सोमवार, 20 सितंबर 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार राजीव 'प्रखर' को मेरठ में काव्यसागर हिन्दी दिवस सम्मान से किया गया सम्मानित

मुरादाबाद के साहित्यकार राजीव प्रखर को मेरठ (उ. प्र.) की प्रतिष्ठित 'काव्यसागर साहित्यिक संस्था' द्वारा रविवार 19 सितंबर 2021 को आयोजित समारोह में काव्यसागर हिन्दी दिवस सम्मान से सम्मानित किया गया। समारोह का आयोजन आर्यसमाज भवन, मेहंदी मुहल्ला, कंकरखेड़ा मेरठ में हुआ। 

 कवि अजीत कुमार अजीत द्वारा प्रस्तुत माँ शारदे की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता    करते हुए मेरठ के वरिष्ठ रचनाकार जगदीश प्रसाद  ने कहा -"साहित्य जगत में अपनी सतत् साधना व समर्पण के चलते राजीव प्रखर अल्पावधि में ही सभी के लिये एक अनुकरणीय उदाहरण बन चुके हैं।" 

     मुख्य अतिथि डाॅ. सरोजिनी तनहा'  ने अपने उद्बोधन में कहा - "ऐतिहासिक मुरादाबाद की पावन माटी में जन्मे व पले-बढ़े लोकप्रिय रचनाकार राजीव 'प्रखर' का व्यक्तित्व व कृतित्व आज देश के विभिन्न साहित्यिक पटलों को गौरवान्वित कर रहा है जिसके लिये वह अभिनन्दन के पात्र हैं।" 

विशिष्ट अतिथि कवयित्री डाॅ. मीनाक्षी शंकर ने कहा कि राजीव प्रखर ने दोहाकार के रूप में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है ।

विशिष्ट अतिथि कवयित्री डाॅ. क्षमा गुप्ता ने कहा कि  अपनी रचनाओं के माध्यम से श्री प्रखर हिन्दी की सेवा कर रहे हैं।

विशिष्ट अतिथि कवि बलजोर सिंह चिंतक ने कहा कि राजीव प्रखर हिन्दी साहित्य की विभिन्न विधाओं में लेखन कार्य कर साहित्य की सेवा कर रहे हैं।

 इस अवसर पर वरिष्ठ कवि राधेश्याम 'अंजान' के संचालन में काव्य गोष्ठी का भी आयोजन किया गया ।

विभिन्न साहित्यकारों डॉ मक्खन मुरादाबादी, डाॅ. मनोज रस्तोगी, आनंद गौरव, योगेन्द्र वर्मा व्योम, डाॅ. संगीता महेश, अशोक विश्नोई, जितेन्द्र कमल आनंद, सुभाष राहत बरेलवी, डाॅ. पूनम बंसल. सत्यपाल सत्यम, सूर्यकांत द्विवेदी, ओंकार सिंह विवेक, वीरेन्द्र सिंह ब्रजवासी, ओंकार सिंह ओंकार, डाॅ. अर्चना गुप्ता, डाॅ. ममता सिंह,  मीनाक्षी ठाकुर, रामदत्त द्विवेदी, रामसिंह निशंक, रघुराज सिंह निश्चल, हेमा तिवारी भट्ट, जितेन्द्र जौली, मयंक शर्मा, आवरण अग्रवाल श्रेष्ठ, ईशांत शर्मा ईशू , दुष्यंत बाबा, डाॅ. रीता सिंह, प्रीति शर्मा, डाॅ. अंजना दास, अर्चना शर्मा, डाॅ. तुषार अग्रवाल, डाॅ. कंचन सिंह, कंचन खन्ना   आदि ने राजीव 'प्रखर' को मेरठ में सम्मानित किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।






मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रवि प्रकाश की कृति -- कहते रवि कविराय । इस कृति में उनकी 260 कुंडलियां हैं । इस कृति का प्रकाशन वर्ष 2021 में सहित्यपीडिया पब्लिशिंग नोएडा द्वारा किया गया है ।



