रविवार, 12 मार्च 2023

मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल की साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्था "परिवर्तन" ट्रस्ट ने आयोजित किया हास्य कवि सम्मेलन। इस अवसर पर जकार्ता (इंडोनेशिया) की कवयित्री वैशाली रस्तोगी का नागरिक अभिनंदन भी किया गया ।

मुरादाबाद मंडल के जनपद संभल की साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्था "परिवर्तन" ट्रस्ट  के तत्वावधान में जकार्ता (इंडोनेशिया) की कवयित्री वैशाली रस्तोगी के नागरिक अभिनंदन के उपलक्ष्य में शनिवार 11 मार्च 2023 को हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन आर्य समाज सभागार, आर्य समाज रोड सम्भल में किया गया।

    कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष कार्यक्रम अध्यक्ष नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ यूसी  सक्सेना, मुख्य अतिथि प्रसिद्ध उद्योगपति अमित त्यागी, व मंच संचालक हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर त्यागी अशोका कृष्णम् के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन व पुष्पार्पण के साथ किया गया। परिवर्तन ट्रस्ट की सचिव चौ दीक्षा सिंह द्वारा प्रस्तुत मां सरस्वती वंदना से आरंभ कार्यक्रम में वैशाली रस्तोगी को शॉल, स्मृति चिह्न व पुष्पाहार भेंट कर उनका नागरिक अभिनंदन किया गया।

  मुरादाबाद से पधारे वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. मनोज रस्तोगी ने सुनाया- 

  बीत गए कितने ही वर्ष 

  हाथों में लिए डिग्रियां, 

  कितनी ही बार जलीं 

  आशाओं की अर्थियां। 

  विख्यात व्यंग्यकार त्यागी अशोका कृष्णम् ने कहा- 

हर दिन होली सी रहे रंगों की बौछार, 

मंगलमय संसार का रसमय हो व्यवहार ।

अमरोहा की कवयित्री प्रीति चौधरी प्रीत ने सुनाया....

   रंग ने गंध का हाथ पकड़ा 

   यहां प्रीति फागुन हुई 

   मन मचलने लगे

   कवि आकर्ष त्यागी ने सुनाया ......

शाम ए गम में दिल लगाने का बहाना सीखिए, 

जिंदगी हंसने न दे तो मुस्कुराना सीखिए। 

       कवि दुष्यंत बाबा की इस रचना पर खूब ठहाके लगे.......

   गुझिया खाकर मेढ़की मले पेट पर हींग, 

   गधे आंदोलन कर रहे हम लेकर रहेंगे सींग । 

कवयित्री वैशाली रस्तोगी ने कहा - 

   होली पर मन कर रहा दर्शन दे दो श्याम,

   रंग तुम्हारे मैं रंगू और हमें क्या काम। 

 चौधरी दीक्षा सिंह ने सुनाया- 

 सारे रंगों से मिलकर जो रंग बना है, 

 वो सुंदर मनुहार छुपा है होली में। 

 इसके अतिरिक्त  पंकज दर्पण, शशि त्यागी, प्रदीप कुमार दीप ने भी काव्य पाठ किया। अंत में  वैशाली रस्तोगी ने अपने परिवर्तन ट्रस्ट परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह अपने घर में सम्मानित होकर अभिभूत हैं।









































  



 


बुधवार, 8 मार्च 2023

मुरादाबाद की साहित्यकार (वर्तमान में जकार्ता इंडोनेशिया निवासी) वैशाली रस्तोगी के आठ दोहे .....


होली की शुभकामना, प्रेम भरी बौछार।

आलिंगन में कस रहा,रंगीला त्यौहार।। 1।।


तन पर पड़ती जब सुनो,पिचकारी की धार।

रंगों की बौछार से,जुड़ते मन के तार।।2।।


ढोल तंबूरे बज रहे,चौपाई के गान।

रंगों में रंगीन सब,ऊंची सबसे शान।। 3।।


सांवरिया के रंग में,हुई सांवरी श्याम।

राधा के मन में बसे,कृष्णा आठों याम।। 4।।


केसरिया तन मन हुआ,पड़ी केसरी धार।

राधा कृष्णा खेलते,होली जमुना पार।।5।।


रंग रसिया साजन मिले,रंग बिरंगी देह।

सजनी का उबटन करें,उमड़ा सारा नेह।।6।।


होली होली श्याम की,होली राधा आज।

श्याम रंग ऐसा चढ़ा,श्याम बने सरताज।।7।।


चूड़ी खन खन बोलती,पायल की झंकार।

बांसुरिया अब आ मिलो,राधा रही पुकार।।8।।


✍️ वैशाली रस्तोगी

जकार्ता, इंडोनेशिया

मुरादाबाद के साहित्यकार अंकित कुमार अंक की रचना ...अबकी ऐसे रंगना हमको होली का दिन याद रहे


