिसंबर 2023
मुरादाबाद के साहित्यकार ज़िया ज़मीर की ग़ज़ल.....मेरे चुप रहने पे सदमा क्यों लगा है उसको
क्लिक कीजिए
,⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
बुधवार, 13 दिसंबर 2023
सोमवार, 9 अक्तूबर 2023
मुरादाबाद की साहित्यकार डॉ रीता सिंह का बाल गीत ....आओ चलें वनों की ओर, जहां सुरीली होती भोर.....
क्लिक कीजिए
⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
रविवार, 1 अक्तूबर 2023
शुक्रवार, 29 सितंबर 2023
मंगलवार, 26 सितंबर 2023
गुरुवार, 24 अगस्त 2023
मुरादाबाद मंडल के गजरौला (अमरोहा) की साहित्यकार डॉ मधु चतुर्वेदी की ग़ज़ल ..मैं जैसी हूँ, मुझे वैसा ही रहना ....
क्लिक कीजिए
⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
मैं जैसी हूँ, मुझे वैसा ही रहना।
तुम्हारे प्यार में बदलूँ,न कहना।।
नदी हूँ ,ख़ुद किनारों में बँधी हूँ;
जरूरी हो तो उनको तोड़,बहना।
समर्पण प्रेम का आधार,लेकिन;
मुझे ही क्यों बिखरना और ढहना।
है ये भी शील का ही एक पहलू;
कि हो अन्याय तो हरगिज़ न सहना।
मैं सदियों से दहकती ही रही हूँ;
नहीं बेचारगी में और दहना।
मुझे 'मधु' ताज अपना मान लो तो;
तुम्हें मैं मान लूँगी अपना गहना।
🎤✍️ डॉ. मधु चतुर्वेदी
गजरौला गैस एजेंसी चौपला,गजरौला
जिला अमरोहा 244235
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नंबर 9837003888