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::::::::प्रस्तुति:::::::
डॉ मनोज रस्तोगी
8,जीलाल स्ट्रीट
मुरादाबाद 244001
उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल फोन नम्बर 9456687822


बुधवार, 15 सितंबर 2021

मुरादाबाद मंडल के गजरौला (जनपद अमरोहा )की साहित्यकार रेखा रानी की रचना ----हिन्दी अपनी प्यारी भाषा , बच्चों सब अपनाओ रे


हिन्दी अपनी प्यारी भाषा , बच्चों सब अपनाओ रे ।

     मां की लोरी सी यह भाषा,सपनों में खो जाओ रे। 

    भारत मां के भाल पे बिंदी,हिन्दी से ही सजाओ रे।

    परियों वाली एक कहानी, इस भाषा में सुनाओ रे।

    पेंग बढ़ाओ झूला झूलो,मिल सब सावन गाओ रे।

    वही पुरानी चरखे वाली, पुस्तक मुझे दिलाओ रे।

    वेदों वाली अपनी हिन्दी, बच्चों सब अपनाओ रे।

    छोटी बहन है संस्कृत की,हिन्दी यह समझाओ रे।

   जग में मान बढ़े हिन्दी का, कुछ ऐसा कर जाओ रे।

   घर फैले रत्न हिन्दी का, मिलकर जुगत लगाओ रे।

    भावों की स्नेहिल नदिया, हिन्दी है बतलाओ रे।

   रेखा भारत की संस्कृति, राष्ट्र भाषा अपनाओ रे।    

  अपनी भाषा,अपना गौरव,परचम तुम लहराओ रे।

चहुँ ओर हो हिन्दी फैली, ज्ञान पुंज बिखराओ रे।

✍️ रेखा रानी

विजय नगर गजरौला,

जनपद अमरोहा,

उत्तर प्रदेश, भारत।


मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विद्रोही की कहानी ----धरती का स्वर्ग


        डल झील में शिकारे की सैर सचमुच एक आलौकिक आनंद का अनुभव कराती है दूर-दूर तक फैली हुई झील ...पानी में तैरते हुए अनेकों शिकारे ...झील में ही तैरती हुई अनेक दुकानें, कुछ फूलों से लगी हुई नावें और दूर-दूर बड़े ही भव्य दिखाई देने वाले पानी की सतह पर तैरते हुए हाउसबोट जैसे वास्तव में धरती पर स्वर्ग उतर आया हो... राहुल का परिवार दो शिकारों में

सैर कर रहा था एक में राहुल उसकी पत्नी  अनीताऔर पौत्र यश, दूसरे में भूमिका पीयूष उसके बेटी , दामाद और... उनके बच्चे ऋषि,अपाला ! यह पल बड़े अनमोल और अविस्मरणीय थे ।

झील के बीच में टापू पर पार्क की भी सैर की  ... नियत समय पर वापस आकर शिकारे फिर से पकड़ लिये ..... जब ड्राई फ्रूट्स की दुकान वाली नाव पास से गुजरी उससे अखरोट बादाम पिस्ता की खरीदारी की गई ।

..... अब निश्चय किया गया कि रात किसी हाउसवोट में गुजारी जाए ....!  हाउसवोट में नहीं ठहरे तो   कश्मीर घूमने का क्या आनंद...? शानदार हाउसबोट किराए पर लिया और अलग-अलग कमरों में चले गए हाउसबोट पर सभी कुछ था 3 बैडरूम ,एक ड्राइंग रूम, किचन, बालकनी , लेट्रिन बाथरूम अटैच, थोड़ी देर में सभी के लिए कॉफी आई फिर खाना खाया फिर सब मिलकर बातें करने लगे......