 रंगों  के  चटकीलेपन  से   ये जीवन  आबाद  रहे

अबकी  ऐसे  रंगना हमको होली का दिन याद रहे


ऐसा रंग लगाना जो हर दिल का  सूनापन भर  दे 

ऐसा  रंग लगाना जो सहमी इच्छाओं को पर  दे

ऐसा रंग लगाना जो अहसासों तक को तर कर दे

उम्मीदों  के  कल्ले  फूटें, मन की बगिया शाद रहे


ऐसा  रंग लगाना दिशा-दिशा  की मांगें  भर जाएँ

ऐसा  रंग  लगाना  चूनर  ओढ़  बालियाँ  मुस्काएँ

ऐसा   रंग  लगाना  पवनें    भी  मस्ती  में बौराएँ

धरती  जब अँगड़ाई ले तो नस-नस में उन्माद रहे


ऐसा रंग लगाना जिसमें अपनेपन  की चाहत हो

ऐसा रंग लगाना जिसकी रग-रग में ही मिल्लत हो

ऐसा   रंग   लगाना  जो   भाईचारे  की  राहत हो

आपसदारी  का  ये  जज़्बा  देखो  ज़िन्दाबाद  रहे


✍️ अंकित गुप्ता 'अंक'

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

मुरादाबाद के साहित्यकार योगेंद्र वर्मा व्योम के दोहे ....


 

मुरादाबाद मंडल के हसनपुर (जनपद अमरोहा) निवासी साहित्यकार मुजाहिद चौधरी की ग़ज़ल ...प्यार के रंग मैं सब को लगाना चाहूंगा


 दुनिया के सब दर्द मिटाना चाहूंगा ।

मैं तो सबको रंग लगाना चाहूंगा ।।

चाहूंगा नफरत को मिटाना चाहूंगा ।

प्रेम की गंगा फिर से बहाना चाहूंगा ।।

झूम के खुशबू और रंगों की मस्ती में ।

प्यार के रंग मैं सब को लगाना चाहूंगा ।। 

हिंदू को मुस्लिम से कुछ तकलीफ ना हो ।

एक दूजे से सबको मिलाना चाहूंगा ।।

तुम भी मुझको पाठ पढ़ाना वेदों के ।

मैं तुमको कुरआन पढ़ाना चाहूंगा ।।

धर्म सभी अच्छे हैं सच बतलाते हैं ।

मैं तो मुजाहिद प्यार सिखाना चाहूंगा ।।


✍️ मुजाहिद चौधरी 

हसनपुर, अमरोहा

मुरादाबाद की संस्था अक्षरा के कार्यक्रम में बरेली के संगीतकार अवधेश गोस्वामी द्वारा प्रस्तुत होरी


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मुरादाबाद के साहित्यकार राहुल शर्मा की ग़ज़ल ....अबकी होली में किसी खास को रंगना है मुझे

 


टूटी उम्मीद बुझी आस को रंगना है मुझे. 

और फीके पड़े उल्लास को रंगना है मुझे. 


मैं हूँ वासंती हवा रंग हैं सारे मुझमे. 

सरसों टेसू को अमलतास को रंगना है मुझे. 


कौन सा रंग है बेहतर मेरे रंगरेज बता. 

एक बेरंग से विश्वास को रंगना है मुझे. 


सात रंगों से अलग रंग की मुझको है तलाश. 

अबकी होली में किसी खास को रंगना है मुझे. 


नाम है भक्ति मेरा खुद मे अलग रंग हूँ मै. 

सूर को मीरा को रैदास को रंगना है मुझे. 


जिस्म से रंग तो एक रोज उतर जाएंगे. 

तेरी फितरत तेरे एहसास को रंगना है मुझे. 


मैं चितेरा हूँ मेरा काम बहुत बाकी है .

भूख गढ़नी है  अभी प्यास को रंगना है मुझे. 


चाहता हूँ कि इन्हें दूर से पहचान सकूँ. 

पीर को दर्द को संत्रास को रंगना है मुझे. 


✍️ राहुल शर्मा 

मुरादाबाद 244001

उत्तर प्रदेश, भारत

मुरादाबाद की संगीतकार बाल सुंदरी तिवारी द्वारा प्रस्तुत होरी

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मुरादाबाद मंडल के चंदौसी (जनपद संभल ) निवासी साहित्यकार रमेश अधीर की गजल ..... कुछ अपने भी दोष जलाएं आओ होली में .....


 


मुरादाबाद मंडल के जैतरा धामपुर (वर्तमान में नई दिल्ली निवासी) के साहित्यकार नरेन्द्र सिंह नीहार के दोहे ... भाभी ने भी कर दिया.


 


मुरादाबाद के साहित्यकार मनोज मनु की रचना ....ये फिजा मुबारक हो तुम्हें


 

मुरादाबाद की साहित्यकार डॉक्टर अर्चना गुप्ता का गीत ......खेल रहे आंखों आंखों में होली .....