बुधवार, 15 सितंबर 2021

मुरादाबाद के साहित्यकार अशोक विद्रोही की कहानी ----धरती का स्वर्ग


        डल झील में शिकारे की सैर सचमुच एक आलौकिक आनंद का अनुभव कराती है दूर-दूर तक फैली हुई झील ...पानी में तैरते हुए अनेकों शिकारे ...झील में ही तैरती हुई अनेक दुकानें, कुछ फूलों से लगी हुई नावें और दूर-दूर बड़े ही भव्य दिखाई देने वाले पानी की सतह पर तैरते हुए हाउसबोट जैसे वास्तव में धरती पर स्वर्ग उतर आया हो... राहुल का परिवार दो शिकारों में

सैर कर रहा था एक में राहुल उसकी पत्नी  अनीताऔर पौत्र यश, दूसरे में भूमिका पीयूष उसके बेटी , दामाद और... उनके बच्चे ऋषि,अपाला ! यह पल बड़े अनमोल और अविस्मरणीय थे ।

झील के बीच में टापू पर पार्क की भी सैर की  ... नियत समय पर वापस आकर शिकारे फिर से पकड़ लिये ..... जब ड्राई फ्रूट्स की दुकान वाली नाव पास से गुजरी उससे अखरोट बादाम पिस्ता की खरीदारी की गई ।

..... अब निश्चय किया गया कि रात किसी हाउसवोट में गुजारी जाए ....!  हाउसवोट में नहीं ठहरे तो   कश्मीर घूमने का क्या आनंद...? शानदार हाउसबोट किराए पर लिया और अलग-अलग कमरों में चले गए हाउसबोट पर सभी कुछ था 3 बैडरूम ,एक ड्राइंग रूम, किचन, बालकनी , लेट्रिन बाथरूम अटैच, थोड़ी देर में सभी के लिए कॉफी आई फिर खाना खाया फिर सब मिलकर बातें करने लगे......

    ....सोने के लिए जाने ही वाले थे कि अचानक गोली चलने की आवाज आई...!! सभी लोग डर गए .....यह तो ध्यान ही नहीं रहा था!! यहां आए दिन आतंकवादी गतिविधियां होती रहती हैं...! "अब रात के 12:00 बजे भागकर भी कहां जा सकते हैं.."....हाउसबोट जहां पर खड़ा था वहां 80 फीट गहरा पानी था और चारों ओर पानी ही पानी.... पर्यटकों की यह टोली बुरी तरह आतंकित और घबराई हुई थी ....हाउसवोट में जो सर्विस स्टाफ था उन्होंने आश्वस्त किया "डरने की कोई बात नहीं....! यहां पर यह सब होता रहता है!! परंतु पर्यटकों को कोई कुछ नहीं कहता.... क्योंकि उन्हीं से यहां वालों की  रोजी-रोटी चलती है....!!!!"" यह सुनकर भी राहुल और पीयूष का मन नहीं माना.... भूमिका और अनीता दोनों ही बहुत ज्यादा डर गई थी तीनों बच्चे सहम गए थे.....!!इसलिए सोने के लिए कमरों में जाने के बाद भी किसी को नींद नहीं आई ....!! हर आहट पर डरावने ख्याल डरा रहे थे ...... बाहर झील पर चांदनी तो बिखरी ही थी...... बिल्डिंग और हाउस फोटो की लाइटिंग भी जल में प्रतिबिंबित होकर अद्भुत दृश्य प्रस्तुत कर रही थीं....... निश्चय ही यह यात्रा इन लोगों के लिए रहस्य ,रोमांच और आतंक कि भावों को समेटे हुए थी !! जहां आने वाले हर पल मैं अनहोनी आशंकाओं का भय व्याप्त था ...!!   

        सुबह होते ही इन लोगों ने हाउसबोट छोड़ दिया  आज पहाड़ी पर शंकराचार्य के मंदिर जाना था  बिना समय गंवाए यह लोग एक गाड़ी बुक कर शंकराचार्य मठ शिवजी के मंदिर पहुंचेऔर फिर शुरू हुई 85 सीढ़ियों की दुर्गम चढ़ाई ....अच्छी खासी भीड़ थी वहां पर शिव जी के भक्तों की ...इन्होंने भी दर्शन किए परंतु दिल को चैन नहीं था ....बहुत प्रयास करने के बाद बहुत घूम-घूम कर ढूंढने पर एक सरदार जी का ढाबा मिला जिसमें खाना खाया .... अब और रुकने का मन नहीं था परंतु तत्काल लौट पाना भी संभव नहीं था आज सारे रास्ते बंद थे.... नेहरू टनल पर आतंकवादियों ने मिलिट्री के कुछ ऑफिसर की हत्या कर दी थी ....पूरे शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति हो गई थी !!

कहने को श्रीनगर बहुत सुंदर है ... परंतु आतंकवादियों ने इस स्वर्ग को नर्क में बदल दिया था ....इन लोगों ने तब गुलमर्ग की राह पकड़ी पहले टैक्सी फिर काफी रास्ता घुड़सवारी से तय किया वहां स्नोफॉल होने लगा नजारे बहुत खूबसूरत थे....

परंतु दिल तो श्रीनगर की घटना से दहल रहा था ..... सड़क मार्ग बिल्कुल बंद कर दिया गया था..... अब एक ही रास्ता बचा था कि दिल्ली के लिए फ्लाइट  पकड़ें कड़ी मशक्कत और कोशिशों के बाद अगले दिन की फ्लाइट मिली बीच में एक रात अभी बाकी थी.... ! इन्हे चिंता हो रही थी किस होटल में रात गुजारी जाए क्योंकि श्रीनगर में  एक भी हिंदू होटल नहीं.. ... जहां सुकून मिल सके !! 

.....कश्मीरी पंडितों के साथ जो कुछ हुआ वह दिल दहला देने वाला था ही  दहशत के मारे इन लोगों का बुरा हाल था फिर भी रात तो  गुजारनी ही थी एक अच्छा सा होटल देखकर दो कमरे लिए गए और यह लोग एक मुस्लिम होटल में स्टे को विवश हो गए

रात में फिर से गोलियां चलने की आवाज आती रही वैसे भी श्रीनगर में सड़कों पर जगह-जगह मिलिट्री की पोस्टें बनी हुईं थीं जैसे कि युद्ध का मोर्चा लेने के लिए बनाई गईं हों.... शहर में कर्फ्यू जैसी स्थिति थी राहुल और पीयूष एक टैक्सी लेकर परिवार के साथ समय से पहले ही हवाई अड्डे निकल गए और काफी समय उनको एयरपोर्ट पर फ्लाइट की प्रतीक्षा  करनी पड़ी!!

    अंततः हवाई जहाज ने इंदिरा गांधी एयरपोर्ट पर लैंड किया ...... सभी को लगा जैसे अपने स्वर्ग में लौट आयें हों ..!!

   राहुल ने चैन की सांस लेते हुए कहा  हमारा असली स्वर्ग तो वास्तव में कश्मीर नहीं ......यही है !!!

✍️ अशोक विद्रोही

412, प्रकाश नगर, मुरादाबाद

उत्तर प्रदेश, भारत

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