    ....सोने के लिए जाने ही वाले थे कि अचानक गोली चलने की आवाज आई...!! सभी लोग डर गए .....यह तो ध्यान ही नहीं रहा था!! यहां आए दिन आतंकवादी गतिविधियां होती रहती हैं...! "अब रात के 12:00 बजे भागकर भी कहां जा सकते हैं.."....हाउसबोट जहां पर खड़ा था वहां 80 फीट गहरा पानी था और चारों ओर पानी ही पानी.... पर्यटकों की यह टोली बुरी तरह आतंकित और घबराई हुई थी ....हाउसवोट में जो सर्विस स्टाफ था उन्होंने आश्वस्त किया "डरने की कोई बात नहीं....! यहां पर यह सब होता रहता है!! परंतु पर्यटकों को कोई कुछ नहीं कहता.... क्योंकि उन्हीं से यहां वालों की  रोजी-रोटी चलती है....!!!!"" यह सुनकर भी राहुल और पीयूष का मन नहीं माना.... भूमिका और अनीता दोनों ही बहुत ज्यादा डर गई थी तीनों बच्चे सहम गए थे.....!!इसलिए सोने के लिए कमरों में जाने के बाद भी किसी को नींद नहीं आई ....!! हर आहट पर डरावने ख्याल डरा रहे थे ...... बाहर झील पर चांदनी तो बिखरी ही थी...... बिल्डिंग और हाउस फोटो की लाइटिंग भी जल में प्रतिबिंबित होकर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रही थीं....... निश्चय ही यह यात्रा इन लोगों के लिए रहस्य ,रोमांच और आतंक कि भावों को समेटे हुए थी !! जहां आने वाले हर पल मैं अनहोनी आशंकाओं का भय व्याप्त था ...!!   

        सुबह होते ही इन लोगों ने हाउसबोट छोड़ दिया  आज पहाड़ी पर शंकराचार्य के मंदिर जाना था  बिना समय गंवाए यह लोग एक गाड़ी बुक कर शंकराचार्य मठ शिवजी के मंदिर पहुंचेऔर फिर शुरू हुई 85 सीढ़ियों की दुर्गम चढ़ाई ....अच्छी खासी भीड़ थी वहां पर शिव जी के भक्तों की ...इन्होंने भी दर्शन किए परंतु दिल को चैन नहीं था ....बहुत प्रयास करने के बाद बहुत घूम-घूम कर ढूंढने पर एक सरदार जी का ढाबा मिला जिसमें खाना खाया .... अब और रुकने का मन नहीं था परंतु तत्काल लौट पाना भी संभव नहीं था आज सारे रास्ते बंद थे.... नेहरू टनल पर आतंकवादियों ने मिलिट्री के कुछ ऑफिसर की हत्या कर दी थी ....पूरे शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति हो गई थी !!

कहने को श्रीनगर बहुत सुंदर है ... परंतु आतंकवादियों ने इस स्वर्ग को नर्क में बदल दिया था ....इन लोगों ने तब गुलमर्ग की राह पकड़ी पहले टैक्सी फिर काफी रास्ता घुड़सवारी से तय किया वहां स्नोफॉल होने लगा नजारे बहुत खूबसूरत थे....

परंतु दिल तो श्रीनगर की घटना से दहल रहा था ..... सड़क मार्ग बिल्कुल बंद कर दिया गया था..... अब एक ही रास्ता बचा था कि दिल्ली के लिए फ्लाइट  पकड़ें कड़ी मशक्कत और कोशिशों के बाद अगले दिन की फ्लाइट मिली बीच में एक रात अभी बाकी थी.... ! इन्हे चिंता हो रही थी किस होटल में रात गुजारी जाए क्योंकि श्रीनगर में  एक भी हिंदू होटल नहीं.. ... जहां सुकून मिल सके !! 

.....कश्मीरी पंडितों के साथ जो कुछ हुआ वह दिल दहला देने वाला था ही  दहशत के मारे इन लोगों का बुरा हाल था फिर भी रात तो  गुजारनी ही थी एक अच्छा सा होटल देखकर दो कमरे लिए गए और यह लोग एक मुस्लिम होटल में स्टे को विवश हो गए

रात में फिर से गोलियां चलने की आवाज आती रही वैसे भी श्रीनगर में सड़कों पर जगह-जगह मिलिट्री की पोस्टें बनी हुईं थीं जैसे कि युद्ध का मोर्चा लेने के लिए बनाई गईं हों.... शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति थी राहुल और पीयूष एक टैक्सी लेकर परिवार के साथ समय से पहले ही हवाई अड्डे निकल गए और काफी समय उनको एयरपोर्ट पर फ्लाइट की प्रतीक्षा  करनी पड़ी!!

