उनसे थोड़ा मिलना मिलाना बाक़ी है
इश्क़ हुआ है, सिर्फ जताना बाक़ी है
रोएंगे किरदार कहानी में सारे
ऐसा अभी इक मोड़ तो आना बाक़ी है
चाँद सितारों से तो बातें कर ली हैं
अब सूरज से आँख मिलाना बाक़ी है
नींद की देवी तो पलकों तक आ ही चुकी
अब आँखों में ख्वाब सजाना बाक़ी है
बाद में दुनिया देखेंगे तुझको, पहले
रूठे हैं वो उनको मनाना बाक़ी है
तुम छाए हो विकीपीडिया पर लेकिन
हमको अपना नाम बनाना बाकी है
इश्क़ मुकम्मल हो जायेगा ऐ रुपा
बस पानी में आग लगाना बाक़ी है
✍️ रुपा राजपूत
गाजियाबाद
उत्तर प्रदेश, भारत
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