    अंततः हवाई जहाज ने इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर लैंड किया ...... सभी को लगा जैसे अपने स्वर्ग में लौट आयें हों ..!!

   राहुल ने चैन की सांस लेते हुए कहा  हमारा असली स्वर्ग तो वास्तव में कश्मीर नहीं ......यही है !!!

✍️ अशोक विद्रोही

412, प्रकाश नगर, मुरादाबाद

उत्तर प्रदेश, भारत

मुरादाबाद मंडल के जनपद सम्भल (वर्तमान में मेरठ निवासी) के साहित्यकार सूर्यकांत द्विवेदी का दोहा ----


 

मुरादाबाद मंडल के जनपद रामपुर निवासी साहित्यकार रवि प्रकाश की कुण्डलिया


 

मुरादाबाद की साहित्यकार कंचन खन्ना की रचना



मुरादाबाद के साहित्यकार ओंकार सिंह ओंकार की रचना ---गमों के बीच से आओ खुशी तलाश करें .....


 

मुरादाबाद मंडल के नजीबाबाद (जनपद बिजनौर) की साहित्यकार दीपिका महेश्वरी सुमन का गीत--- बोले हम हिन्दी


 

मुरादाबाद के साहित्यकार रामदत्त द्विवेदी की रचना -----


 

मंगलवार, 14 सितंबर 2021

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति द्वारा हिन्दी दिवस 14 सितंबर 2021 को डाॅ. मनोज रस्तोगी को किया गया "साहित्य शिरोमणि सम्मान" से सम्मानित

मुरादाबाद की साहित्यिक संस्था राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति की ओर से वरिष्ठ पत्रकार व साहित्यकार डाॅ. मनोज रस्तोगी को हिन्दी दिवस पर 14 सितंबर 2021 को "साहित्य  शिरोमणि सम्मान" से सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें अंगवस्त्र, मानपत्र, प्रतीक चिह्न व सम्मान राशि भेंट की गयी। सम्मान-समारोह लाइनपार स्थित विश्नोई धर्मशाला में आयोजित किया गया। डाॅ. प्रेमवती उपाध्याय  द्वारा प्रस्तुत माँ सरस्वती की वंदना से आरंभ हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता मथुरा से आये सुप्रसिद्ध साहित्यकार राजीव सक्सेना (सहायक निदेशक-बचत) ने की। मुख्य अतिथि डाॅ. प्रेमवती उपाध्याय एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में के. पी. सिंह सरल मंचासीन हुए। संचालन रामसिंह निशंक ने किया।

 डाॅ. मनोज रस्तोगी  के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर आधारित आलेख का वाचन करते हुए युवा रचनाकार राजीव प्रखर ने कहा कि मुरादाबाद की साहित्यिक विरासत के संरक्षण में डाॅ. मनोज रस्तोगी का अतुलनीय योगदान है। उनका यह कार्य आने वाली पीढ़ियों को बेहतर सोचने व लिखने के लिये निश्चित रूप से प्रेरित करेगा। उनके द्वारा संचालित साहित्यिक मुरादाबाद ब्लॉग आज सारे विश्व में लोकप्रिय होकर मुरादाबाद के साहित्य व को आम जनमानस तक पहुँचा रहा है।।           

कार्यक्रम अध्यक्ष राजीव सक्सेना ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा - "डॉ. मनोज रस्तोगी द्वारा मुरादाबाद के हिन्दी साहित्यकारों और उनके साहित्य पर किया गया शोध मुरादाबाद के साहित्यिक इतिहास में एक अभिनव प्रयास है। उनके सम्मान से मुरादाबाद का साहित्यिक समाज गौरवान्वित हुआ है।" 

  मुख्य अतिथि डॉ. प्रेमवती उपाध्याय ने डाॅ. मनोज रस्तोगी के योगदान का अभिनंदन करते हुए कहा - " डॉ. मनोज रस्तोगी हमारे समाज का एक ऐसा हीरा है जिसकी अनंत रश्मियाँ अनेक साहित्यिक पटलों को चमका रही हैं। वह अपने उत्कृष्ट साहित्यिक व सामाजिक समर्पण से लोगों के हृदय को स्पर्श करने में पूर्णतया सफल रहे हैं।" 

  विशिष्ट अतिथि के. पी. सिंह सरल ने अपने उद्बोधन में कहा - "डॉ. मनोज रस्तोगी ने हिन्दी के विकास और प्रचार के लिए जो उल्लेखनीय कार्य किया है वह निश्चित रूप से अभिनंदन योग्य है।"         

 वरिष्ठ व्यंग्यकार  अशोक विश्नोई ने अपने उद्बोधन में कहा - "डॉ. मनोज रस्तोगी ने अपने सतत् साहित्यिक समर्पण से मुरादाबाद की गौरवशाली साहित्यिक व सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का अतुलनीय कार्य किया है।"

      वरिष्ठ साहित्यकार वीरेन्द्र सिंह बृजवासी ने कहा कि डॉ मनोज रस्तोगी साहित्यिक मुरादाबाद के माध्यम से मुरादाबाद के साहित्यकारों की रचनाओं का विश्वभर में प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। 

      जनवादी साहित्यकार शिशुपाल सिंह मधुकर ने कहा कि डॉ मनोज रस्तोगी ने साहित्यिक मुरादाबाद के माध्यम से नवोदित साहित्यकारों को एक मंच प्रदान किया है ।

      वरिष्ठ साहित्यकार रामदत्त द्विवेदी ने कहा कि डॉ मनोज रस्तोगी को साहित्य की सेवा करने पर हिन्दी साहित्य संगम द्वारा कीर्तिशेष राजेन्द्र मोहन शर्मा श्रंग स्मृति सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है । 

      वरिष्ठ साहित्यकार स्वदेश भटनागर ने उनकी रचनाधर्मिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उन्होंने अपनी कविताओं से एक अलग विशिष्ट पहचान बनाई है। 

      इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में उपस्थित अनेक वरिष्ठ व कनिष्ठ साहित्यकारों ने डॉ. मनोज रस्तोगी को शुभकामनाएं देते हुए उनके निरंतर स्वस्थ, सक्रिय व सफल जीवन की कामना की।

सम्मान समारोह के पश्चात एक काव्य-संध्या का भी आयोजन किया गया जिसमें उपस्थित विभिन्न वरिष्ठ व कनिष्ठ रचनाकारों ने अपनी सार्थक रचनाओं के द्वारा हिन्दी को नमन करने के साथ समाज की विभिन्न परिस्थितियों का चित्रण किया। कार्यक्रम में वीरेंद्र ब्रजवासी, राजीव प्रखर, डॉ. स्वदेश भटनागर, ओंकार सिंह ओंकार, रघुराज सिंह निश्चल, रामेश्वर वशिष्ठ, योगेंद्र पाल सिंह, कृपाल धीमान, अशोक विश्नोई, शिशुपाल मधुकर, रामदत्त द्विवेदी,  चिन्तामणि शर्मा, एमपी बादल जायसी, मनोज मनु, उदय प्रकाश उदय आदि वरिष्ठ और कनिष्ठ रचनाकारों ने काव्यपाठ किया। संस्था के संरक्षक योगेंद्र पाल सिंह विश्नोई द्वारा आभार अभिव्यक्ति के साथ कार्यक्रम विश्राम पर पहुँचा।









































::::::::प्रस्तुति:::::::

 राजीव 'प्रखर'

डिप्टी गंज

मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश,भारत

मो. 8941912642

     9368011960